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Hindi News बिहार Bihar News: पटना में 90 घरों पर चले बुलडोजर के बाद मचा बवाल, धारा 144 लागू

Bihar News: पटना में 90 घरों पर चले बुलडोजर के बाद मचा बवाल, धारा 144 लागू

Bihar News: यह बवाल राजीव नगर स्थित नेपाली कॉलोनी में रविवार को उस वक्त शुरू हुआ, जब हजारों की संख्या में पहुंचे पुलिसकर्मी और दर्जनों बुलडोजरों ने 90 अवैध घरों को ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध किया। पुलिस और उनके बीच झड़प भी हुई। देखते ही देखते ये झड़प हिंसा में बदल गई। 

Bulldozer Action- India TV Hindi Image Source : TWITTER Bulldozer Action

Highlights

  • पटना में 90 घरों पर चले बुलडोजर के बाद मचा बवाल
  • पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प
  • 40 एकड़ जमीन पर बने अवैध मकानों के खिलाफ हुई कार्रवाई

Bihar News: अवैध मकानों पर बुलडोजर चलते ही बिहार के पटना में बवाल मच गया है। धारा 144 लगाई गई है। यह बवाल राजीव नगर स्थित नेपाली कॉलोनी में रविवार को उस वक्त शुरू हुआ, जब हजारों की संख्या में पहुंचे पुलिसकर्मी और दर्जनों बुलडोजरों ने 90 अवैध घरों को ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध किया। पुलिस और उनके बीच झड़प भी हुई। देखते ही देखते ये झड़प हिंसा में बदल गई जिसके बाद पुलिस ने दर्जनों लोगों के गिरफ्तार कर लिया। प्रशासन की ये कार्रवाई 40 एकड़ जमीन पर बने अवैध मकानों के खिलाफ हुई। 

इसमें लैंड माफिया एक्टिव हैं: पुलिस

पुलिस ने बताया कि डेढ़ महीने पहले 90 अवैध मकानों को खाली कराने के लिए नोटिस भेजा गया था। लेकिन इसके बाद भी लोग घर खाली नहीं कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि इस इलाके में पांच हज़ार से ज्यादा लोग रहते हैं। 40 एकड़ जमीन पर 90 अवैध मकान बने थे जिन्हें बुलडोजर से हटा दिया गया है। पुलिस के मुताबिक इसमें लैंड माफिया एक्टिव हैं। इसको लेकर विज्ञापन दिया गया है कि इस जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती, लेकिन फिर भी इसको बेचा जा रहा है।

1974 में शुरू हुआ विवाद

पूरा विवाद 1974 में तब शुरू हुआ, जब बिहार हाउसिंग बोर्ड ने रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स बनाने के  लिए यहां के किसानों से जमीन खरीदनी शुरू की। किसानों ने आरोप लगाया कि जमीन अधिग्रहण के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। बाद में कोर्ट हाउसिंग बोर्ड को आदेश दिया कि वो किसानों को ब्याज सहित मुआवजा दें। हालांकि अब तक बोर्ड की तरफ से किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया है। जिसके बाद नाराज होकर किसानों ने अपनी जमीन बेचनी शुरू कर दी। इसके साथ ही विवाद की शुरुआत हुई।