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UP Election 2022 : भगवान बुद्ध का मन Shrawasti में ही क्यों लगता था? | Public Opinion | EP. 329

आपने अंगुलिमाल डाकू का नाम तो सुना ही होगा. जी हां, वही डाकू जो अपने घर-परिवार के पालन-पोषण के लिए जंगलों के बीच गुफ़ा में छुपा रहता था और मौका मिलते ही राह चलते लोगों को लूट लेता था. यही नहीं लूटपाट के बाद ऊंगलियां काटकर माला भी पहन लेता था. इसी क्रम में एक दिन उसकी मुलाकात भगवान बुद्ध से हो गई. और भगवान बुद्ध ने अंगुलिमाल डाकू को नास्तिक से आस्तिक बना दिया. जिस जगह यह चमत्कार हुआ उस जगह को Shrawasti के नाम से जाना जाता है. यह स्थान भगवान बुद्ध को काफी पसंद था. यह वही इलाका है जहां गौतम बुद्ध अपने जीवन काल का सबसे ज्यादा समय बिताए थे. बौद्धस्थली श्रावस्ती में हर वक्त भक्तों की भीड़ लगी रहती है. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम श्रावस्ती उस जगह पहुंची थी, जहां 2600 साल पुराना ‘बोधिवृक्ष’ मौजूद है. क्यों खास है श्रावस्ती? जानने के लिए देखिए हमारी रिपोर्ट.