A
Hindi News खेल अन्य खेल उम्मीद है कि इस पुरस्कार से परालम्पिक को लेकर नजरिया बदलेगा : झाझाारिया

उम्मीद है कि इस पुरस्कार से परालम्पिक को लेकर नजरिया बदलेगा : झाझाारिया

देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पाने वाले पहले परालम्पियन देवेंद्र झाझाारिया ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस पुरस्कार के बाद परालम्पिक खेलों के प्रति लोगों का नजरिया बदलेगा।

Devender jhaajharia- India TV Hindi Devender jhaajharia

नयी दिल्ली: देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पाने वाले पहले परालम्पियन देवेंद्र झाझाारिया ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस पुरस्कार के बाद परालम्पिक खेलों के प्रति लोगों का नजरिया बदलेगा। राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान के लिये भालाफेंक खिलाड़ी झाझारिया और पूर्व हाकी कप्तान सरदार सिंह के नाम की अनुशंसा की गई है । 

झाझारिया ने भाषा से बातचीत में कहा, अगर मुझे 12 साल पहले यह सम्मान मिला होता तो और बेहतर होता क्योंकि शुरूआती दौर में हमने काफी कठिनाइयों का सामना किया है। उस समय सम्मान मिलता तो आज देश में परालम्पिक खेलों की दशा और बेहतर होती। लेकिन मुझो खुशी है कि देर से ही सही सम्मान मिला और अब इससे इन खेलों के प्रति लोगों का नजरिया बदलेगा और दिव्यांग खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा। 

एथेंस परालम्पिक 2004 और रियो परालम्पिक 2016 में वि रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाले झाझाारिया यह सम्मान पाने वाले पहले परालम्पियन हैं । उन्होंने इसका श्रेय अपनी मां को देते हुए कहा कि अगर बचपन में उनकी हिचक दूर करके मां ने खेल के मैदान पर नहीं भेजा होता तो आज वह इस मुकाम पर नहीं होते । आठ बरस की उम्र में पेड़ पर चढते समय बिजली के तार से टकराने के बाद उनका बायां हाथ खराब हो गया था जिसे काटना पड़ा । 

उन्होंने कहा, मैं हिचक के मारे घर से बाहर नहीं निकलता था कि दूसरे बच्चे मजाक उड़ायेंगे। मेरी मां ने मुझे खेलने के लिये प्रोत्साहित किया। कोई और होता तो कहता कि पढाई करके नौकरी ढूंढ लो लेकिन मेरी मां अलग थी और उन्होंने मुझे खिलाड़ी बनाया। आज मैं जिस मुकाम पर हूं, उसका श्रेय उन्हें ही जाता है।