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Hindi News खेल क्रिकेट एम एस धोनी ने विशाखापट्नम में पाकिस्तान के खिलाफ खेली थी ऐसी पारी जिससे वो रातोंरात बन गए थे स्टार

एम एस धोनी ने विशाखापट्नम में पाकिस्तान के खिलाफ खेली थी ऐसी पारी जिससे वो रातोंरात बन गए थे स्टार

एम एस धोनी आज उस मैदान पर उतरेंगे जिस मैदान ने उन्हें रातोंरात बुलंदियों पर पहुंचा दिया था। ऐसे में धोनी को अपनी खोई फॉर्म हासिल करने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।

MS Dhoni- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES MS Dhoni smashed 148 runs against Pakistan in Visakhapatnam in 2005

एम एस धोनी बने थे स्टार: विशाखापट्नम का डॉ. वीईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम वो स्टेडिम है जिसने टीम इंडिया को वो सितारा दिया जिसकी चमक 13 साल बाद भी बरकरार है। इस स्टेडियम ने भारत को एक ऐसे धुरंधर की पहचान दिलाई, जो अब दुनियाभर में किसी पहचान का मोहताज नहीं रहा, इस स्टेडियम ने भारतीय टीम को वो हीरा दिया, जिसने भारतीय क्रिकेट को पूरी दुनिया में चमकने का मौका दिया। कोई इसे माही बुलाता है, तो कोई इसे हिंदुस्तान की आन, बान और शान कहता है। हमें पूरी उम्मीद है कि आप ये जरूर समझ गए होंगे कि हम यहां किस खिलाड़ी माफ करिए किस स्टार खिलाड़ी की बात कर रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान और सबसे बड़े खिलाड़ी एम एस धोनी की। 

धोनी ने वनडे डेब्यू तो साल 2004 में कर लिया था लेकिन उन्हें पहचान मिली 5 अप्रैल, 2005 को विखापट्नम में खेले गए वनडे मैच से। विशाखापट्नम में खेले गए इस मैच ने धोनी को रातोंरात स्टार बना दिया था और दुनिया ने पहली बार देखा था धोनी का दम।

धोनी ने ठोके थे धमाकेदार 148 रन: 5 अप्रैल, 2018 को भारतीय टीम विशाखापट्नम में पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबला खेल रही थी। इस मैच में भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने बड़ा फैसला लेते हुए एम एस धोनी को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा था। बस फिर क्या था धोनी ने मिले मौके को पूरी तरह भुनाया और क्रीज पर उतरते ही चौके-छक्कों का अंबार लगा दिया। पाकिस्तान के लिए तो जैसे धोनी सिलेबस के बाहर का हिस्सा थे। क्योंकि पाकिस्तान ने सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ जैसे बल्लेबाजों के लिए तो रणनीति बनाई थी। लेकिन उन्होंने धोनी के बारे में नहीं सोचा था।

बस फिर क्या था धोनी ने पाकिस्तानी गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए और जमकर गेंदों को बाउंड्री के बाहर भेजा। धोनी ने देखते ही देखते पहले अर्धशतक और फिर शतक ठोक डाला। धोनी के करियर का ये पहला शतक था। शतक लगाने के बाद भी धोनी ने रन बनाना जारी रखा। धोनी आखिर में 123 गेंदों में 148 रन बनाकर आउट हुए। धोनी ने अपनी पारी में 15 चौके और 4 छक्के लगाए थे।

धोनी को मिली थी पहचान: लंबे-लंबे बालों वाले धोनी को विशाखापट्नम के इसी मैदान से पहली बार पहचान मिली थी। पहली बार दुनिया ने देखा था कि लंबे-लंबे बालों वाले धोनी लंबे-लंबे छक्के भी लगा सकते हैं। इसी मैदान में धोनी की प्रतिभा पहली बार दुनिया के सामने आई थी।

खराब दौर से गुजर रहे धोनी फिर करेंगे धमाल: कहते हैं इतिहास खुद को दोहराता है और धोनी फिलहाल बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में समय धोनी को फिर से उसी मैदान पर वापस ले आया है जहां उन्होंने अपनी पहचान बनाई थी और ऐसे में धोनी के लिए अपना खोया आत्मविश्वास हासिल करने का इससे अच्छा मौका कोई और नहीं होगा।

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