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Hindi News खेल क्रिकेट India vs South Africa: अगर ऋद्धिमान साहा ने नहीं किया ये काम तो जल्द टेस्ट टीम से छिन सकती है उनकी जगह

India vs South Africa: अगर ऋद्धिमान साहा ने नहीं किया ये काम तो जल्द टेस्ट टीम से छिन सकती है उनकी जगह

इस सीरीज से भारतीय विकेट कीपर ऋद्धिमान साहा ने प्लेइंग इलेवन में वापसी की और अपनी लाजवाब विकेट कीपिंग से धमाल ही मचा दिया।

India vs South Africa: If Wriddhiman Saha did not do this work, then he can be snatched away from Te- India TV Hindi Image Source : AP India vs South Africa: If Wriddhiman Saha did not do this work, then he can be snatched away from Test team soon

भारत ने रांची में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए तीसरे टेस्ट मैच को एक इनिंग और 202 रनों से जीतकर सीरीज में मेहमानों का 3-0 से सूपड़ा साफ कर दिया है। इस मैच में भारतीय ने ऑलराउंड परफॉर्म कर अफ्रीकी टीम पर अपना दबदबा बनाया और इस सीरीज में कहीं भी ऐसा लगा नहीं की भारतीय टीम पिछड़ रही है। भारतीय टीम पूरी सीरीज में मेहमानों पर हावी नजर आई।

इस सीरीज से भारतीय विकेट कीपर ऋद्धिमान साहा ने प्लेइंग इलेवन में वापसी की और अपनी लाजवाब विकेट कीपिंग से धमाल ही मचा दिया। अंगुठे की चोट और कंधें की सरजरी के बाद साहा को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट टीम में तो रखा गया था, लेकिन उन्हें वहां मैच खेलने का मौका नहीं मिला था।

इस सीरीज में साहा ने कुछ सूपरमैन कैच भी पकड़े जिससे उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी। साहा की विकेटकीपिंग को देखकर एक बार फिर उन्हें दुनिया के मौजूदा विकेट कीपरों में सर्वश्रेष्ठ कहा जाने लगा। कप्तान कोहली ने भी सीरीज से पहले ये बात कही थी और साथ ही भारतीय स्पिन जोड़ी अश्विन और जडेजा ने भी माना कि साहा के रहने से एक्सट्रा रन कम गए हैं।

साहा ने वापसी करते हुए ये तो बताय दिया की विकेट कीपिंग में उनका कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन अगर उन्हें टीम में थोड़े लंबे समय तक जगह बनाए रखनी है तो उन्हें अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देने की जरूरत है। साहा अब 34 साल के हो गए हैं और उनका टेस्ट करियर 2-3 साल का ही रह गया है। भारतीय चयनकर्ता अब यह साफ कर चुके हैं कि साहा को रेड बॉल क्रिकेट ही खिलाना है क्योंकि साहा ने भारत के अभी तक कुल 9 ही वनडे मैच खेले हैं और उन्होंने वॉइट बॉल से अपना आखिरी मैच भारत के लिए 2014 में खेला था। 

साहा को इस सीरीज में दो बार बल्लेबाजी करने का मौका मिला और वो मात्र इसमें 45 रन ही जोड़ सके। ये कहा जा सकता है कि उनका बल्लेबाजी क्रम इस सीरीज में नीचे किया गया है क्योंकि इस सीरीज में जडेजा को उनसे ऊपर बल्लेबाजी करने का मौका दिया गया था, लेकिन साहा को यह बात समझनी होगी कि उन्हें बल्लेबाजी चाहे 6ठें या 7वें नंबर पर मिले उन्हें रन बनाने होंगे वो अपनी विकेट कीपिंग के चलते लंबे समय तक टीम में नहीं टिक सकते।

साहा में बल्लेबाजी करने की काबलियत है, वह ओवरसीज में टीम के जल्दी विकेट गिरने पर अंत में टीम को संभाल सकते हैं, लेकिन टीम में साथी विकेटकीपर पंत ने भी पिछली कई ओवरसीज में भारत के लिए रन बनाए हैं और विकेट कीपिंग में भी अपने रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। साहा की एक खराब सीरीज उन्हें अब टीम से बाहर का रास्ता दिखा सकती है। ऐसे में पंत को उनकी जगह मौका मिल सकता है। 

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