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Hindi News धर्म त्योहार Geeta jayanti 2023: सोना-चांदी चढ़ाने से भगवान नहीं होते हैं प्रसन्न, श्री कृष्ण ने गीता में बताई ये खास बात

Geeta jayanti 2023: सोना-चांदी चढ़ाने से भगवान नहीं होते हैं प्रसन्न, श्री कृष्ण ने गीता में बताई ये खास बात

गीता जयंती आने वाली है और आज हम आपको श्री कृष्ण द्वारा दिए गए एक उपदेश के बारे में बताने जा रहे हैं। अकसर हम सोचते हैं कि भगवान को क्या चीज चढ़ावे में भेंट करें जिससे उनकी कृपा मिल जाए। इस बारे में भगवान कृष्ण ने स्वयं गीता में बताया है कि उन्हें क्या चढ़ाने से वह शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

Geeta jayanti 2023- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Geeta jayanti 2023

Geeta jayanti 2023: हिंदू धर्म के अनसार यह महीना मार्गशीर्ष का चल रहा है और आप जानते हैं कि श्री कृष्ण का यह महीना सबसे प्रिय है। इसी महीने में सुदर्शन चक्र धारी श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन गीता जयंती मनाई जाती है। हम अकसर व्रत-त्योहारों में भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनको कई चीजें अर्पित करते हैं। लोगों का मनना है कि भगवान को स्वर्ण अर्पित करने, रत्न-आभूषण अर्पित करने और मैवे-मिष्ठान अर्पित करने से ही उनको प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है।

ये सच बात है कि हम जो पुण्य करते हैं वही आगे चल कर हमारा प्रारब्ध बनता है। लेकिन यह कहना कि सिर्फ मंहगी चीजों को अर्पित करने से प्रभु प्रसन्न हो जाते हैं तो यह कहना किंचित मात्र भी उचित नहीं है। ऐसा हम नहीं भगवान श्री कृष्ण स्वयं गीता में अर्जुन से कहते हैं कि वह किन चीजों को अर्पित करने से प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं वो कौन सी चीजें हैं जिन्हें अर्पित करने से श्री कृष्ण भक्तों पर अपनी कृपा बरसा देते हैं।

भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा 

पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति। तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मनः।।9.26।। (गीता श्लोक)

है अर्जुन मेरे भक्त मुझे प्यार से और भक्ति भाव से यदि एक साधारण से फूल की एक पंखुड़ी, साधारण सा फल और पत्ता भी चढ़ा दें तो में उसे स्नेह पूर्वक स्वीकार करता हूं। भगवान के द्वार में कोई चीज छोटी या बड़ी नहीं होती है। जो भक्त श्रद्धा के साथ ये चीजें अर्पित करते हैं। वह मेरे लिए अनमोल है और मुझे उनकी हर प्रकार की भेंट भी स्वीकार है। 

भगवान होते हैं श्रद्धा और भक्ति से प्रसन्न

इस श्लोक में श्री कृष्ण अर्जुन से यही कहते हैं कि भगवान को सच्ची श्रद्धा और भक्ति से जो भी चीजे आप उन्हें अर्पित कर दें वही उन्हें स्वीकार होता है। जरूरी नहीं की स्वर्ण, हीरे और जैवरात ही भगवान को अर्पित किए जाएं। तभी वह प्रसन्न होंगे कुल श्लोक में श्री कृष्ण का यही कहना है कि भगवान के द्वार में कोई भी चीज भेंट की हुई छोटी और बड़ी नहीं होती है। जिसका जितना सामर्थ हो वह उसी वस्तु को श्रद्धा से भेंट कर दे तो वह भी उसी तरह स्वीकार है जिस तरह और चीजें भेंट की जाती है। यदि सच्ची श्रद्धा नहीं है और कामना पूर्ति के लिए कितनी भी मंहगी चीज आप मंदिर में भगवान के समुख्ख हो कर दान कर आएं उसका कोई मतलब नहीं होता। जो भगवान के सच्चे भक्ति होते हैं उनकी भक्ति ही भगवान के लिए सबसे बड़ा भेंट है।

गीता जयंती कब है

मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष को एकादशी तिथि के दिन गीता जयंती मनाई जाएगी। इस बार गीता जयंती 22 दिसंबर 2023 दिन शुक्रवार को है। इस दिन श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता के अनमोल उपदेश दिए थे। माना जा रहा है कि द्वापर युग के समाप्त होने के बाद कलयुग की शुरुआत हुई। इस बार साल 2023 में दिसंबर महीने में पड़ने वाली गीता जयंती की 5160वीं वर्षगांठ है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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