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Hindi News खेल क्रिकेट DDCA Elections 2018: रजत शर्मा ने कहा, 'DDCA को पेशेवर, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना मकसद'

DDCA Elections 2018: रजत शर्मा ने कहा, 'DDCA को पेशेवर, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना मकसद'

भारतीय टीम के कई क्रिकेटरों ने डीडीसीए चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा का समर्थन किया है।

<p>इंडिया टीवी के...- India TV Hindi इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा 

DDCA ELECTION 2018: डीडीसीए अध्यक्ष पद का चुनाव 30 जून को होना है और इसके लिए वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, हरभजन सिंह, आकाश चोपड़ा, रवि शास्त्री ने इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा का जबरदस्त समर्थन किया है। अब रजत शर्मा ने कहा है कि उनका मकसद DDCA को भ्रष्टाचार मुक्त और सदस्यों का खोया सम्मान वापस दिलाना है। आइए आपको बताते हैं कि DDCA चुनाव पर इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने क्या कहा।

कई लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि मैंने DDCA के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया? मैं उनको बताना चाहता हूं कि मेरे प्रोफेशन ने मुझे बहुत कुछ दिया है...सम्मान,  प्यार और पैसा। नहीं, अब मैं कुछ नहीं चाहता बल्कि अब मैं समाज को कुछ देना चाहता हूं। और मैं इसकी शुरुआत अपने जुनून से करना चाहता हूं जो कि क्रिकेट का खेल है। मेरा मानना है कि DDCA को कई विवादों में घसीटा गया है और अब इसकी छवि सुधारने, इसे पारदर्शी बनाने और इसे काम करने लायक बनाने की जरूरत है। 

DDCA सदस्यों के लिए क्या है विजन

DDCA के सदस्य जब DDCA ग्राउंड या क्लब में आते हैं तो उन्हें अच्छा महसूस नहीं होता। वो खुद को अलग-थलग सा पाते हैं। कुछ सदस्य गोल्फ क्लब जाना पसंद करते हैं तो कुछ जिमखाना जाना। लेकिन DDCA में आने के दौरान उन्हें सम्मान जैसा कुछ भी महसूस नहीं होता। मैं उन्हें वो सम्मान लौटाना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि सदस्य जब DDCA  ग्राउंड या क्लब आएं तो उन्हें लगे कि वो यहां अपने परिवार या दोस्तों के साथ भी आ सकते हैं। मैं DDCA को साफ-सुथरा बनाना चाहता हूं। 

खिलाड़ियों के चयन का विजन

दिल्ली के खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है। दिल्ली ने भारत को विराट कोहली, गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, आशीष नेहरा जैसे सितारे दिए हैं। दिल्ली ने भारत को विश्वस्तरीय खिलाड़ी दिए हैं। नई पीढ़ी में ऋषभ पंत भी दिल्ली की ही देन हैं। खिलाड़ियों ने अपना काम किया है और अब ये हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें अच्छी से अच्छी सुविधा दे सकें। हमारी ड्यूटी है कि हम खिलाड़ियों को अच्छी जिम, बेहतरीन कोच और एक ऐसा वातावरण दें जहां वो अपने खेल को सुधार सकें।

मुझे सबसे ज्यादा दर्द तब होता है जब मैं सुनता हूं कि हमारे बेटे दिन-रात मेहनत करते हैं लेकिन जब टीम में चयन की बारी आती है तो उन्हें सिफारिश की जरूरत पड़ती है। इसे बंद करना होगा। किसी भी खिलाड़ी को किसी की सिफारिश की जरूरत नहीं होनी चाहिए, खिलाड़ियों का चयन उनकी काबिलियत पर होना चाहिए ना कि किसी की सिफारिश पर। यही मेरा मकसद होगा। 

