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पूर्व कप्तान भूटिया ने खिलाड़ियों को छोटी उम्र से ही तैयार करने पर दिया जोर

भारत के पूर्व दिग्गज फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया ने देश में फुटबॉल के प्रति बढ़ती दिलचस्पी पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि देश को अगर खेल महाशक्ति बनना है तो कम उम्र से ही खिलाड़ियों को तैयार करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

<p>पूर्व कप्तान भूटिया...- India TV Hindi Image Source : PTI पूर्व कप्तान भूटिया ने खिलाड़ियों को छोटी उम्र से ही तैयार करने पर दिया जोर

नई दिल्ली। भारत के पूर्व दिग्गज फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया ने देश में फुटबॉल के प्रति बढ़ती दिलचस्पी पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि देश को अगर खेल महाशक्ति बनना है तो कम उम्र से ही खिलाड़ियों को तैयार करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। भूटिया ‘विशेष ओलंपिक भारत’ के एथलीटों के एक ऑनलाइन सत्र में संबोधित कर रहे थे।

भारतीय फुटबॉल टीम के इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘ किसी भी खेल में सफलता के लिए जरूरी है कि खिलाड़ी कम उम्र से ही खेलना शुरू करें और लगातार अभ्यास करें।’’ इस सत्र में विशेष ओलंपिक भारत से जुड़े खिलाड़ियों के साथ उनके अभिभावक भी मौजूद थे।

भारत में फुटबॉल की बढ़ती लोकप्रियता के बारे में पूछे जाने पर इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘‘ युवाओं को क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों के अपनाते देखना बहुत अच्छा लगता है। इसके लिए मैं देश में यूरोपीय फुटबॉल के सीधा प्रसारण को श्रेय देना चाहूंगा। यह खेल 20 साल पहले की तुलना में अब बच्चों के बीच अधिक लोकप्रिय है। ’’

भूटिया ने कहा, ‘‘अभी इस बात की जरूरत सबसे ज्यादा है कि खिलाड़ी या बच्चे जिस खेल में दिलचस्पी ले रहे है, उसके लिए मैदान में उतरे। हमारे यहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि लोग अपने बच्चों को खेलने के लिए मैदान में लाएं।’’

उन्होंने जमीनी स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धा की मांग करते हुए कहा, ‘‘ हमें युवाओं को प्रोत्साहित करने और देश में फुटबॉल और अन्य खेलों की संस्कृति को बढ़ाने के लिए जमीनी स्तर पर अधिक से अधिक प्रतियोगिताओं का आयोजन करना चाहिए।’’

इस सत्र में भूटिया के साथ पूर्व भारतीय तैराकी चैम्पियन बुला चौधरी, सात बार के राष्ट्रीय टेनिस चैम्पियन गौरव नाटेकर और प्रो वॉलीबाल लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉय भट्टाचार्य भी मौजूद थे। इस मौके पर विशेष ओलंपिक भारत के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एअर मार्शल डेंजिल कीलोर (सेवानिवृत) ने कहा, ‘‘ हमारे विशेष एथलीट सैकड़ों की संख्या में प्रशिक्षण लेते हैं। विश्व खेलों में भाग लेते हैं और पदक जीतते है, जिसकी संख्या किसी भी अन्य महासंघ से अधिक है फिर भी इसको लेकर जागरुकता नहीं है।’’