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Hindi News खेल क्रिकेट World Cup 2019: एक पारी में बार-बार क्यों बल्ला बदलते है महेंद्र सिंह धोनी, सामने आई ये ख़ास वजह

World Cup 2019: एक पारी में बार-बार क्यों बल्ला बदलते है महेंद्र सिंह धोनी, सामने आई ये ख़ास वजह

धोनी उन ब्रांड के बल्लों को मैच में बदलकर-बदलकर खेलते हैं, जिनकी कम्पनियों ने धोनी को उनके लम्बे करियर के दौरान काफी सपोर्ट किया है।

एम. एस. धोनी- India TV Hindi Image Source : TWITTER- @MSDFANSOFFICIA एम. एस. धोनी किट 

इंग्लैंड एंड वेल्स में खेले जा रहे क्रिकेट के महासंग्राम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपना आखिरी विश्व कप खेल रहे हैं। जिसमें पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का भी नाम आता है। ऐसे में अपने आखिरी विश्व कप में धोनी को मैदान में बार-बार बल्ला बदलते देखा जा रहा है। जब वो क्रीज पर आते हैं तो उनके हाथ में एक ब्रांड का बल्ला होता है। उसके बाद जब वो खत्म कर रहे होते हैं तो उनके हाथ में अलग ब्रांड का बल्ला होता है। जिसके बारें में अब खुलासा हुआ है कि आखिर धोनी अपने अंतिम विश्व कप में इतने बल्ले क्यों बदल रहे हैं।

दरअसल, महेंद्र सिंह धोनी की सादगी से दुनिया भर के फैन्स वाकिफ है। इसी कड़ी में अब वो उन ब्रांड के बल्लों को मैच में बदलकर-बदलकर खेलते हैं, जिनकी कम्पनियों ने धोनी को उनके लम्बे करियर के दौरान काफी सपोर्ट किया है। जिसके जवाब में धोनी बिना किसी पैंसे के  SS, SG और BAS कंपनी के बल्‍ले इस्‍तेमाल कर रहे हैं।

अगर आपको ध्यान हो तो महेंद्र सिंह धोनी ने जब वनडे क्रिकेट में 2004 में डेब्यू किया था तब वो BAS के बल्ले से खेलते थे। जिसके बाद उन्होंने कई कम्पनियों के बल्ले से खेला मगर जिन तीन कम्पनियों ने उन्हें सबसे ज्यादा खेल में सहारा दिया धोनी उन तीन के बल्ले से अपने करियर के अंतिम क्षणों में खेल रहे हैं। 

बता दें कि भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2011 में वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। श्रीलंका के खिलाफ तब धोनी ने फाइनल मैच में छक्का मारकर टीम को जीत दिलाई थी। धोनी का यह बैट 1.11 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ था। यह क्रिकेट इतिहास के सबसे महंगे बल्लों में गिना जाता है।

हालाँकि सभी बल्लेबाज अपनी सहूलियत के हिसाब से बल्ले तैयार कराते हैं। महेंद्र सिंह धोनी भी अलग नहीं हैं। धोनी नीचे से कर्व लिए हुए बल्ले का इस्तेमाल करते हैं। जिससे यॉर्कर गेंदों को खेलने में आसानी होती है और ऐसी गेंदों से बल्ले को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। जिस बल्ले का वजन लगभग 1250 से 1270 ग्राम के बीच होता है।

ऐसे में उम्मीद करतें हैं कि धोनी जरूर बल्ले बदलते रहे मगर अपने खेलने के फिनिशर वाले अंदाज को ना बदले और 2011 विश्व कप की तरह इस बार भी 2019 विश्व कप में विनिंग रन मार कर टीम इंडिया को मैच जीताए। 

 

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