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Hindi News खेल क्रिकेट अब तो आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ने भी मान लिया भारत विश्व कप का प्रबल दावेदार है

अब तो आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ने भी मान लिया भारत विश्व कप का प्रबल दावेदार है

 यह संयोग ही था कि जिस दिन भारतीय टीम पिछले आठ साल में अपने न्यूनतम स्कोर पर आउट हुई उसी दिन आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेव रिचर्डसन ने उसे इंग्लैंड में इस साल होने वाले वनडे विश्व कप में खिताब का प्रबल दावेदार करार दिया।

Dave Richardson- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES Dave Richardson

नई दिल्ली। यह संयोग ही था कि जिस दिन भारतीय टीम पिछले आठ साल में अपने न्यूनतम स्कोर पर आउट हुई उसी दिन आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेव रिचर्डसन ने उसे इंग्लैंड में इस साल होने वाले वनडे विश्व कप में खिताब का प्रबल दावेदार करार दिया। भारतीय टीम न्यूजीलैंड में चौथे एकदिवसीय मैच में केवल 92 रन पर ढेर हो गयी लेकिन रिचर्डसन ने इसे खास तवज्जो नहीं दी। उन्होंने इस संबंध में पूछे गये सवाल को यह कहकर टाल दिया कि ‘‘हर टीम का अपना दिन होता है।’’
 
लेकिन दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने वर्तमान भारतीय टीम को बेहद संतुलित करार दिया। उन्होंने मेजबान इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के साथ विराट कोहली की टीम को भी खिताब के दावेदारों में शामिल किया। रिचर्डसन ने यहां आईसीसी और कोका-कोला के बीच पांच साल के करार के अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘विश्व कप 2019 में दस सर्वश्रेष्ठ टीमें भाग लेंगी। भारत इस समय बहुत अच्छा खेल रहा है और खिताब का दावेदार है। इंग्लैंड वनडे में सर्वश्रेष्ठ टीम है जबकि दक्षिण अफ्रीका भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। विश्व कप कौन जीतेगा इस तरह की भविष्यवाणी करना मुश्किल है।’’ 

उन्होंने कोहली की टीम की सौरव गांगुली की अगुवाई वाली टीम से तुलना करते हुए कहा कि वर्तमान टीम हर विभाग में मजबूत है जबकि पूर्ववर्ती टीमों की गेंदबाजी कमजोर थी। गांगुली की अगुवाई में भारतीय टीम विश्व कप 2003 के फाइनल में पहुंची थी। 

रिचर्डसन ने कहा, ‘‘भारत ने पिछले चार-पांच वर्षों में जिस तरह से प्रगति की है वह शानदार है। सौरव गांगुली की अगुवाई वाली भारतीय टीम भी मजबूत थी। गांगुली वाली टीम में वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे शानदार बल्लेबाज थे लेकिन उनकी गेंदबाजी थोड़ा कमजोर थी जिससे टीम कई बार अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं कर पायी थी। वर्तमान टीम बेहत संतुलित है। उसकी गेंदबाजी भी मजबूत है और उसे हराना आसान नहीं है।’’ 

आईसीसी के किसी भी टूर्नामेंट में अमूमन भारत और पाकिस्तान को एक ग्रुप में रखा जाता है लेकिन 2020 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप में ऐसा देखने को नहीं मिलेगा। इन दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों को अलग अलग ग्रुप में रखा गया है। 

रिचर्डसन ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘निश्चित तौर पर क्रिकेट प्रेमी इन दोनों टीमों को आपस में खेलते हुए देखना चाहते हैं लेकिन हमने रैंकिंग के आधार ग्रुप तैयार किये। इस मामले में पाकिस्तान रैंकिंग में नंबर एक और भारत नंबर दो पर था और इसलिए उन्हें अलग अलग ग्रुप में जगह मिली। ग्रुप की विश्वसनीयता बनाये रखने के लिये हम रैंकिंग का सहारा लेते हैं। ये दोनों टीमें सेमीफाइनल या फाइनल में पहुंचने पर आपस में भिड़ सकती हैं।’’ 

आईसीसी टूर्नामेंटों के आयोजन पर करों में छूट नहीं मिलने पर भारत की मेजबानी को खतरे संबंधी सवाल पर रिचर्डसन ने कहा, ‘‘हमारे लिये पैसा महत्व रखता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इससे भारत की मेजबानी को खतरा है।’’ 

भारत 2021 में होने वाले आईसीसी टी20 विश्व कप और 2023 में वनडे विश्व कप की मेजबानी करेगा। 

आईसीसी मुख्य कार्यकारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिक्सिंग की किसी भी तरह की संभावना से इन्कार किया और कहा कि विश्व संस्था इस खेल को भ्रष्टाचार से दूर रखने के लिये पूरी तरह से तैयार है। 

उन्होंने कहा, ‘‘आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई अच्छी तरह से काम रही है। वह खिलाड़ियों के व्यवहार पर भी निगरानी रखती है। हमारी पूरी कोशिश रहती है ऐसे लोगों को टीमों और खिलाड़ियों से दूर रखा जाए जो मैच फिक्स करने की फिराक में रहते हैं। खिलाड़ियों को इस बारे में शिक्षित करना बेहद जरूरी है। अच्छी बात यह है कि खिलाड़ी अब खुद ही रिपोर्ट करते हैं।’’ 

पिछले लंबे समय से आईसीसी से जुड़े रिचर्डसन इस साल विश्व कप के बाद इस संस्था को छोड़ देंगे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान नयी प्राद्योगिकी को खेल से जोड़ना और टेस्ट चैंपियनशिप को उपलब्धि करार दिया। 

रिचर्डसन ने कहा, ‘‘मुझे आईसीसी में 17 साल हो गये हैं और इस दौरान हमने कई अहम फैसले किये। इनमें से कुछ फैसले भारत के खिलाफ भी गये। निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के मामले में हम भारत और अनिल कुंबले (तत्कालीन कोच) को मनाने में सफल रहे थे। मेरे कार्यकाल में प्रौद्योगिकी को खेल से जोड़ना और इस साल से होने वाली टेस्ट चैंपियनशिप बड़ी कामयाबी है।’’

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