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हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स: जर्मनी से 0-2 से हारा भारत

भारतीय टीम को बेहद लचर और निराशाजनक प्रदर्शन के कारण जर्मनी के हाथों पूल बी में 0-2 से हार का सामना करना पड़ा। जो उसकी हॉकी विश्व लीग फाइनल में लगातार दूसरी हार है।

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भुवनेश्वर: भारतीय टीम को बेहद लचर और निराशाजनक प्रदर्शन के कारण जर्मनी के हाथों पूल बी में 0-2 से हार का सामना करना पड़ा। जो उसकी हॉकी विश्व लीग  फाइनल में लगातार दूसरी हार है। 

दर्शकों को फिर से निराशा का सामना करना पड़ा क्योंकि जर्मनी ने दूसरे क्वॉर्टर में दो गोल दागकर बढ़त बनायी और उसे आखिर तक बरकरार रखा। जर्मनी के लिये कप्तान माटिन हानेर ने 17वें मिनट में और मैट्स ग्रामबुस्क ने 20वें मिनट में गोल किये। 

भारत की यह आठ देशों के इस टूर्नामेंट में लगातार दूसरी हार है। पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को 1-1 से बराबरी पर रोकने के बाद भारतीय टीम अगले मैच में इंग्लैंड से 2-3 से हार गयी थी। इस तरह से वह पूल बी में केवल एक अंक लेकर सबसे निचले स्थान पर रहा। जर्मनी ने दो मैच जीते और एक ड्रॉ कराया और वह पूल बी में सात अंक के साथ शीर्ष पर रहा। 

अपने पूल में सबसे निचले स्थान पर रहने के कारण भारत को अब क्वॉर्टर फाइनल में पूल ए से शीर्ष पर रहने वाली टीम से भिड़ना होगा जबकि जर्मनी पूल ए से चौथे स्थान पर रहने वाली टीम से खेलेगा। पूल ए की तालिका का कल अर्जेंटीना और स्पेन तथा बेल्जियम और नीदरलैंड के बीच मैच के बाद निर्धारण होगा। 

जर्मनी ने शुरू से ही दबदबे वाली हाकी खेली लेकिन भारत ने भी पहले क्वार्टर में कुछ अच्छे जवाबी हमले किये। खेल के 15वें मिनट ने रूपिंदर पाल सिंह ने चिंगलेनसना को गेंद सौंपी थी जिनके पास गोल करने का मौका था लेकिन वह चूक गये। 

जर्मनी ने दूसरे क्वार्टर में तीन मिनट के अंदर दो गोल करके भारत को दबाव में ला दिया जिससे वह आखिर तक नहीं उबर पाया। जर्मनी को दूसरे क्वार्टर के शुरू में पेनल्टी कार्नर मिला और हानेर ने ग्राउंड फ्लिक से उसे गोल में बदला। दर्शक तब सन्न रह गये जब जर्मन टीम ने इसके तीन मिनट बाद ग्रामबुस्क के गोल से अपनी बढ़त दोगुनी कर दी। 

भारत ने इसके बाद कुछ अच्छा खेल दिखाया और मौके बनाये लेकिन जर्मनी के गोलकीपर टोबियास वाल्टर ने बेहतरीन खेल दिखाया और भारतीयों के तमाम कोशिशों को नाकाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भारतीयों की पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने की कमजोरी भी खुलकर सामने आयी। टीम को मिले चारों पेनल्टी कार्नर बेकार गये।