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Hindi News पश्चिम बंगाल बीजेपी ने लोकतंत्र को क्वारंटाइन में भेजा, ममता ने उसे आईसीयू में भेजा: माकपा

बीजेपी ने लोकतंत्र को क्वारंटाइन में भेजा, ममता ने उसे आईसीयू में भेजा: माकपा

माकपा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पश्चिम बंगाल के लोगों को संबोधित करने के लिए आयोजित वर्चुअल रैली के खिलाफ मंगलवार को राज्य के विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया।

BJP sent democracy to quarantine, Mamata sent it to ICU: CPI(M)- India TV Hindi Image Source : PTI BJP sent democracy to quarantine, Mamata sent it to ICU: CPI(M)

कोलकाता: माकपा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पश्चिम बंगाल के लोगों को संबोधित करने के लिए आयोजित वर्चुअल रैली के खिलाफ मंगलवार को राज्य के विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि शाह ने दिल्ली से पश्चिम बंगाल के लोगों को संबोधित किया। माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि जब राज्य के लोग कोरोना वायरस की महामारी, आर्थिक संकट और अम्फान तूफान से हुई तबाही से परेशान हैं तब शाह उनसे उनका वोट मांग कर रहे हैं। 

पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘शाह ‘सोनार बांग्ला’ (संपन्न बंगाल)बनाने का वादा कर रहे हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि वह बांग्ला भाषी लोगों को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के नाम पर तीसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना और सड़क योजना समेत राज्य में केंद्र की विभिन्न योजनाओं को लागू करने में ममता बनर्जी सरकार की कथित अनियमितताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। 

सलीम ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ शोर मचा रहा है लेकिन विभिन्न मुद्दों पर केंद्र उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने भाजपा और तृणमूल नेतृत्व में साठगांठ होने का दावा किया। वाम नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोकतंत्र को पृथक-वास में भेज दिया है जबकि ममता बनर्जी ने उसे आईसीयू (गहन चिकित्सा कक्ष) में भेज दिया है। 

उन्होंने कहा, ‘‘ मौजूदा कोरोना वायरस की महामारी के चलते मनरेगा के तहत 100 दिन की रोजगार गारंटी को बढ़ाकर 200 दिन करने की तुरंत जरूरत है, लेकिन ग्रामीण और शहरी गरीबों के फायदे के लिए कुछ नहीं किया गया।’’ सलीम ने दावा किया कि प्रवासी श्रमिकों की पीड़ा पर ध्यान देने के बजाय नरेंद्र मोदी सरकार की अधिक रुचि उद्यमियों के हितों की रक्षा करने में है। 

उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा कुछ सौ कोविड-19 मामले होने पर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू करने और संक्रमितों की संख्या दो लाख से अधिक होने पर इसमें ढील देने के फैसले पर भी सवाल उठाया। माकपा नेता ने आरोप लगाया कि देश में कोविड-19 संक्रमितों का पता लगाने के लिए पर्याप्त संख्या में जांच नहीं हो रही है। 

उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने ढाई महीने की लॉकडाउन अवधि में स्वास्थ्य सेवाओं की आधारभूत संरचना को बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया। सलीम ने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा की सरकार और राज्य में तृणमूल कांग्रेस की सरकार कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने में नाकामयाब हुई हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘दोनों सरकारें संक्रमितों की वास्तविक संख्या को छिपा रही हैं।’’