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Hindi News खेल क्रिकेट चोट से दूर रहना चाहता हूं : दीपक चहर

चोट से दूर रहना चाहता हूं : दीपक चहर

दीपक ने कहा, "मुझे मेरी फिटनेस पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि मुझे चोटें ज्यादा लगती हैं। 

<p>दीपक चाहर</p>- India TV Hindi दीपक चाहर

नई दिल्ली: आईपीएल के 11वें सीजन में अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित करने वाले युवा तेज गेंदबाज दीपक चाहर का कहना है कि आने वाले दिनों में उनकी कोशिश चोट से दूर रहने की होगी। दीपक का करियर चोटों से काफी प्रभावित रहा है। आईपीएल के दौरान ही वह चोट के कारण दो हफ्ते तक नहीं खेल पाए थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने शानदार वापसी की और टीम को खिताब दिलाने में अहम रोल निभाया।

दीपक ने कहा, "मुझे मेरी फिटनेस पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि मुझे चोटें ज्यादा लगती हैं। मेरी कोशिश रहेगी की मुझे चोटें कम लगें। साथ ही मैं डेथ ओवरों में अपनी गेंदबाजी को और बेहतर करना चाहता हूं। आप जब खेल रहे हो तो सीखने की गुंजाइश हमेशा रहती है चाहे गेंदबाजी हो, या बल्लेबाजी या फील्डिंग। खिलाड़ी को हमेशा सीखते रहना चाहिए।"

आईपीएल के दौरान दीपक को 28 मई को मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेले गए मैच के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव की परेशानी हो गई थी और वह सिर्फ 2.1 ओवर फेंक कर ही बाहर चले गए थे। राहुल ंसे जब इस चोट से उबरने के बाद वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि इसमें दो सप्ताह का समय लगेगा।

बकौल दीपक, "मुझे बहुत सारी चोटें लग चुकी हैं तो मुझे काफी चीजें पता हैं मेरे शरीर और चोट के बारे में। जब मैं उस मैच में बाहर आ रहा था तभी मैंने कह दिया था कि इसे ठीक होने में दो सप्ताह का समय लगेगा। उस दौरान अच्छी बात यह रही की हमको ज्यादा मैच नहीं खेलने पड़े, हमें आराम मिला हुआ था।"

चेन्नई जब दो साल के प्रतिबंधित कर दी गई थी जब दीपक उसके स्थान पर आई राइजिंग पुणे सुपरजाएंट के साथ खेले थे। इन दो सालों में धोनी भी उनके साथ थे। अब इस सीजन में दीपक को धोनी के साथ कुल तीन साल हो गए है।

इन तीन वर्षों में उन्होंन धोनी से क्या सीखा तो इस युवा गेंदबाज ने कहा, "जब आप धोनी जैसे इंसान के साथ तीन साल का समय बिताते हैं तो आपको सीखने को काफी कुछ मिलता है। जब वो आपकी तारीफ करते हैं तो अच्छा लगता है। उन्होंने मेरी गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों की तारीफ की है। इस स्तर पर आपको आत्मविश्वास की ही जरूरत है।"

उन्होंने कहा, "धोनी हमेशा कहते हैं कि सिर्फ एक गेंद मायने रखती है। अगर आपने पांच छक्के खा लिए और आखिरी गेंद खाली निकाल दी तो वो भी मायने रखती है। उससे सीखना चाहिए।"

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