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Hindi News खेल क्रिकेट अभ्यास के साथ-साथ मानसिक मजबूती है सफलता की कुंजी- तेज गेंदबाज नवदीप सैनी

अभ्यास के साथ-साथ मानसिक मजबूती है सफलता की कुंजी- तेज गेंदबाज नवदीप सैनी

वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे वनडे के लिए जैसे ही चोटिल दीपक चाहर की जगह नवदीप सैनी का चयन हुआ, उन्होंने सबसे पहले अपने दोस्त को फोन करके विंडीज बल्लेबाजों के खिलाफ रणनीति का प्लान बनाया।

Navdeep Saini- India TV Hindi Image Source : AP Navdeep Saini

साल 2019 के अंत में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज का अंतिम मैच 4 विकेट से जीतकर सीरीज पर कब्ज़ा किया था। इस तरह साल के अंतिम मैच में टीम इंडिया के उभरते हुए तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने अपने वनडे करियर का आगाज किया। हरियाणा में जन्मे और दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले नवदीप ने अपने डेब्यू मैच में कटक के बाराबती स्टेडियम में दो विकेट हासिल किए। जिसमें पहला विकेट शिमरोंन हेटमायर का जबकि दूसरा विकेट रोस्टन चेस का शामिल था। ऐसे में सैनी ने डेब्यू के बाद हिंदुस्तान टाइम्स को दिए साक्षात्कार में बताया कि कैसे उन्होंने दोस्त के साथ मिलकर वेस्टइंडीज के खिलाफ प्लान बनाया और सफलता हासिल की। 

मैच में विंडीज ने पहले खेलते हुए 315 रन बनाए थे। जिसके जवाब में भारत ने 48.3 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया। कप्तान कोहली (85), सलामी बल्लेबाज रोहिर शर्मा (65) और के. एल. राहुल (77) ने शानदार अर्धशतकीय पारिया खेली। जबकि अंत में जडेजा ने महत्वपूर्ण 39 रनों की पारी खेल टीम को जीत दिलाई। 

इस तरह वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे वनडे के लिए जैसे ही चोटिल दीपक चाहर की जगह नवदीप सैनी का चयन हुआ, उन्होंने सबसे पहले अपने दोस्त को फोन करके विंडीज बल्लेबाजों के खिलाफ रणनीति का प्लान बनाया। जिसके बारे में सैनी ने कहा, "मैं रणजी क्रिकेट खेल रहा था और ऐसा कुछ सोचा भी नहीं था कि मेरा वनडे टीम में चयन होगा। टीम में अचानक चुने जाने के बाद मैंने अपने बचपन के दोस्त मोहित कल्याण ( हरियाणा बल्लेबाज ) को फोन मिलाया जो टेलीविजन पर क्रिकेट मैच काफी देखता है। उससे मैंने पूछा कि वेस्टइंडीज के लिए कौन सा बल्लेबाज अच्छा खेल रहा है तो उसने मुझे शिमरोन हेटमायर और और कीरोन पोलार्ड का नाम बताया। जिसके बाद फिर हमने उनके खिलाफ प्लान बनाया।"

इतना ही नहीं सैनी ने आगे इस प्लान के बारे में बताया, "विंडीज के बल्लेबाज को अगर आप ऑफ साइड स्टंप में रूम देंगे तो वो बहुत बड़े-बड़े शॉट्स खेलते हैं। ऐसे में मैंने और मोहित ने विचार किया और शोर्ट लेंथ शरीर की तरफ जाती गेंदों को अपना हथियार बनाया। क्योंकि मेरी तेज गति के कारण उन्हें शरीर में आती गेंद को पुल करने में मुश्किल होगी।" 

नवदीप अपने प्लान में सफल भी हुए और मैच में उन्होंने हेटमायर को प्लान के मुताबिक शरीर की तरफ शॉट गेंद डाली जिसपर वो पुल मारने के चक्कर में फाइन लेग पर कैच दे बैठे थे। इस तरह शिमरोन जैसा खतरनाक बल्लेबाज 37 रन बनाकर पवेलियन लौट गया। इसके बाद सैनी ने वनडे क्रिकेट की सबसे घातक यार्कर गेंद डालते हुए रोस्टन चेस को चलता किया। सैनी ने चेस को खतरनाक यार्कर डाली जिसे वो भांप नहीं पाए और 38 रन पर चलते बने। 

ऐसे में अपनी सटीक यार्कर के बारे में सैनी ने कहा, " घरलू क्रिकेट ( विजय हजारे, रणजी ट्रॉफी ) में एक ही जगह पर गेंद डालने से काफी अभ्यास होता है। मुझे भी घरेलू क्रिकेट से काफी फायदा मिला। ऐसी गेंद को डालने से पहले आपको मानसिक रूप से ज्यादा मजबूत होना पड़ता है। आप भलें ही अभ्यास कम करें लेकिन मानसिक रूप से मजबूती ही आपको जीत दिलाती है।"

वहीं आगामी साल 2020 में श्रीलंका के खिलाफ टी20 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के बारे में सैनी ने कहा, "मैं बस अपने प्लान पर काम करना चाहते हूँ। इससे फर्क नहीं पड़ता कि विरोधी टीम कौन सी है। मैं बस एक यार्कर गेंद पर और विजय पाना चाहता हूँ जिससे अंतिम ओवेरों में बुमराह जैसी यार्कर डाल सकूँ।" 

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