A
Hindi News खेल क्रिकेट INDW vs AUSW: कंगारूओं को धूल चटाने वाली ऋचा ने धोनी को बताया आदर्श, माही से मिलने की जताई इच्छा

INDW vs AUSW: कंगारूओं को धूल चटाने वाली ऋचा ने धोनी को बताया आदर्श, माही से मिलने की जताई इच्छा

INDW vs AUSW: भारतीय महिला टीम ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरे टी20 मैच में रोमांचक सुपर ओवर में हराकर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है।

Richa ghosh, mahendra singh dhoni- India TV Hindi Image Source : GETTY ऋचा घोष और महेंद्र सिंह धोनी

INDW vs AUSW: पूर्व भारतीय कप्तान और दिग्गज क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की उपलब्धियों और टीम इंडिया के लिए किए गए उनके योगदान के लिए दुनियाभर में उनके प्रशंसकों की कोई कमी नहीं हैं। आईसीसी की तीन ट्रॉफी जीतने वाले दुनिया के एकमात्र कप्तान धोनी की दीवानगी सिर्फ क्रिकेट फैंस तक ही सीमित नहीं है बल्कि युवा क्रिकेटर भी धोनी की तरह बनने का सपना देखते हैं और उनके मुरीद हैं। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की एक ऐसी ही युवा क्रिकेटर ऋचा घोष के भी कुछ ऐसे ही अरमान हैं।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 में 13 गेंदों में 26 रन की आतिशी पारी खेलने और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने वाली 19 साल की स्टार बैटर ऋचा खुद को धोनी की तरह एक सफल फिनिशर बनाना चाहती है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि उनके अंदर बड़े शॉट खेलने की क्षमता स्वाभाविक रूप से है। ऋचा ने यहां तीसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय की पूर्व संख्या पर दूसरे मैच की योजना का खुलासा करते हुए बताया कि स्मृति दीदी (मंधाना) ने मुझे कहा था कि मैच खत्म करके आना।’’

पावर हिटिंग पर फोकस

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हमेशा पावर हिटिंग पर ध्यान केंद्रित किया है। मैंने इस पर कड़ी मेहनत की है और अपनी मानसिक दृढ़ता पर भी ध्यान दिया है। यह सब हमारी योजना के अनुसार हुआ। मैं हमेशा अंत तक टिके रहना चाहती हूं और अपनी टीम को जीत दिलाना चाहती हूं। हमारी यही योजना थी। विचार यह था कि बीच के ओवरों में रन गति बनाए रखी जाए ताकि हमें स्लॉग ओवरों में अधिक जोर नहीं लगाना पड़े।“

धोनी को बताया आदर्श

इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि ऋचा विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानती हैं और उन्होंने खुलासा किया कि वह उनके शॉट्स देखते हुए बड़ी हुई हैं। सिलीगुड़ी की रहने वाली ऋचा ने कहा कि बचपन से ही मैंने धोनी का अनुसरण किया है और वह कैसे मैच को खत्म करते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता (मानबेंद्र घोष) ने भी मेरी बड़े शॉट खेलने की क्षमता को सुधारने में बहुत मदद की। वह हर जगह मेरे साथ जाते थे। वह एक सफल क्रिकेटर नहीं बन सके इसलिए वह मेरा पूरा समर्थन कर रहे हैं जिससे कि मैं अपने सपनों को साकार कर सकूं।’’

धोनी से मिलने का सपना

ऋचा को हालांकि मलाल है कि वह अभी तक अपने आदर्श से नहीं मिल पाई हैं। ऋचा ने कहा, ‘‘मुझे अभी तक उनसे मिलने का अवसर नहीं मिला है। कई बार ऐसा भी हुआ है कि जब हम शिविर या मैच के लिए किसी स्थान पर गए तो उससे ठीक पहले वह चले गए थे। उम्मीद है कि मैं उनसे किसी दिन मिलूंगी।’’ 

Latest Cricket News