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जानें क्यों विराट कोहली विरोधी टीम को फ़ॉलोऑन नहीं देते

कोहली मज़बूत स्थित के बावजूद विरोधी टीम को फ़ॉलोऑन क्यों नहीं देते। यहां हम बताने जा रहे हैं वे कारण जिनकी वजह से कोहली फ़ॉलोऑन नहीं देते।

Virat Kohli- India TV Hindi Virat Kohli

भारत और श्रीलंका के बीच गॉल में पहला टेस्ट खेला जा रहा है और भारत बहुत मज़बूत स्थिति में है। भारत ने चौथे दिन जीत के लिए श्रीलंका के सामने 550 का लक्ष्य रखा है। पहली पारी में 600 रन बनाने के बाद भारत ने श्रीलंका को 291 पर समेट दिया था और लगा था कि कप्तान विराट कोहली मेज़बान को फ़ॉलोऑन देंगे लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया और दूसरी बार बैटिंग करने का फ़ैसला किया। भारत ने दूसरी पारी में तीन विकेट खेकर 240 रन बनाए और फिर पारी घोषित की। सवाल ये है कि कोहली मज़बूत स्थित के बावजूद विरोधी टीम को फ़ॉलोऑन क्यों नहीं देते। यहां हम बताने जा रहे हैं वे कारण जिनकी वजह से कोहली फ़ॉलोऑन नहीं देते। 

    विरोधी टीम   भारत, पहली पारी विरोधी टीम, पहली पारी भारत, दूसरी पारी विरोधी टीम, पहली पारी      नतीजा
   चौथा टेस्ट
साउथ अफ़्रीका
दिसंबर 2015
       334          121 267/5, पारी घोषित         143 भारत की 337 रन से जीत
  तीसरा टेस्ट
    न्यूज़ीलैंड
अक्टूबर 2016
557/5, पारी घोषित         299  216/3, पारी घोषित         153  भारत की 331 रन से जीत
   दूसरा टेस्ट
     इंग्लैंड
नवंबर 2016
       455          255         204          158   भारत की 246 रन से जीत
   बांग्लादेश
फ़रवरी 2017
       687/6, पारी घोषित          388 159/4, पारी घोषित                 250     भारत की 208 रन से जीत

दो मौक़े ऐसे भी आए हैं जब कोहली ने फ़ॉलोऑन दिया है। बांग्लादेश को कोहली ने फ़ॉलोऑन दिया था लेकिन बारिश की वजह से मैच ड्रॉ हो गया। दूसरे मामले में भारत ने वेस्य इंडीज़ को पारी से हरा दिया था। लेकिन शुक्रवार को कोहली ने फ़ॉलोऑन नहीं दिया। कहा जाता है कि कोहली अपने आक्रामक रवैये की वजह से फ़ॉलोऑन देना पसंद नहीं करते।

4 कारण जिसकी वजह से कोहली फ़ॉलोऑन नहीं देते:

1.) टेस्ट मैच में कोई भी टीम पांचवे दिन चौथी पारी में बैटिंग नहीं करना चाहती। आख़िरी दिन बॉलर्स को पिच से बहुत मदद मिलती है क्योंकि पिच काफ़ी ख़राब हो चुकी होती है। ऐसे में 150 रन बनाना भी मुश्किल हो जाता है। कोहली कोई जोख़िम नहीं लेना चाहते और न ही चाहते हैं कि विरोधी टीम मैच में वापसी करे। फ़ॉलोऑन के बाद इस बात की बहुत कम संभावना होती है कि विरोदी टीम बड़ा लक्ष्य खड़ा कर दे लेकिन 150-200 भी बड़ा लक्ष्य होता है और कोहली ये जोख़िम नहीं उठाना चाहते।

2.) फ़ॉलोऑन न देने की एक वजह ये भी है कि बॉलर्स को आराम मिल जाता है और चौथी पारी में वे ताज़ा दम होकर बॉलिंग करते हैं।

3.) टेस्ट मैच में जल्दबाज़ी की कोई ज़रुरत नहीं होती। मैच पांच दिन का होता है। जीत जीत होती है, वो भले चौथे दिन मिले या फिर पांचवे दिन।

4.) 450+ का लक्ष्य देने के बाद हारने की संभावना बहुत ही कम रह जाती है जबकि फ़ॉलोऑन देने पर हो सकता है आप हार भी जाएं।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अगर मौसम ख़राब हो तभी फ़ॉलोऑन देना बेहतर हो सकता है। 

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