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Hindi News खेल आईपीएल T20 World Cup: IPL 2021 जीतने के बाद 'मेंटॉर' धोनी पर होंगी सबकी नजरें

T20 World Cup: IPL 2021 जीतने के बाद 'मेंटॉर' धोनी पर होंगी सबकी नजरें

धोनी अपने फैसलों को थोपने में विश्वास नहीं रखते। उनका मानना है कि फैसले बाध्यता में नहीं लिये जाते। बतौर सलाहकार कुछ मसलों पर उनकी राय काफी मायने रखेगी।

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चेन्नई सुपर किंग्स को चौथी बार आईपीएल खिताब दिलाने के बाद महेंद्र सिंह धोनी अब टी20 विश्व कप में मैदान के बाहर टीम इंडिया के 'मेंटॉर' की भूमिका में होंगे और पिछले 17 वर्ष मैदान के भीतर अपने फन का लोहा मनवाने के बाद मैदान से बाहर की इस भूमिका में उन्हें देखना दिलचस्प होगा। इसमें धोनी का काम अपने अनुभव और समझ को साझा करने का होगा लेकिन यह कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री पर निर्भर करेगा कि वह उसका इस्तेमाल कैसे करते हैं।

भारतीय क्रिकेट में 'मेंटॉर' शब्द के व्यापक मायने हैं जो एक रणनीतिकार, प्रेरणास्रोत या सलाहकार (साउंडिंग बोर्ड) हो सकता है। धोनी के मामले में वह सलाहकार हो सकते हैं क्योंकि बड़े टूर्नामेंट नहीं जीतने के बावजूद यह भारतीय टीम लंबे समय से 'आटो पायलट मोड' में है। धोनी को जानने वालों को पता है कि वह जरूरत पड़ने पर ही बोलेंगे और शास्त्री या कोहली के काम में कभी दखल नहीं देंगे।

इस टीम के अधिकांश सीनियर खिलाड़ियों के वह कप्तान रहे हैं जिन्होंने उनके कप्तान रहते पदार्पण किया और उनके मार्गदर्शन से सुपरस्टार बने। भारतीय टीम के साथ एक महीने जुड़कर धोनी को क्या फायदा होगा। उन्हें यह आकलन करने का मौका मिलेगा कि क्या वह सीधे मेंटॉर बनकर अगले आईपीएल के लिये सीएसके की रिटेंशन फीस बचा सकते हैं।

धोनी ने आईपीएल में अपने भविष्य को लेकर खुलकर कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा है कि सीएसके में उनकी भूमिका बीसीसीआई की रिटेंशन नीति पर निर्भर होगी। वह टीम इंडिया के डग आउट का हिस्सा होंगे और अगर उन्हें लगता है कि वह कोहली की टीम को मदद करने में सफल रहे हैं तो अगले सत्र में आईपीएल में मैदान पर मौजूद रहे बिना मेंटॉर की भूमिका में सीएसके के साथ हो सकते हैं।

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धोनी अपने फैसलों को थोपने में विश्वास नहीं रखते। उनका मानना है कि फैसले बाध्यता में नहीं लिये जाते। बतौर सलाहकार कुछ मसलों पर उनकी राय काफी मायने रखेगी। मसलन रोहित शर्मा के साथ पारी का आगाज केएल राहुल करेंगे या ईशान किशन। चूंकि सीएसके में रूतुराज गायकवाड़ और फाफ डु प्लेसी की सलामी जोड़ी काफी कामयाब रही है। इसके अलावा हार्दिक पंड्या को सिर्फ बल्लेबाज के रूप में उतारने या शारदुल ठाकुर को हरफनमौला के तौर पर खिलाने को लेकर भी उनसे राय ली जा सकती है। टीम संयोजन और रणनीति से जुड़े मसलों पर धोनी की राय काफी मायने रखेगी।