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Hindi News उत्तर प्रदेश आजम खान से मिलने रामपुर पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव, रामपुर सांसद नदवी नहीं थे साथ

आजम खान से मिलने रामपुर पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव, रामपुर सांसद नदवी नहीं थे साथ

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान से मिलने रामपुर पहुंच गए हैं।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव को रिसीव कर घर ले जाते आजम खान- India TV Hindi Image Source : REPORTER INPUT सपा प्रमुख अखिलेश यादव को रिसीव कर घर ले जाते आजम खान

रामपुरः सपा प्रमुख अखिलेश यादव पूर्व मंत्री आजम खान से मिलने उनके घर रामपुर पहुंच गए हैं। इस दौरान रामपुर सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी नहीं दिखे। आजम खान अखिलेश यादव को रिसीव करने खुद गए। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात अभी भी जारी है।  गौरतलब है कि आजम खान ने रामपुर सांसद से मिलने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से ही मिलेंगे। लगभग दो साल जेल में बिताने के बाद 23 सितंबर को सीतापुर जेल से आजम के रिहा होने के बाद दोनों के बीच यह पहली मुलाकात है।

रामपुर सांसद नदवी से नहीं मिलेंगे आजम खान

रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को लेकर आजम खान ने कहा कि मैं उनको जानता नहीं वह बहुत बड़े आदमी हैं। आलिम हैं, फाजिल हैं.. इतने बड़े आदमी को मैं नहीं जानता। बता दें कि आजम खान टिकट मिलने के बाद से ही मोहिबुल्लाह नदवी का विरोध करते रहे हैं। जेल से छूटने के बाद रामपुर के सांसद को मिलने का भी आजम खान ने अब तक समय नहीं दिया। आज अखिलेश यादव के साथ मुहीबुल्ला नदवी भी रामपुर आ रहे हैं। लेकिन पहले आजम खान ने कह दिया है कि मुलाकात सिर्फ अखिलेश यादव से ही करेंगे।

आजम खान का बयान यहां सुनें

साल 2024 में भी अखिलेश ने की थी आजम से मुलाकात

इससे पहले अखिलेश यादव ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जेल में आजम खान से मुलाकात की थी। इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी जेल में खान से मुलाकात की थी। कुछ दिन पहले सपा नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप ने पार्टी के आग्रह पर रामपुर में आजम खान से मुलाकात की थी। 

सपा के कद्दावर नेता हैं आजम खान

बता दें कि आजम खान 10 बार विधायक और एक बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। वह मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। आजम खान सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में आज भी उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता है।