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Hindi News उत्तर प्रदेश ज्ञानवापी के वजूखाने में साफ-सफाई शुरू, दोनों पक्षों के प्रतिनिधि रहेंगे मौजूद, प्रशासन कर रहा निगरानी

ज्ञानवापी के वजूखाने में साफ-सफाई शुरू, दोनों पक्षों के प्रतिनिधि रहेंगे मौजूद, प्रशासन कर रहा निगरानी

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में मौजूद वजूखाने की साफ-सफाई शुरू हो चुकी है। बता दें कि प्रशासन इसकी निगरानी कर रहा है। पूरी साफ-सफाई के इस कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जा रही है। साथ ही हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष के प्रतिनिधि वहां मौजूद हैं।

Gyanvapi Vajukhana Cleaning started after supreme court direction administration is monitoring- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO ज्ञानवापी के वजूखाने में साफ-सफाई शुरू

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मस्जिद के वजूखाने की सफाई शुरू हो गई है। जिला प्रशासन द्वारा इस साफ-सफाई अभियान को शुरू किया गया है। साफ सफाई के लिए जिलाधिकारी वाराणसी ने 9 बजे से 11 बजे तक का समय दिया है। आज सिर्फ वजूखाने की सफाई की जाएगी। साफ-सफाई कराने के दौरान पूरी घटनाक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। बता दें कि वाराणसी के जिलाधिकारी इसकी अध्यक्षता करेंगे। मस्जिद में साफ-सफाई करने पहुंची 26 लोगों की टीम में सभी लोग नगर निगम वाराणसी के सफाई कर्मचारी हैं। 

ज्ञानवापी के वजूखाने में साफ-सफाई शुरू

बता दें कि साफ सफाई का निर्णय लेने से पूर्व गुरुवार को मां श्रृंगार गौरी केस के वादी पक्ष और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों के साध जिलाधिकारी एस। राजलिंगम ने अलग-अलग बैठक की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 16 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने की सफाई का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि वजूखाने की सफाई जिला प्रशासन की देखरेख में किया जाएगा। बता दें कि इसके बाद जिलाधिकारी ने दोनों पक्षों के साथ अलग-अलग बैठक की, जिसके बाद दोनों पक्षों की सहमति से तय हुआ कि शनिवार की सुबह 9 बजे साफ सफाई का काम किया जाएगा। 

प्रशासन की निगरानी में होगी साफ-सफाई

इस दौरान वजूखाने में मरी पड़ी मछलियों को और गंदगी को बाहर निकाल लिया जाएगा। इसके बाद जिंदा मछलियों को मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन को सौंप दिया जाएगा। बता दें कि पंप लगाकर वजूखाने में मौजूद सारे गंदे पानी को निकाला जाएगा। इसके बाद साफ सफाई कर चूने का छिड़काव किया जाएगा। इस दौरान दोनों पक्षों के दो-दो प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। लेकिन जो जाली लगाई जाएगी, उसके भीतर कोई नहीं जाएगा। बता दें कि वजूखाने में ही शिवलिंग जैसी आकृति है। हिंदू पक्ष का कहना है कि वह शिवलिंग है। लेकिन मुस्लिम पक्ष द्वारा लगातार इससे ऐतराज किया जा रहा है।