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Hindi News पश्चिम बंगाल Lok Sabha Chunav 2024 Opinion Poll: पश्चिम बंगाल में बदल गया माहौल? असम में किसके हाथ बाजी? आ गया ओपिनियन पोल

Lok Sabha Chunav 2024 Opinion Poll: पश्चिम बंगाल में बदल गया माहौल? असम में किसके हाथ बाजी? आ गया ओपिनियन पोल

Lok sabha elections 2024: पश्चिम बंगाल और असम दो ऐसे राज्य हैं जहां लोकसभा की 50 से ज्यादा सीटें हैं। इन दोनों ही राज्यों में जनता के रुझान को जानने के लिए इंडिया टीवी-CNX ने एक ओपिनियन पोल किया है जिसके नतीजे आपके सामने हैं।

Lok sabha elections 2024, Lok Sabha Chunav, Lok Sabha Chunav 2024- India TV Hindi Image Source : INDIA TV पश्चिम बंगाल और असम में इस बार दिलचस्प मुकाबला होगा।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी थी। बीजेपी ने सूबे की 42 में से 18 लोकसभा सीटें जीती थीं लेकिन ममता ने असेंबली इलेक्शन में फाइटबैक किया और जबरदस्त जीत हासिल की। ऐसे में अगर बीजेपी को अपने 400 पार के लक्ष्य को पाना है तो बंगाल में लोकसभा चुनाव में अपनी टैली को पिछली बार से भी ज्यादा बढ़ाना होगा। 

संदेशखाली और CAA से बीजेपी को उम्मीद

संदेशखाली के बाद बीजेपी को उम्मीद है कि उसे जीत के लिए ज़रूरी टॉनिक मिल गया है और पार्टी को लगता है कि उसे CAA को नोटिफाई करने का फायदा भी लोकसभा चुनाव में मिलेगा। इंडिया टीवी-CNX के ओपिनियन पोल ने लोकसभा चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल और असम में जनता का मूड समझने की कोशिश की है। आइए, जानते हैं पश्चिम बंगाल और असम का ओपिनियन पोल क्या कहता है:

क्या है बंगाल की हॉट सीट्स पर जनता का मूड?

कूचबिहार: पश्चिम बंगाल की कूचबिहार लोकसभा सीट से बीजेपी के नीशीथ प्रामाणिक सांसद हैं। वह राजवंशी समुदाय से आते हैं। बीजेपी ने एक बार फिर नीशीथ पर भरोसा जताया है, जबकि टीएमसी के टिकट पर जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया मैदान में हैं। बीजेपी यहां लीड बरकरार रखती दिख रही है।

दार्जीलिंग: दार्जीलिंग नॉर्थ बंगाल की प्रतिनिधि सीट है। यहां से बीजेपी के राजू बिस्ता सांसद हैं। यहां 17% दलित, 20% आदिवासी और 15% मुस्लिम वोटर हैं। टीएमसी ने गोपाल लामा पर दांव लगाया है लेकिन बीजेपी के राजू बिष्ट एक बार फिर चुनाव जीतते दिख रहे हैं।

मालदा उत्तर: मुस्लिम वाली मालदा उत्तर सीट पर 2009 और 2014 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी लेकिन 2019 में बीजेपी ने रिजल्ट पलट दिया था। पार्टी के खगेन मुर्मू ने 75 हजार से ज्यादा वोटों से TMC को हराकर यहां भगवा लहराया था। इस बार फिर बीजेपी ने खगेन मुर्मू पर भरोसा जताया है लेकिन क्लोज फाइट में टीएमसी के प्रसून बनर्जी को लीड मिलती दिख रही है।

मालदा दक्षिण: पश्चिम बंगाल की यह सीट उन दो सीटों में से एक है जिन्हें 2019 में कांग्रेस ने जीता था। 2008 के परिसीमन के बाद यह संसदीय सीट बनी थी और 2009 से अब तक कांग्रेस के अबू हासेम खान चौधरी यहां से सांसद हैं। वह 2019 में बीजेपी प्रत्याशी को 8 हजार से कम वोटों से ही हरा पाए। इस बार मुकाबला बीजेपी बनाम टीएमसी का है। बीजेपी ने श्रीरूपा मित्रा चौधरी पर दांव लगाया है जबकि टीएमसी के शहनवाज अली रहमान बढ़त बनाते दिख रहे हैं।

