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भारतीय क्रिकेट में पहली बार होगा यह काम, इन 3 महिलाओं के इशारे पर खेलेंगे पुरुष क्रिकेटर

Ranji Trophy 2023: भारत के प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में पहली बार महिला अंपायरों को मिलेगा अंपायरिंग का जिम्मा। आगामी सीजन से होगा बदलाव।

Vrinda Rathi, Janani Narayanan, and Gayathri Venugopalan- India TV Hindi Image Source : FEMALE CRICKET TWITTER वृंदा राठी, जननी नारायण और गायत्री वेणुगोपालन

Ranji Trophy 2023: बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट में बड़ा बदलाव करते हुए एक नई पहल की है। भारतीय बोर्ड ने प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में पहली बार महिला अंपायर को उतारने का फैसला किया है। इसके तहत आगामी टूर्नामेंट में वृंदा राठी, जननी नारायण और गायत्री वेणुगोपालन अंपायरिंग करते नजर आएंगी। भारतीय क्रिकेट में यह पहला मौका होगा जबकि महिला अंपायर किसी पुरुष क्रिकेट मैच में मैदानी अंपायर के रूप में काम करेंगी।

गायत्री वेणुगोपालन पूर्व में रणजी ट्रॉफी में रिजर्व यानी चौथे अंपायर की भूमिका निभा चुकी हैं। रणजी ट्रॉफी 13 दिसंबर से शुरू हो रही है और संयोग से इसी दौरान भारतीय महिला क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में भाग लेगी। ऐसे में इन तीन महिला अंपायरों को रणजी ट्रॉफी में चुनिंदा मैचों में ही अंपायरिंग का मौका मिल पाएगा।

चेन्नई की रहने वाली नारायण और मुंबई की रहने वाली राठी मंझी हुई अंपायर हैं और उन्हें 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अंपायरों के विकास पैनल में शामिल किया गया था। जननी और वृंदा के साथ दिल्ली की रहने वाली गायत्री भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के पैनल में शामिल तीन पंजीकृत महिला अंपायर हैं।

चुनिंदा मैचों में मिलेगी जिम्मेदारी

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि इन तीनों महिला अंपायर के लिए पुरुष खिलाड़ियों से निपटना बड़ी चुनौती होगी। रणजी ट्रॉफी में काफी कुछ दांव पर लगा होता है और मैदान पर खिलाड़ी अपनी आक्रामकता दिखा सकते हैं। बीसीसीआई अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘अंपायर के रूप में आप मैदान पर नरम रवैया नहीं अपना सकते हैं अन्यथा खिलाड़ी आपको डराने का प्रयास करेंगे। आपको सख्त रवैया अपनाना होगा और नियमों को अच्छी तरह से लागू करना होगा। खिलाड़ियों के साथ संवाद महत्वपूर्ण होता है। लेकिन ये तीनों अंपायर अच्छा काम कर रही हैं और उम्मीद है कि वे रणजी ट्रॉफी में भी अच्छा काम करेंगी।’’

तीनों अंपायरों को अच्छा अनुभव

32 वर्षीय राठी ने मुंबई के मैदानों में अपनी अंपायरिंग निखारी जबकि 36 वर्षीय नारायण ने अंपायरिंग के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी थी। वेणुगोपालन 43 साल की है और उन्होंने बीसीसीआई परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 2019 में अंपायरिंग शुरू की थी।

बीसीसीआई के पंजीकृत अंपायरों में सिर्फ 3 महिला

महिला अंपायरिंग के मामले में बीसीसीआई को अभी बहुत कुछ करना है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में पुरुष क्रिकेट में महिलाएं पहले ही अंपायरिंग का जिम्मा संभाल चुकी हैं। बीसीसीआई के 150 पंजीकृत अंपायरों में केवल तीन महिला अंपायर शामिल हैं। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘रणजी ट्रॉफी में हम उनके मैचों के लिए योजना नहीं बना सकते हैं लेकिन हम उनकी उपलब्धता के अनुसार उन्हें मैच देंगे। ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम भारत आ रही है और उसके बाद न्यूजीलैंड ए टीम का दौरा होगा। इसके अलावा घरेलू महिला क्रिकेट भी है। हमें उसमें भी उनकी जरूरत पड़ेगी।’’ 

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