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Tokyo Olympics 2020: ये मेरा भारतीय महिला टीम के साथ आखिरी मैच था: कोच मारिन

भारतीय टीम के चौथे स्थान पर रहने का श्रेय उनके प्रशिक्षण को दिया जा रहा है। ब्रिटेन के खिलाफ करीबी मुकाबले में टीम को 3-4 से हार का सामना करना पड़ा।

<p>Tokyo Olympics 2020: this was my last match with indian...- India TV Hindi Image Source : TWITTER HANDLE/@RANDEEPHOODA Tokyo Olympics 2020: this was my last match with indian women's hockey team: coach marin

भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच शोर्ड मारिन ने शुक्रवार को कहा कि ओलंपिक खेलों में ब्रिटेन के खिलाफ कांस्य पदक का प्लेऑफ मुकाबला इस टीम के साथ उनकी आखिरी जिम्मेदारी थी। इस 47 वर्षीय कोच की देखरेख में भारतीय महिला हॉकी टीम ने ओलंपिक खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।

भारतीय टीम के चौथे स्थान पर रहने का श्रेय उनके प्रशिक्षण को दिया जा रहा है। ब्रिटेन के खिलाफ करीबी मुकाबले में टीम को 3-4 से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच के कुछ घंटों के बाद मारिन ने इस्तीफा देने की घोषणा की।

नीदरलैंड के इस पूर्व खिलाड़ी ने भारतीय मीडिया के साथ ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मेरी कोई योजना नहीं है क्योंकि भारतीय महिलाओं के साथ यह मेरा आखिरी मैच था। यह अब जानेका (शोपमैन) के हवाले है। मुझे लड़कियों (भारतीय खिलाड़ियों) को ट्रेनिंग देने की कमी खलेगी लेकिन मुझे अपने परिवार की बहुत कमी खलती है। मेरा परिवार पहले नंबर पर है। मैं अपने बेटे, बेटी और पत्नी के साथ रहना चाहता हूं, मैं उनसे साढ़े तीन वर्षों तक दूर रहा। इस सफर को समाप्त करने का यह खूबसूरत तरीका है।"

पता चला है कि मारिन और टीम के विश्लेषणात्मक कोच जानेका शोपमैन दोनों को भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) द्वारा कार्यकाल विस्तार की पेशकश की गई थी, लेकिन मुख्य कोच ने व्यक्तिगत कारणों से इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि शोपमैन के अब पूर्णकालिक आधार पर मारिन का पद संभालने की उम्मीद है।

मारिन को 2017 में भारतीय महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया था। उन्हें इसके बाद पुरुष टीम का कोच बना दिया गया। हालांकि 2018 में उन्हें फिर से महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया।

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मारिन नीदरलैंड के लिए खेल चुके हैं और उनकी देखरेख में नीदरलैंड की अंडर -21 महिला टीम ने विश्व कप खिताब और सीनियर महिला टीम ने 2015 में हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल्स में स्वर्ण पदक हासिल किया है। कोविड-19 महामारी के कारण लागू प्रतिबंधों की वजह से वह पिछले 16 महीने से अपने घर नहीं जा पाये है। उनके इस्तीफे के फैसले को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।