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Hindi News खेल क्रिकेट Sanju Samson: टीम से अंदर-बाहर होने पर संजू सैमसन का बड़ा बयान, 7 साल में खेले सिर्फ 23 इंटरनेशनल मैच

Sanju Samson: टीम से अंदर-बाहर होने पर संजू सैमसन का बड़ा बयान, 7 साल में खेले सिर्फ 23 इंटरनेशनल मैच

Sanju Samson: संजू सैमसन ने भारत के लिए 2015 में इंटरनेशनल डेब्यू किया था। तब से अब तक वह सिर्फ 23 इंटरनेशनल (16 टी20 व 7 वनडे) मैंच खेले हैं।

संजू सैमसन- India TV Hindi Image Source : PTI संजू सैमसन

Highlights

  • संजू सैमसन ने 2015 में किया था इंटरनेशनल डेब्यू
  • सैमसन ने भारत के लिए खेले 16 टी20 इंटरनेशनल व 7 ODI
  • IPL 2022 में राजस्थान रॉयल्स को अपनी कप्तानी में सैमसन ने बनाया उपविजेता

Sanju Samson: संजू सैमसन का अक्सर टीम से अंदर-बाहर होने का सिलसिला जारी रहता है। उन्होंने 2015 में जिम्बाब्वे के दौरे पर ही अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था। उसके बाद से अभी 7 साल बाद तक वह सिर्फ 16 टी20 इंटरनेशनल और 7 वनडे इंटरनेशनल समेत कुल 23 इंटरनेशनल मुकाबले खेल पाए हैं। उन्होंने इसको लेकर बयान देते हुए कहा है कि, यह काफी मुश्किल है लेकिन वह इस स्थिति में सकारात्मक रहना ही पसंद करते हैं।

उन्हें फिलहाल पिछले 2-3 दौरों से लगातार टीम में जगह मिल रही है। लेकिन हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर उन्हें नजरअंदाज किया गया था। एशिया कप 2022 के लिए भी उन्हें टीम में नहीं जगह मिल पाई है। जिम्बाब्वे के खिलाफ मौजूदा सीरीज के पहले दो मुकाबलों में वह बतौर विकेटकीपर बैट्समैन टीम में खेलते नजर आए। लेकिन वह भारत की युवा टीम का हिस्सा हैं, मेन टीम में उन्हें ऋषभ पंत की मौजूदगी के कारण बतौर विकेटकीपर जगह नहीं मिल पाती है। 

क्या बोले सैमसन?

संजू सैमसन ने टीम से अंदर-बाहर होने की अपनी परिस्थिति पर कहा है कि,'मेरा हमेशा से मानना रहा है कि आप अपने करियर में किसी भी परिस्थिति से क्यों ना गुजर रहे हों आपको हमेशा सकरात्मक सोच ही रखनी चाहिए। यह काफी मुश्किल होता है। आपके दिमाग में यह आता भी है कि आपके दोस्त खेल रहे लेकिन आप नहीं। मुझे आश्चर्य होता है कि भारत के लिए इतना कम खेलने के बावजूद मुझे अच्छा सपोर्ट मिलता है।'

IPL में कप्तानी ने बदली मानसिकता

संजू सैमसन ने आईपीएल में कप्तानी करने और इस फॉर्मेट से करियर में हुए बदलाव पर कहा कि,"IPL ने क्रिकेट की तरफ मेरी मानसिकता को बदला है। पहले मैं सिर्फ अपनी बैटिंग और अपने खेल के बारे में ही सोचता था। कप्तानी के कारण मेरी मानसिकता बदली है। मैं अपने खेल के अलावा और चीजें व औरों के लिए भी सोचने लगा हूं।" संजू सैमसन ने जिम्बाब्वे के खिलाफ दूसरे वनडे में 43 रनों की नाबाद पारी खेली थी। विकेटकीपिंग में उन्होंने तीन कैच भी पकड़े थे। इसके कारण उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया था। 

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इस मैच में जिम्बाब्वे के क्राउड ने भी उन्हें काफी चीयर किया था। इसको लेकर उन्होंने कहा कि,"मुझे लगा वहां क्राउड में काफी मलियाली (मलयालम भाषी) लोग थे। वह चेटा चेटा (बड़ा भाई) की आवाजें सुनाई दीं। यह सुनकर मुझे काफी गर्व महसूस हुआ।" इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि सैमसन के करियर में आईपीएल और राजस्थान रॉयल्स की टीम की कप्तानी ने उनके करियर में बड़ा बदलाव लाया।

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