DDCA को पेशेवर बनाना मकसद

मैं DDCA को एक पेशेवर संस्था बनाना चाहता हूं। इसमें पेशेवर CA, CFO और कोच होने चाहिए। क्रिकेट से जुड़े सारे फैसले क्रिकेटरों को और पेशेवर फैसले अध्यक्ष और टीम को लेने चाहिए। ये बहुत जरूरी है और एक ऐसा तरीका होना चाहिए कि कोई भ्रष्टाचार के बारे में सोचे भी ना। सब कुछ पारदर्शी और सारे रिकॉर्ड कंप्यूटर पर होने चाहिए। न्यूज चैनल चलाना कोई आसान काम नहीं है। न्यूज चैनल में 800 से 900 लोग काम करते हैं। इंडिया टीवी को मैंने शून्य से खड़ा किया है। और वो मेरे लिए एक अच्छा अनुभव था। टीवी में, हमें रात को 9 बजे मेक-अप करके हर हाल में शो करना होता है। फिर चाहे हमें तेज बुखार हो या फिर प्रधानमंत्री का फोन ही क्यों ना आ रहा हो, हमें शो करना ही होता है।

यही चीज DDCA में भी लाने की जरूरत है। सब कुछ समय के मुताबिक होना चाहिए और लोगों में हर काम को समय पर करने की जिम्मेदारी होनी चाहिए। आपके पास प्लान बनाने और इसे लागू करने के लिए 3 साल का समय है। हर काम अनुशासित तरीके से किया जाना चाहिए। मेरा मानना है कि ये बहुत जरूरी है और DDCA में ऐसा होना अभी बाकी है।  

जो लोग मुझे जानते हैं वो इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि मैं लोगों से कितनी आसानी से मिलता-जुलता हूं। मैं हमेशा अपने दर्शकों का शुक्रगुजार रहता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि मैं आज जो कुछ भी हूं वो सिर्फ अपने दर्शकों की वजह से हूं। उन्होंने मुझे बनाया है। सड़कों पर, होटलों में, लंदन, न्यू यॉर्क... मैं जहां भी जाता हूं लोग मुझसे मिलते हैं और मैं उन्हें सुनता हूं। क्योंकि मुझे उनमें आईना नजर आता है। मुझे उनसे सीखना होता है।

आज अगर DDCA सदस्य मुझे अध्यक्ष बनाते हैं तो मेरी पहली प्राथमिकता उनके साथ समय बिताने की होगी। पिछले एक महीने में मैं व्यकितगत रूप से 1400-1500 सदस्यों से मिल चुका हूं। मैंने कई लोगों से फोन पर बात की जिससे मुझे उनके विचार पता चल सकें। मुझे लगता है कि DDCA के कई सदस्य जो कि संस्था के साथ 40-45 साल से जुड़े हैं उनकी आंखों में इसके लिए कुछ सपने हैं। लेकिन चयन, ग्राउंड, सुविधाओं और माहौल को लेकर उनके दिलों में काफी दर्द है।

मैं उनके सारे सपने पूरे करना चाहता हूं। जब मुझे DDCA के लिए काम करने का मौका मिलेगा तो मैं इंडिया टीवी का सारा अनुभव इसपर लगा दूंगा। मैं DDCA से कुछ नहीं चाहता। मैं DDCA में किसी पद के लिए नहीं जा रहा हूं, मैं वहां कुछ फायदे के मकसद से नहीं जा रहा। बल्कि मैं वहां कुछ देने जा रहा हूं। DDCA की बेहतरी के लिए मैं अपनी उस शक्ति और पद का इस्तेमाल करना चहता हूं जो मुझे मेरे दर्शकों ने दी है। 

कई लोग कहते हैं कि खिलाड़ियों को खेल मैनेज करना चाहिए। यहां तक कि मैंने भी पहले ये कहा था। लेकिन जब मैंने अरुण जेटली जी समेत कुछ वरिष्ठ लोगों से बात की और कहा कि खिलाड़ियों को बोर्ड चलाने का मौका क्यों नहीं दिया जाता। तो उन्होंने मुझसे कहा कि ये टीवी में सुनने में अच्छा लगता है लेकिन ये इसका समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले इस तरह के कई मौके रहे हैं जब खिलाड़ियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन वो इसमें बुरी तरह विफल रहे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पेशेवर होना अलग बात होती है। क्रिकेटरों को खेल, पिच, अंपायरों, चयन से जुड़े फैसले लेने चाहिए।