बशीरहाट: बशीरहाट यानी संदेशखाली की सीट। बीजेपी ने 2024 के इलेक्शन प्रोजेक्ट की थीम जिस संदेशखाली को बनाया है, वो बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है। 2019 के चुनाव में इस सीट से तृणमूल की नुसरत जहां जीती थी। हालांकि शाहजहां शेख का मुद्दा इतना हाईलाइट होने के बावजूद यह सीट ममता बनर्जी की पार्टी के खाते में जाती दिख रही है।

कृष्णानगर: बांग्लादेश की सीमा से लगी हुई कृष्णानगर लोकसभा सीट भी इस समय चर्चा में है। 1971 की जंग के समय पूर्वी पाकिस्तान से भारी संख्या में मतुआ शरणार्थी यहां आए थे, जिन्हें अब तक नागरिकता नहीं मिली है। CAA नोटिफाई होते ही हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हुआ है और बीजेपी के लिए यहां ये एक बड़ा प्लस प्वाइंट दिख रहा है। ऐसे में बीजेपी की राजमाता अमृता राय इस बार टीएमसी की महुआ मोइत्रा को हरा सकती हैं।

बेहरामपुर: दक्षिण पूर्वी बंगाल की बेहरामपुर सीट से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी जीतते रहे हैं। वह पिछले 25 साल से बेहरामपुर के सांसद हैं। वह अपने इलाके में दबंग नेता माने जाते हैं इसलिए मोदी और दीदी की आंधी में भी अपनी सीट जीत लेते हैं। इस बार टीएमसी ने उनसे मुकाबले के लिए पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान को मैदान में उतारा है लेकिन ओपिनियन पोल के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी ये सीट फिर से जीत सकते हैं।

बानगांव: बानगांव सीट पर भी मतुआ वोट का जोर रहता है। बीजेपी के शांतनु ठाकुर ने 2019 में 3 बार से जीत रही TMC को एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। ओपिनियन पोल के मुताबिक, 2024 के लोकसभा चुनावों में वह तृणमूल कांग्रेस के बिश्वजीत दास को हराकर एक बार फिर बानगांव में बीजेपी का परचम लहरा सकते हैं।

डायमंड हार्बर: डायमंड हार्बर ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल के जनरल सेक्रेट्री अभिषेक बनर्जी की सीट है। अभिषेक बनर्जी 2014 से ही यहां के सांसद हैं। यह सीट तृणमूल के लिए सेफ सीट मानी जाती है और यहां 50 फीसदी से ज्यादा मुसलमान वोटर हैं। ओपिनियन पोल के मुताबिक, डायमंड हार्बर से अभिषेक बनर्जी तीसरी बार लोकसभा जा सकते हैं।

तमलुक: पश्चिम बंगाल की हॉट सीटों में तमलुक का भी नाम आता है। यहां से सुवेंदु अधिकारी के भाई दिव्येंदु अधिकारी सांसद हैं। बीजेपी ने इस सीट पर अभिजीत गंगोपाध्याय पर दांव लगाया है जबकि टीएमसी ने देबांगशु भट्टाचार्य को मैदान में उतारा है। ओपिनियन पोल के मुताबिक, तमलुक की ये सीट बीजेपी को जा सकती है।

कांथी: पश्चिम बंगाल की कांथी सीट काफी चर्चित रही है। यह सुवेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी की सीट है और यहां अधिकारी फैमिली की तूती बोलती है। पश्चिम बंगाल के जंगलमहल इलाके में अधिकारी परिवार ने जिसे चाहा उसे जितवाया है। अधिकारी परिवार कभी ममता के साथ था, लेकिन अब वे बीजेपी में हैं। इस बार भी ये सीट बीजेपी के खाते में जाती दिख रही है।

