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Hindi News खेल क्रिकेट हरमनप्रीत और मंधाना को 'नीचा दिखाया' जाते हुए नहीं देख सकता : रमेश पोवार

हरमनप्रीत और मंधाना को 'नीचा दिखाया' जाते हुए नहीं देख सकता : रमेश पोवार

पोवार का कार्यकाल 30 नवम्बर को समाप्त कर दिया गया था, जिसके बाद बीसीसीआई ने उनके करार को बढ़ाने में रुचि न दिखाते हुए नए कोच के लिए विज्ञापन जारी कर दिए।

हरमनप्रीत और मंधाना को 'नीचा दिखाया' जाते हुए नहीं देख सकता : रमेश पोवार- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES हरमनप्रीत और मंधाना को 'नीचा दिखाया' जाते हुए नहीं देख सकता : रमेश पोवार

मुंबई। भारतीय महिला टीम के पूर्व कोच रमेश पोवार का कहना है कि वह दोबारा इस पद के लिए आवेदन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह अपना समर्थन करने वाली सीनियर खिलाड़ियों को 'नीचा गिराए' जाते हुए नहीं देख सकते। पोवार के मुताबिक टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना ने कोच के तौर पर उनका समर्थन इसलिए किया क्योंकि वह जानती हैं कि इस टीम को मौजूदा मुकाम तक ले जाने के लिए तीन महीनों तक किस कदर मेहनत की गई थी।

वेबसाइट 'ईएसपीएन' की रिपोर्ट के अनुसार, महिला टीम के कोच पद के लिए पोवार ने फिर से आवेदन किया है और इसके लिए एड-हॉक कमिटि के सामने इंटरव्यू 20 दिसम्बर को होने हैं। पोवार का कार्यकाल 30 नवम्बर को समाप्त कर दिया गया था, जिसके बाद बीसीसीआई ने उनके करार को बढ़ाने में रुचि न दिखाते हुए नए कोच के लिए विज्ञापन जारी कर दिए। इसी के तहत अन्य उम्मीदवारों के साथ पोवार ने भी आवेदन दिया है। 

महिला टीम के कोच की नियुक्ति के लिए बीसीसीआई द्वारा एड-हॉक समिति के गठन की घोषणा मंगलवार को की गई थी और इस पर नया विवाद खड़ा हो गया है। प्रशासकों का समिति (सीओए) की सदस्य डियाना इडुल्जी समिति के निर्माण के खिलाफ हैं और पोवार को ही कोच पद पर देखना चाहती हैं लेकिन सीओए के प्रमुख विनोद राय ने उनकी इस अपील को खारिज कर दिया है। 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले, हरमनप्रीत और मंधाना ने बीसीसीआई द्वारा विज्ञापन जारी किए जाने के बाद बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी और सीओए को ई-मेल के जरिए पोवार को कोच पद पर बनाए रखने की अपील की थी। 

ऐसे में कोच पद के लिए फिर से आवेदन करने के बारे में पोवार ने कहा, "मैं हरमनप्रीत और मंधाना का सम्मान करता हूं। इन दोनों खिलाड़ियों ने मेरा समर्थन किया है। वे जानती हैं कि हमने इस टीम को नई ऊंचाई देने के लिए कितनी मेहनत की है। अब जो भी होगा, वह मेरे नियंत्रण में नहीं है। उनका समर्थन मुझे इस बात की संतुष्टि देता है कि मैंने जो कड़ी मेहतन की, वे उसका सम्मान करती हैं।"

पोवार ने कहा, "हमने इस कड़ी मेहनत के दम पर आठ साल बाद टी-20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया। कोच पद के विवाद पर मैंने काफी सोच-विचार और अपने परिवार तथा दोस्तों के साथ चर्चा कर यह फैसला लिया है कि मुझे वह करना चाहिए, जो मेरे नियंत्रण में है। खिलाड़ियों के समर्थन का सम्मान करते हुए मुझे फिर से आवेदन देना चाहिए।"

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