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सहवाग ने दिया बड़ा बयान, कहा मौजूदा टीम इंडिया में मेरे जैसा कोई बल्लेबाज नहीं

' किसी की भी बल्लेबाजी शैली मेरी तरह नहीं है। मेरा माइंडसेट अलग था। मैं परिस्थिति के मुताबिक अपने गेम को ढालता था।

Virender Sehwag- India TV Hindi Virender Sehwag

इंदौर: दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में शुमार टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मौजूदा टीम इंडिया में उनके जैसा कोई बल्लेबाज नहीं है, ना तो किसी बल्लेबाज के पास उनकी जैसी शैली है और ना ही उनके जैसा माइंडसेट। सहवाग ने इंडिया टीवी के लोकप्रिय शो 'क्रिकेट की बात' में कहा कि ' मौजूदा टीम इंडिया में मेरे जैसा कोई बल्लेबाज नहीं। किसी भी बैटिंग स्टाइल मेरी तरह नहीं है। मेरा माइंडसेट अलग था। मैं परिस्थिति के मुताबिक अपने गेम को ढालता था। मैं इस चीज को ध्यान में रखकर बल्लेबाजी करता था कि अगर हमें पहले बैटिंग करनी है है तो विरोधी टीम को लगभग का कितना लक्ष्य देना चाहिए। वहीं जब हम लक्ष्य का पीछा करने उतरे थे तो मैं इस बात को ध्यान में रखता था कि हमें लक्ष्य को हासिल करने के लिए कितने रन प्रति ओवर के हिसाब से बल्लेबाजी करनी है।'

सहवाग को टीम इंडिया में सिर्फ 3 खिलाड़ियों पर भरोसा
251 वनडे में 35.06 की औसत से 15 शतक जमाने वाले वीरू ने ये भी कहा कि ' विराट कोहली, महेन्द्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा को छोड़कर भारतीय टीम में ऐसा कोई भी खिलाड़ी नहीं है, जो अपने दमपर मैच जिता सके। अगर टीम संकट में है तो आप इन बल्लेबाजों पर भरोसा कर सकते हैं कि ये टीम को मुसीबत से बाहर निकालेंगे।'

मेरे करियर में सबसे बड़ा योगदान दादा का
सहवाग ने बताया कि उनके कामयाब क्रिकेट करियर के पीछे सबसे बड़ा हाथ सौरव गांगुली का है। 'गांगुली ने मुझपर भरोसा जताया, हर तरह से मेरा सपोर्ट किया जिसकी वजह से मैं एक कामयाब बल्लेबाज बन सका।'

पावर प्ले खेलने में आता था मजा
अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और झन्नाटेदार शॉट्स के लिए मशहूर वीरू को पावर प्ले में खेलने में मजा आता था। वीरू ने कहा कि 'मुझे पावर प्ले के दौरान बल्लेबाजी करने में मजा आता था क्योंकि 30 गज के सर्कल के बाहर सिर्फ दो फील्डर होते हैं और आप जहां चाहें शॉट खेल सकते हैं।'

सहवाग की यादगार पारी
104 टेस्ट मैचों में 23 शतकों की मदद से 8,586 रन बनाने वाले सहवाग की यादगार टेस्ट पारी वो है जब वो मुल्तान के सुल्तान बने थे। 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में तिहरा शतक जड़कर वीरू भारत के लिए ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने थे। सहवाग ने कहा कि 'मुल्तान टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई 309 रन की पारी आज भी मेरे क्रिकेटर करियर की सबसे यादगार पारी है।' वहीं सहवाग की सबसे खराब पारी भी पाकिस्तान के ही खिलाफ है। उन्होंने कहा '1 अप्रैल 1999 को पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू मैच खेली गई पारी मेरे क्रिकेट करियर की सबसे खराब पारी है। मैंने उस मैच में सिर्फ 1 रन बनाया था।' गौरतलब है कि सहवाग को उनके डेब्यू मैच में शोएब अख्तर ने एलबीडब्लयू आउट किया था।

2008 के लंका दौरे में मेरे खिलाफ दबाव में थे मेंडिस
सहवाग ने 2008 के श्रीलंका दौरे को याद करते हुए बताया हुआ कि 2008 में जब मेंडिस क्रिकेट जगत में छाए हुए थे और उनकी गेंदों का किसी भी बल्लेबाज के पास कोई जवाब नहीं होता था तब श्रीलंका के खिलाफ सिरीज़ में मैंने मेंडिस की जबरदस्त धुलाई की थी। मैं शुरुआत से मेंडिस की गेंदों पर बड़े-बड़े शाट्स लगाकर उनपर दबाव बनाए रखता था। जिसकी वजह से पूरी सिरीज़ के दौरान मेंडिस मेरा विकेट एक बार भी नहीं ले पाए।' 2008 में हमने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट 3 टेस्ट मैचों की सिरीज़ 2-0 से और 5 वनडे मैचों की सिरीज़ 3-2 से जीती थी।'

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