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मेरा लक्ष्य सुशील की दो ओलंपिक पदक की उपलब्धि की बराबरी करना: साक्षी

नयी दिल्ली: साक्षी मलिक भले ही भारत की ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली और एकमात्र महिला पहलवान हों लेकिन उनके लिये इतना ही काफी नहीं है क्योंकि अब उनका लक्ष्य 2020 तोक्यो खेलों मंे सुशील

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नयी दिल्ली: साक्षी मलिक भले ही भारत की ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली और एकमात्र महिला पहलवान हों लेकिन उनके लिये इतना ही काफी नहीं है क्योंकि अब उनका लक्ष्य 2020 तोक्यो खेलों मंे सुशील कुमार की दो ओलंपिक पदक जीतने की ऐतिहासिक उपलब्धि की बराबरी करना है। 

साक्षी ने पीटीआई से कहा, मेरा लक्ष्य 2020 में तोक्यो में ओलंपिक पदक जीतकर सुशील कुमार की ऐतिहासिक उपलब्धि की बराबरी करना है। मैं इस लक्ष्य को हासिल करने पर पूरा ध्यान लगाये हुए हूं। मैं दो बार की ओलंपिक पदकधारी बनना चाहती हूं जैसे की सुशील जी हैं। 

उन्होंने कहा, ओलंपिक के लिये किसी भी खिलाड़ी को अपनी ट्रेनिंग चार साल पहले शुरू कर देनी चाहिए और मैंने अपनी ट्रेनिंग इसी के अनुसार शुरू कर दी है। 
साक्षी ने कहा कि इस समय उनका लक्ष्य विश्व चैम्पियनशिप के लिये तैयारी करनी है जो इस साल के अंत में होगी। 

पिछले साल रियो में ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी साक्षी ने कहा, इस साल मेरा लक्ष्य विश्व चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करना है। इस समय मैं दिल्ली में मई में होने वाले एशियाई खेलों में भाग लेने की भी योजना बना रही हूं। इसके अलावा मैं अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर ध्यान लगाये हूं। 

इस 24 वर्षीय ने स्वीकार किया कि ओलंपिक पदक के बाद जिंदगी पूरी तरह से बदल गयी है और उन्हें अच्छा लगता है कि लोग उन्हें पहचानते हैं। 

साक्षी ने कहा, जिंदगी अच्छे के लिये बदली है। काफी लोग मुझे अब पहचानने लगे हैं और इससे बहुत अच्छा महसूस होता है। इससे मुझे बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है। 
यह पूछने पर कि क्या इससे हर बार जब वह मैट पर उतरती हैं तो एक अतिरिक्त दबाव महसूस होता है तो उन्होंने कहा, हां, इसमें कोई शक नहीं है कि दबाव काफी गुना बढ़ गया है और हर बार जब भी मैं मैट पर उतरती हूं तो उम्मीदों का काफी दबाव होता है। लेकिन इससे कड़ी मेहनत करने और अपने खेल में सुधार करने की भी प्रेरणा मिलती है। मैं अपनी कमियों को दूर करने और बेहतर ट्रेनिंग करने की कोशिश कर रही हूं। 

उन्होंने कहा, इससे मुझे बेहतर तैयारी में भी मदद मिलती है और मैं अपनी बाउट लड़ने के लिये अब ज्यादा आत्मविश्वास से भरी हूं। 

साक्षी प्रो कुश्ती लीग में इस सत्र में दिल्ली सुल्तान्स की कप्तान थी, हालांकि उन्होंने बेहतर किया लेकिन उनकी टीम सेमीफाइनल में पहुंचने में असफल रहीं। 
उन्होंने कहा, मैंने अपनी सभी बाउट जीतीं और इससे काफी संतोष होता है। मैंने अन्य विदेशी पहलवानों से भी काफी कुछ सीखा। पिछले सत्र में भी मैंने कई नयी चीजें सीखी थी और इससे मुझे ओलंपिक के दौरान मदद मिली।