लेकिन DDCA को CPWD, पानी, पुलिस, शहरी विकास मंत्रालय की जरूरत है। कई लोगों ने मुझसे कहा है और मैं उनसे सहमत भी हूं कि जब मुझे कोई फैसला लेना होगा तो मेरे लिए उप-राज्यपाल, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी या फिर DDCA के चेयरमैन से बात करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन एक क्रिकेटर को इन सबके पास जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और इस कारण कई सारे काम बचे रह जाते हैं। ये अच्छी शक्ति है और मुझे ये मेरे दर्शकों, टीवी और समर्थकों से मिली है। और इसलिए, मैं अपनी इस शक्ति का इस्तेमाल जल्दी काम पूरा कराने में लगाऊंगा। खेल से जुड़े मामलों में मैं क्रिकेटरों की सलाह भी लूंगा।   

मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, आकाश चोपड़ा जैसे क्रिकेटर मेरा समर्थन कर रहे हैं। और उन सबने ये कहा है कि उन्हें मेरी पेशेवर क्षमताओं पर पूरा यकीन है। सहवाग के खेल की कोई तुलना नहीं है, गंभीर की गंभीरता और प्रतिबद्धता की कोई तुलना नहीं है। हरभजन सिंह, आकाश चोपड़ा, बतौर कोच रवि शास्त्री ने अच्छा काम किया है। इन सबने कहा है कि वो क्रिकेट से जुड़े फैसले तो ले सकते हैं लेकिन वो प्रशासन नहीं चला सकते। और उन सबके सुझावों के बाद ही मैं यहां हूं। क्रिकेट के खेल के एक्सपर्ट्स ने मुझसे कहा कि मैं प्रबंधन को अच्छे से चला सकता हूं और इसलिए मैंने ये फैसला लिया है।   

DDCA सदस्यों के लिए संदेश

मैं सदस्यों को बताना चाहूंगा कि हम दिल्ली को विश्वस्तरीय स्टेडियम देना चाहते हैं जहां हर सुविधा मौजूद हो। जब कोई सदस्य मैच देखने आए तो उसे शानदार अनुभव हो। दर्शकों के बैठने की सुविधा अच्छी होगी। कई लोगों को ये शिकायत रहती है कि उन्हें सिर्फ एक ही टिकट मिल पाती है और इस कारण वो अपने परिवार के साथ मैच नहीं देख पाते। इसलिए हम चाहते हैं कि लोगों को कम से कम दो टिकट मिल सके। हर किसी को ग्राउंड में पीने के लिए साफ पानी मिले। वहां पर क्लब सुविधाएं भी अच्छी होनी चाहिए... मैंने काफी लंबी लिस्ट बनाई है। पुराने सदस्य जो कि पदाधिकारी भी रह चुके हैं उन्हें सुनने के बाद मैंने ये लिस्ट बनाई है।

मैंने जो दस्तावेज तैयार किए हैं वो उनकी समस्याओं को सुनने के बाद ही तैयार किए हैं। और मेरे पास उन्हें अच्छी सुविधा देने के लिए अच्छी योजना है। मैं DDCA सदस्यों से वादा करता हूं कि मैं DDCA में निःस्वार्थ इरादे से आ रहा हूं। ना तो मेरी कोई एकेडमी है जिससे मैं पैसे कमा रहा हूं और ना मेरा कोई बेटा है जिसे मुझे क्रिकेट खिलाना है। DDCA में आने के पीछे मेरा कोई स्वार्थ नहीं है।

मेरा सिर्फ एक ही मकसद है कि मैं इन तीन सालों में DDCA को पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त बना सकूं। जिससे कि तीन साल के बाद भले मैं DDCA में ना रहूं और जो भी इसे संभाले वो इसे भ्रष्ट ना बना सके और अपने स्वार्थ में इसका इस्तेमाल ना कर सके। मेरी प्रतिबद्धता है और मकसद यही है कि मैं DDCA सदस्यों का खोया सम्मान और गौरव वापस दिला सकूं। जिससे कि वो जब भी फिरोज शाह कोटला आएं तो उन्हें महसूस हो कि वो एक अच्छी संस्था का हिस्सा हैं और उन्हें इस पर गर्व हो। (Read This Story In English)

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