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Hindi News खेल क्रिकेट महिला हॉकी विश्व कप, प्रिव्यू: टूर्नामेंट में बने रहने के लिए भारत के लिए हर हाल में जीत जरूरी

महिला हॉकी विश्व कप, प्रिव्यू: टूर्नामेंट में बने रहने के लिए भारत के लिए हर हाल में जीत जरूरी

भारतीय टीम को विश्व कप में बने रहने के लिए अमेरिका के खिलाफ मुकाबले में हर हाल में जीत हासिल करनी होगी।

<p>भारतीय महिला हॉकी...- India TV Hindi भारतीय महिला हॉकी टीम को अमेरिका के खिलाफ मैच जीतना बेहद जरूरी Photo: Getty Images

एक ड्रॉ और एक हार के बाद मुश्किल में नजर आ रही भारतीय महिला हॉकी टीम को रविवार को विश्व कप के एक अहम मैच में अमेरिका से भिड़ना है। भारत को अगर अगले दौर में जगह बनानी है तो उसे अमेरिका के खिलाफ हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी इसके अलावा अगले दौर में जगह बनाने के लिए उसे आयरलैंड और इंग्लैंड के बीच होने वाले मैच के परिणाम पर भी निर्भर रहना होगा। पूल-बी में आयरलैंड की टीम दो मैचों में दो जीत के दम पर छह अंकों के साथ पहले स्थान पर बनी हुई है। वहीं, दूसरे स्थान पर इंग्लैंड है जिसने भारत और अमेरिका दोनों से ड्रॉ खेल दो अंक अर्जित किए हैं। वहीं, भारत और अमेरिका के एक-एक अंक हैं। लेकिन गोल अंतर बेहतर होने के कारण भारत तीसरे स्थान पर कायम है। अगर भारत अपने आखिरी मैच में अमेरिका को हरा देता है तो तीन अंक लेकर उसके कुल चार अंक हो जाएंगे। ऐसे में उसे दुआ करनी होगी कि इंग्लैंड अपने आखिरी मैच में हार जाए या ड्रॉ खेले। 

इस विश्व कप में भारत का एक मजबूत पक्ष डिफेंस रहा है जिसके दम पर उसने सिर्फ दो गोल खाए हैं और पहले मैच में इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम को 1-1 से ड्रॉ पर रोक दिया। हालांकि आयरलैंड के खिलाफ एक चूक ने उसे गोल खाने पर मजबूर किया जो उसकी हार का कारण बना। इस बीच भारत के डिफेंस को न तो मिडफील्ड न ही फॉरवर्ड लाइन से समर्थन मिला। दोनों मैचों में भारत को गोल करने के कई मौके मिले लेकिन सभी हाथ से फिसल गए। कमी संयोजन में तालमेल की थी जिसे कोच शुअर्ड मरेन ने बखूबी देखा होगा और कोशिश करेंगे कि आने वाले मैच में तालमेल बेहतर रहे।  

भारतीय टीम की दूसरी कमी पेनल्टी कॉर्नर को न बदलने की है। इंग्लैंड के खिलाफ भी टीम कई मौकों पर पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं कर पाई थी। वहीं आयरलैंड के खिलाफ छह पेनल्टी कॉर्नर में से एक पर भी भारतीय खिलाड़ी गोल नहीं दाग सकीं। रानी की कप्तानी वाली टीम के लिए फॉरवर्ड लाइन की स्थिति को सुधारना बेहद जरूरी है। खुद रानी को इसके लिए आगे रहकर काम करना होगा। फॉरवर्ड लाइन के लिए यह भी जरूरी है कि वो मिडफील्ड के साथ रहकर काम करे। बीते दोनों मैचों में मिडफील्ड और फॉरवर्ड लाइन के बीच गैरजरूरी गैप देखने को मिला है जिसके कारण गोल के मौके अंजाम तक नहीं पहुंच सके। 

भारत के विपक्षी को देखा जाए तो वो रैंकिंग में काफी पीछे है। भारत की रैंकिंग पांच है, जबकि अमेरिका की 27वीं, लेकिन खेल में रैंकिंग महत्व मायने नहीं रखती वो भी तब जब 10वीं रैंकिंग वाली आयरलैंड से भारत को हार मिली हो। अमेरिका भी इस मैच में बढ़े हुए आत्मविश्वास के साथ आ रही है। उसने सातवीं रैंकिंग वाली इंग्लैंड को अपने पिछले मैच में 1-1 से ड्रॉ पर रोक दिया था। ऐसी स्थिति में भारत अमेरिका को हल्के में नहीं ले सकता। अमेरिका के लिए स्थिति वही है जो भारत के लिए है। उसे भी इस मैच में जीत चाहिए और फिर दुआ करनी है कि इंग्लैंड-आयरलैंड के खिलाफ होने वाले अपने अगले मैच को जीत न पाए। 

टीम: 

गोलकीपर: सविता (उप-कप्तान), रजनी एतिमारपू। 

दीप ग्रेस इक्का, सुनीता लाकड़ा, दीपिका, गुरजीत कौर, रीना खोखर, नमिता टोप्पो, लिलिमा मिंज, मोनिका, उदिता, निक्की प्रधान, नेहा गोयल, रानी (कप्तान), वंदना कटारिया, लालरेमसियामी, नवनीत कौर, नवजोत कौर।

अमेरिका: 

गोलकीपर: ब्लाजिंग लॉरेन, ब्रिग्स जैकी। 

गोंजालेज मेलिसा (कप्तान), मैटसन एरिन, फी स्टेफनी, विटेसे मिशेल, विटमेर जिल, मागाडान अमांडा, होफमैन एश्ले, यंग जुलिया, मोयेर लॉरेन, फ्रोडे अली, वुड्स निकोल, विटेसे तारा, शार्की खातलीन, पाओलिनो माग्वाक्स, वान सिक्ले काइटलीन, मानले एलिसा।

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