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पूर्व भारतीय टेबल टेनिस कोच भवानी मुखर्जी और तपन बोस का निधन

पूर्व भारतीय टेबल टेनिस के लिये शुक्रवार का दिन अच्छा नहीं रहा जब देश के दो अनुभवी कोच भवानी मुखर्जी और तपन बोस ने यहां अंतिम सांस ली। 

table tennis- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES पूर्व भारतीय टेबल टेनिस कोच भवानी मुखर्जी और तपन बोस का निधन

चंडीगढ़। पूर्व भारतीय टेबल टेनिस के लिये शुक्रवार का दिन अच्छा नहीं रहा जब देश के दो अनुभवी कोच भवानी मुखर्जी और तपन बोस ने यहां अंतिम सांस ली। कोच मुखर्जी का पेट की बीमारी के कारण यहां जिरकपुर में उनके निवास पर निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। वहीं बोस को यहां उनके निवास पर दिल का दौरा पड़ा। वह 78 वर्ष के थे। मुखर्जी के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा हैं। बोस के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।

टीटीएआई महासचिव एमपी सिंह ने पीटीआई को बताया, ‘‘उन्हें (मुखर्जी) पेट संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे और उनका उनके निवास पर निधन हो गया। ’’ दोनों मशहूर कोचों के बीच अच्छा तालमेल था। बोस के 1974 में सेवानिवृत्त होने के बाद मुखर्जी एनआईएस में मुख्य कोच बने। इससे पहले वह उनके सहायक के तौर पर काम कर रहे थे।

वह टेबल टेनिस में द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल करने वाले पहले कोच थे। उन्होंने अजमेर में स्कूल और कालेज की शिक्षा ग्रहण की थी। कोचिंग में डिप्लोमा लेने के बाद 70 के दशक के मध्य में वह पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) से जुड़े थे। वह एनआईएस पटियाला में मुख्य कोच थे और 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के बाद थोड़े समय के लिये राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच बने थे।

मुखर्जी लंदन ओलंपिक के लिये भी खिलाड़ियों के साथ गये थे और 34 साल तक टेबल टेनिस के लिये काम करने के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें 2012 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था जिससे वह टेबल टेनिस में यह सम्मान पाने वाले पहले कोच बने थे। राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उत्तर प्रदेश टीम की अगुआई करने वाले बोस सत्तर के दशक में राज्य चैम्पियन बने।

बतौर जूनियर खिलाड़ी साठ के दशक में वह भारत के सातवीं रैंकिंग के खिलाड़ी थे। बोस ने अपना डिप्लोमा पटियाला के एनआईएस में पूरा किया और इसके बाद वह एनआईएस में मुख्य कोच बन गये। वह भी राष्ट्रीय कोच रहे और उनके नेतृत्व में कई खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा दिखायी।

सिंह ने कहा, ‘‘यह पूरे टेबल टेनिस जगत के लिये दुख भरा दिन है। भवानी दा और तपन दा के निधन के बारे में सुनकर मैं बहुत दुखी हुआ। वे कई खिलाड़ियों के लिये पितातुल्य थे और उनकी काफी कमी महसूस होगी। मैं उनके परिवारों के लिये हार्दिक संवेदना अर्पित करता हूं।’’