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केरल उच्च न्यायलय ने श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटाया

श्रीसंथ ने बीसीसीआइ से अपने ऊपर लगा प्रतिबंध हटाने और स्कॉटलैंड लीग में मैच खेलने की इजाजत मांगी थी, लेकिन बीसीसीआइ ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी थी। इसके बाद ही श्रीसंत ने केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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तिरुवनंतपुरम: केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी एस. श्रीसंत पर लगे आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया है। श्रीसंत पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आजीवन प्रतिबंध लगाया था। उल्लेखनीय है कि श्रीसंत पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2013 संस्करण में स्पॉट फिक्सिंग मामले का दोषी पाए जाने के कारण आजीवन प्रतिबंध लगा था।

श्रीसंथ ने बीसीसीआइ से अपने ऊपर लगा प्रतिबंध हटाने और स्कॉटलैंड लीग में मैच खेलने की इजाजत मांगी थी, लेकिन बीसीसीआइ ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी थी। इसके बाद ही श्रीसंत ने केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

श्रीसंत ने केरल हाई कोर्ट में बीसीसीआइ की अनुशासन समिति की ओर से लगाए गए आजीवन प्रतिबंध के फैसले को चुनौती दी थी। श्रीसंत का कहना था कि मामले की जांच करने वाले बीसीसीआइ पैनल ने दिल्ली पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर उनके खिलाफ रिपोर्ट दी थी। उन्होंने कहा था कि स्पॉट फिक्सिंग के मामले में उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया था।

आपको बता दें कि साल 2013 में आईपीएल मैच के दौरान राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत और उनके दो अन्य साथियों अजीत चंदीला और अंकित चवाण पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे थे। अजीत चंदीला और अंकित चवाण को हिरासत में लिया गया था। इन सभी को आईपीएल के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में बीसीसीआई ने दोषी पाया था।

बोर्ड की जांच में सभी आरोप सही पाए गए और श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया। हालांकि, 2015 में दिल्ली की अदालत ने श्रीसंत को सबूत को अभाव में ‘मकोका’ एक्ट के तहत स्पॉटफिक्सिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया था।

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