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Hindi News खेल क्रिकेट B'Day Special: जब सचिन ने अपने जन्मदिन पर रचा था इतिहास, फैंस को दिया था ये खास तोहफा

B'Day Special: जब सचिन ने अपने जन्मदिन पर रचा था इतिहास, फैंस को दिया था ये खास तोहफा

16 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने वाले सचिन तेंदुलकर आज 49 साल के हो गए हैं। 

<p>सचिन तेंदुलकर</p>- India TV Hindi Image Source : GETTY सचिन तेंदुलकर

भारतीय मान्यताओं के अनुसार ईश्वर कण-कण में बसते हैं और वह अदृश्य है, वह निराकार है लेकिन इसी देश में मनुष्य के रूप में एक ऐसे भगवान हुए जो साक्षात अपने भक्तों के लिए उनकी मुरादें पूरी करते थे.. यह कोई और नहीं बल्कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर हैं। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन अब इस खेल संन्यास ले चुके हैं लेकिन क्रिकेट के प्रति उनके जुनून, उनका दृढ़निश्चिय लोगों जेहन में अब भी बसता है।सचिन को क्रिकेट की दुनिया में एक युग की तरह हैं। कहा जाता है कि अगर कोई इस खेल को समझना चाहता है तो वह सचिन को देखें वह इस खेल के एक अध्याय हैं जिसके बिना क्रिकेट अधूरा है। 

16 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने वाले सचिन आज 49 साल के हो गए हैं। 24 अप्रैल 1973 को जन्मे सचिन के नाम वैसे तो इस खेल में अगनित रिकॉर्ड हैं लेकिन अपने जन्मदिन के मौके पर उन्होंने कुछ ऐसी पारियां खेली जिन्हें याद किए बिना नहीं रहा जा सकता है।

सचिन के करियर में उनकी एक ऐसी ही पारी थी साल 1998 में शारजाह में खेले गए कोकाकोला कप का फाइनल मैच। यह मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया था जिसके बाद विपक्षी टीम के स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न को उनके सपने आने लगे थे।

आज ही के दिन सचिन ने अपने जन्मदिन के मौके पर अपनी धमाकेदार शतकीय पारी से दुबई के रेगितास्तान में बंबडर मचा दिया था और भारतीय टीम को को 6 विकेट से रोमांचक जीत दिलाई थी। 

कोका कोला कप का फाइनल

फाइनल मुकाबले के से ठीक दो दिन पहले 22 अप्रैल को सचिन ने अकेले दम पर भारतीय टीम के लिए 143 रनों की पारी खेलकर उसे फाइनल में पहुंचाया था। यह मैच भी ऑस्ट्रेलिया के साथ ही था और भारतीय टीम को इसमें हार का सामना करना पड़ा था लेकिन रन रेट के आधार पर इस ट्राइंगुलर सीरीज में भारत ने न्यूजीलैंड को पछाड़ फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी

साल 1998 में ऑस्ट्रेलिया दुनिया की नंबर एक टीम थी और भारत के लिए उसे हराना काफी मुश्किल काम था लेकिन फाइनल मैच और अपने जन्मदिन के मौके पर सचिन अपने पक्के इरादे के साथ मैदान पर उतरे थे।

इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए स्टीव वॉ और डेरेन लेहमन की अर्द्धशतकीय पारी की मदद से 50 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 272 रनों का स्कोर खड़ा किया था।

भारत के लिए यह लक्ष्य आसान नहीं था, लेकिन कहते हैं ना मजबूत इरादे के साथ अगर कुछ करने की ठान लिया जाए तो वह जरूर पूरा होता है। सचिन ने अपने जन्मदिन के मौके पर ऐसा ही किया।

सौरव गांगुली के साथ ओपनिंग करने उतरे सचिन ने शुरुआत से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजो के खिलाफ आक्रमण शुरू कर दिया और उन्होंने 131 गेंद में 134 रनों की बेहतरीन पारी खेली। इस पारी में उन्होंने 12 चौके और 3 छक्के भी लगाए। आखिरी में टीम के कप्तान मोहम्मद अजरूउद्दीन ने 58 रनों की पारी खेलकर भारत की जीत पक्की कर दी थी।

90 के दशक के अतं में सचिन के द्वारा खेली गई यह पारी पूरी तरह से भारतीय क्रिकेट को बदल कर रख दिया। अपने जन्मदिन के मौके पर सचिन की यह सबसे खास पारियों में से एक बन गई।

शेन वॉर्न की हुई थी जमकर धुनाई

इंटरनेशनल  क्रिकेट में 1000 विकेट ले चुके दिग्गज शेन वॉर्न इस दौरे के सबसे खतरनाक स्पिन गेंदबाज में से एक थे। उनकी फिरकी को समझ पाना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं था लेकिन सचिन ने कोकाकोला कप में वॉर्न की जमकर धुनाई की। यही कारण है कि वॉर्न ने एक इंटरव्यू में कहा था कि इस सीरीज के दौरान रात में उन्हें सचिन के सपने आने लगे थे।

कोकाकोला कप के फाइनल में भी वार्न काफी मंहगे साबित हुए थे। उन्होंने अपने निर्धारत 10 ओवर में 61 रन लुटाए जबकि उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला। वॉर्न इस मैच में टॉम मूडी के बाद दूसरे सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए थे जिन्होंने 9.3 ओवर में 63 रन खर्च किए थे। हालांकि वार्न ने सचिन की बल्लेबाजी से बहुत अधिक प्रभावित हुए और उन्होंने मैच के बाद अपनी शर्ट पर तेंदुलकर से ऑटोग्राफ मांगा।

जन्मदिन पर मिला था खास तोहफा

कोकाकोला कप फाइनल जीतने के बाद सचिन ने शानदार तरीके से अपने जन्मदिन का जश्न मनाया। टूर्नामेंट में उनके दमदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज चुना गया और साथ फाइनल मुकाबले के लिए मैन ऑफ मैच जो कि उनके जश्न में चार चांद लगा दिया।

इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने उनके इस पल को और खास बना दिया। सचिन ने एक बयान में कहा था कि मैच के बाद स्टीव वॉ ने माना  कि वह भारत से नहीं हारे बल्कि सचिन ने अकेले उन्हें हरा दिया। स्टीव के द्वारा कही गई यह बात उनके लिए बहुत ही खास था।

 

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