A
Hindi News उत्तर प्रदेश मायावती की पहली लिस्ट में 7 मुस्लिम उम्मीदवार, उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस को झेलना होगा नुकसान?

मायावती की पहली लिस्ट में 7 मुस्लिम उम्मीदवार, उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस को झेलना होगा नुकसान?

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी ने यूपी के 16 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस लिस्ट में 7 मुस्लिम उम्मीदवारों को जगह दी गई है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इससे इंडी गठबंधन के दल यानी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को नुकसान हो सकता है।

bsp first list has 7 Muslim candidates SP and Congress face vote crisis in Uttar Pradesh- India TV Hindi Image Source : PTI बसपा की पहली लिस्ट में 7 मुस्लिम उम्मीदवार

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा ने अपनी पहली लिस्ट को जारी कर दिया है। इस लिस्ट में कुल 16 उम्मीदवार हैं, जिसमें से 7 उम्मीदवार मुस्लिम हैं। माना जा रहा है कि ये 7 मुस्लिम उम्मीदवार उत्तर प्रदेश में इंडी गठबंधन के दलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सहारपुर से माजिद अली, मुरादाबाद से मोहम्मद इरफान सैफी, रामपुर से जीशान खां, सम्भल से शौलत अली, अमरोहा से मुजाहिद हुसैन, आंवला से आबिद अली और पीलीभीत से पार्टी ने अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू को चुनावी मैदान में उतारा है। 

किस जिले में कितनी मुस्लिम आबादी

बता दें कि रामपुर में 50 फीसदी से अधिक आबादी मुस्लिम है। मुरादाबाद में 47.12, संभल में 45 फीसदी, सहारनपुर में 42 फीसदी, अमरोहा में करीब 38 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। वहीं अन्य 2 जिलों में भी मुस्लिम आबादी अच्छी संख्या में है। इंडी गठबंधन के दल कांग्रेस ने सहारनपुर से इमरान मसूद को उतारा है। मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी ने एसटी हसन को अपना उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी ने रामपुर से उम्मीदवार का नाम अबतक ऐलान नहीं किया गया है। हालांकि माना जा रहा है कि सपा की तरफ से इस सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार को ही उतारा जाएगा।

क्या इंडी गठबंधन को होगा नुकसान

संभल से समाजवादी पार्टी ने जिया उर रहमान वर्क को उतारा है। अमरोहा से कांग्रेस ने दानिश अली को अपना उम्मीदवार बनाया है। आंवला से बसपा ने आबिद अली को उतारा है। पीलीभीत से समाजवादी पार्टी ने भगवत सिंह गंगवार को उतारा है। बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रधेश में मुस्लिम वोट के साथ दलित और जाट वोट है, लेकिन यादव वोट नहीं है। जयंत चौधरी एनडीए गठबंधन के साथ हैं। ऐसे में अखिलेश यादव और कांग्रेस की निगाहें मुस्लिम वोटरों पर है। लेकिन मायावती द्वारा 7 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारे जाने के बाद इस बात का खतरा बढ़ गया है कि इंडी गठबंधन के घटक दलों यानी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को इन सीटों पर नुकसान झेलना पड़ सकता है।