हुगली: हुगली से बीजेपी की लॉकेट चटर्जी मौजूदा सांसद हैं। वह अपनी एग्रेसिव पॉलिटिक्स के लिए जानी जाती हैं। पहले वह बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या के मुद्दे पर सक्रिय थीं, और अभी संदेशखाली के मुद्दे पर जमकर प्रचार कर रही हैं। हुगली की ये सीट एक बार फिर बीजेपी के खाते में जा सकती है।

आसनसोल: पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से तृणमूल कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा सांसद हैं। 2019 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो बीजेपी के टिकट पर यहां से जीते थे और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। उपचुनाव हुए तो शत्रुघ्न सिन्हा जीत गए। बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति ने यहां से भोजपुरी के सुपरस्टार पवन सिंह का टिकट दिया था लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। आसनसोल बिहार की सीमा से लगती सीट है और यहां बड़ी संख्या में बिहार से आए वोटर हैं। इस बार यहां टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा को बीजेपी हरा सकती है।

बर्धमान दुर्गापुर: इस सीट से बीजेपी के एसएस अहलूवालिया सांसद हैं। 2019 में TMC की ममताज संघमिता को सिर्फ 2400 वोटों के मार्जिन से हराकर वह चुनाव जीते थे। इस बार यहां बड़ा मुकाबला है। बीजेपी ने अपने दिग्गज नेता दिलीप घोष को मैदान में उतारा है जबकि टीएमसी ने कीर्ति आज़ाद को उम्मीदवार बनाया है। ओपिनियन पोल के मुताबिक, इस सीट को बीजेपी सीट सकती है।

जाधवपुर: पश्चिम बंगाल की जाधवपुर सीट से 2019 में तृणमूल की मिमी चक्रवर्ती जीती थीं। मिमी चक्रवर्ती एक्ट्रेस और सिंगर हैं। बीते 15 फरवरी को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था फिर भी जाधवपुर की ये सीट तृणमूल के खाते में जा सकती है। बीजेपी के अनिर्बान गांगुली को टीएमसी की सायोनी घोष हरा सकती हैं।

कोलकाता दक्षिण: यह पश्चिम बंगाल की हाई प्रोफाइल सीट है। यहां ममता बनर्जी का अपना घर है। कोलकाता साउथ की इस सीट से 2019 के चुनाव में तृणमूल की माला रॉय जीती थीं और इस बार फिर वही टीएमसी की उम्मीदवार हैं। बीजेपी ने देबाश्री चौधरी को टिकट दिया है, लेकिन इस बार भी यह सीट टीएमसी के खाते में जाती दिख रही है।

हावड़ा: पश्चिम बंगाल की हावड़ा सीट से तृणमूल के प्रसून बनर्जी सांसद हैं। प्रसून बनर्जी 3 लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं और एक बार फिर टीएमसी के उम्मीदवार हैं। इस सीट पर मुस्लिम वोटर बहुसंख्यक हैं और यहां से तृणमूल को हराना बहुत मुश्किल है।

पश्चिम बंगाल में बदल गया माहौल!

इंडिया टीवी-CNX ओपिनियन पोल के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में बीजेपी लोकसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है। बीजेपी जहां सूबे की 42 में से 22 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है, वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस 19 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर रह सकती है। कांग्रेस इन चुनावों में एक सीट जीत सकती है जबकि लेफ्ट शायद अपना खाता भी न खोल पाए।

असम में भी एनडीए मार सकता है बाजी

असम की 14 लोकसभा सीटों में से बीजेपी इस बार 11 सीटों पर अपना परचम लहरा सकती है। वहीं, AGP, UPPL और AIUDF को एक-एक सीट पर जीत मिल सकती है। कांग्रेस के लिए सूबे में खाता खोलना मुश्किल हो सकता है। AGP और UPPL के बारे में बता दें कि ये दोनों ही दल NDA का हिस्सा हैं।