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Hindi News खेल अन्य खेल Women's World Boxing: मैरीकॉम के बाद लवलीना का पदक भी पक्का, मनीषा और भाग्यवती बाहर

Women's World Boxing: मैरीकॉम के बाद लवलीना का पदक भी पक्का, मनीषा और भाग्यवती बाहर

असम की 21 साल की लवलीना ने तेज तर्रार मुक्कों से आस्ट्रेलिया की 34 साल की काये फ्रांसेस स्कॉट को 5-0 से पस्त किया 

मैरीकॉम के बाद लवलीना का पदक भी पक्का, मनीषा और भाग्यवती बाहर- India TV Hindi Image Source : PTI मैरीकॉम के बाद लवलीना का पदक भी पक्का, मनीषा और भाग्यवती बाहर

नई दिल्ली। भारत की सुपरस्टार और पांच बार की चैम्पियन एमसी मैरीकॉम (48 किग्रा) ओर लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) ने मंगलवार को यहां चल रही दसवीं एआईबीए महिला विश्व चैम्पियनिशप के सेमीफाइनल में प्रवेश कर पदक पक्का कर लिया। युवा मुक्केबाज मनीषा मौन (54 किग्रा) को हालांकि 2016 विश्व चैम्पयनिशप की रजत पदक विजेता स्टोयका पैट्रोवा से 1-4 से और भाग्यवती काचरी (81 किग्रा) को कोलंबिया की जेसिका पी सी सिनिस्टरा से 2-3 से पराजय का मुंह देखना पड़ा। 

पांच बार की विश्व चैम्पियन मैरीकॉम ने दिन की शुरूआत क्वार्टरफाइनल में चीन की यू वु पर 5-0 की शानदार जीत से की, अब वह वीरवार को उत्तर कोरिया की हयांग मि किम से भिड़ेंगी जिन्हें उन्होंने पिछले साल एशियाई चैम्पियनशिप के फाइनल में हराया था। तीनों राउंड में पांचों जज ने 49-46, 50-45, 49-46 अंक दिये। 

असम की 21 साल की लवलीना ने तेज तर्रार मुक्कों से आस्ट्रेलिया की 34 साल की काये फ्रांसेस स्कॉट को 5-0 से पस्त किया और अंतिम चार में 22 नवंबर को चीनी ताइपे की चेन निएन चिन के सामने होंगी। पांचों जज ने 30-27 29-28 30-27 30-27 30-27 अंक प्रदान किये। लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी मैरीकॉम ने अपने चिर परिचित अंदाज में खेलते हुए चीनी मुक्केबाज को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया। उनके दांये बांये हाथ से लगाये गये मजबूत मुक्कों का यू वु के पास कोई जवाब नहीं था। 

विश्व चैम्पियनिशप में छह पदक जीत चुकी मैरीकॉम आत्ममुग्ध होने से बचना चाहती हैं और एक बार में एक ही मुकाबले पर ध्यान लगा रही हैं। उन्होंने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘यह काफी कठिन भी नहीं थी और आसान भी नहीं थी। मैं रिंग में ध्यान भंग नहीं होने देती, जिससे फायदा मिलता है। मैं उसे देखकर उसके खिलाफ खेल रही थी। चीन की मुक्केबाज काफी मजबूत हैं, लेकिन उसके खिलाफ यह मेरा पहला मुकाबला था। 

अगले मुकाबले के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं पदक दौर में प्रवेश कर चुकी हूं। एशियाई चैम्पियनशिप में मैंने उसको हराया था। अभी सेमीफाइनल में लडना है, अति आत्मविश्वास से नहीं खेलना। उसकी वीडियो का आकलन किया था, उसी के हिसाब से खेलूंगी।’’ लवलीना के लिये यह शानदार उपलब्धि है, जिन्होंने अपनी पहली विश्व चैम्पियनशिप में पदक पक्का कर लिया है, लेकिन वह स्वर्ण पदक से कम पर संतोष नहीं करना चाहती। 

उनके खिलाफ उतरीं आस्ट्रेलियाई मुक्केबाज ने ओलंपिक में पदक जीतने की मुहिम के अंतर्गत दो वजन वर्ग कम किये हैं। वह अस्ताना में 2016 में हुई विश्व चैम्पियनशिप में 81 किग्रा में रजत पदक जीत चुकी हैं और वेल्टरवेट में उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में अपने देश में कांस्य पदक जीता था। लवलीना ने कहा, ‘‘जो रणनीति बनायी थी, वैसा ही किया। खुश हूं, लेकिन मुझे स्वर्ण पदक जीतना है। ताइपे के खिलाफ मेरी सेमीफाइनल बाउट है, उसके हिसाब से रणनीति बनानी होंगी। मैं उससे पहले खेल चुकी हूं, लेकिन मैं हार गयी थी। तब मैंने शुरूआत की थी और इतनी अच्छी नहीं थी।’’ 

दोपहर के सत्र में दूसरी भारतीय मनीषा रिंग में उतरी। वह शीर्ष वरीय के खिलाफ कहीं न कहीं अनुभव की कमी महसूस हुई। मनीषा की यह सीनियर में पहली बड़ी चैम्पियनशिप थी, लेकिन उनका मानना है कि यह अनुभव उनके लिये बहुत काम आयेगा। बुल्गारिया की मुक्केबाज ने शुरू से मनीषा को दबाव में रखा और कुछ बेहतरीन पंच से उन्हें कोई मौका नहीं दिया। बैंथमवेट मुक्केबाज मनीषा को शुरू से ड्रा में कड़े मुकाबले खेलने पडे, उन्होंने पहले दौर में विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदकधारी अमेरिका की अनुभवी क्रिस्टीना क्रूज को, फिर मौजूदा विश्व चैम्पियन कजाखस्तान की डिना जोलामैन को मात दी थी। लेकिन आज वह जीत हासिल नहीं कर सकीं। वहीं फिनलैंड की शीर्ष वरीय और ओलंपिक की कांस्य पदकधारी मीरा पोटकोनेन को उलटफेर का सामना करना पड़ा। वह थाईलैंड की सुदापोर्न सीसोन्दी से 1 - 4 से हार गयीं।