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Hindi News बिहार मोतिहारी: किडनी ऑपरेशन के बाद मरीज की मौत, गुस्साए परिजनों ने जमकर की तोड़फोड़, डॉक्टर भागे, दूसरे मरीज की मौत

मोतिहारी: किडनी ऑपरेशन के बाद मरीज की मौत, गुस्साए परिजनों ने जमकर की तोड़फोड़, डॉक्टर भागे, दूसरे मरीज की मौत

सर्जरी के बाद मरीज की मौत हो गई तो परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की। डॉक्टर जान बचाकर भाग गए। ऐसे में न्यूरो का ऑपरेशन कराने आए एक लड़के की मौत हो गई।

Candle March- India TV Hindi Image Source : REPORTER INPUT अस्पताल के खिलाफ कैंडल मार्च

बिहार के मोतिहारी में एक निजी मेडिकल सेंटर में मरीज की मौत के बाद जमकर बवाल हुआ। गुरुवार को एक मरीज की किडनी का ऑपरेशन हुआ था। इसके बाद उसकी मौत हो गई। इससे गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मृतक के परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की। उन्होंने आईसीयू, काउंटर और अन्य जगहों पर तोड़फोड़ की। इसका सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है। परिजनों ने अस्पताल कर्मी के साथ मारपीट शुरू की तो कर्मचारियों ने भाग कर अपनी जान बचाई।

हंगामे के चलते डॉक्टर और सहयोगी स्टाफ अस्पताल से भाग गए। ऐसे में न्यूरो का ऑपरेशन कराने आए एक लड़के की इलाज के अभाव में मौत हो गई। अब मेडिकल सेंटर में हुई मौत ने सियासी रूप ले लिया है। घटना के 24 घंटे बाद शनिवार शाम हजारों लोगों ने उर्दू लाइब्रेरी से जुलूस निकाला। इन लोगों ने कहा कि रहमानिया मेडिकल सेंटर में ऑपरेशन के दौरान हुई मौत की जांच होनी चाहिए। इसके बाद जिला प्रशासन के अस्पातल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

क्या है मामला?

छतौनी थाना क्षेत्र में स्थित रहमानिया मेडिकल सेंटर में एक मरीज किडनी में पथरी का ऑपरेशन कराने पहुंचा था। वह खुद बाइक चलाकर अस्पताल गया था। ऑपरेशन आयुष्मान भारत कार्ड के जरिए डॉ अमित कुमार ने किया। हालांकि, ऑपरेशन के बाद ही मरीज की स्थिति गंभीर हो गई। थोड़ी देर बाद उसे 6 यूनिट ब्लड, 2 यूनिट प्लाजमा चढ़ाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने उन्हें कोई जानकारी नहीं दी और मरीज से मिलने नहीं दे रहे थे। मरीज के परिजनों ने जबरन मरीज से मिलने की कोशिश की। इस दौरान बेड पर मरीज का शव पड़ा देख भड़क गए।  परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। चटाई थाना के पुलिसकर्मियों ने अथक प्रयास के बाद परिजनों को शांत करते हुए शव का पोस्टमार्टम कराया।

अस्पताल प्रशासन की सफाई

रहमानिया मेडिकल सेंटर के डायरेक्टर डॉ तबरेज आलम ने प्रेस वार्ता कर अपनी सफाई दी। उन्होंने बताया कि मेडिकल सेंटर में की गई तोड़फोड़ में करीब 20 लाख के ग्लास, कंप्यूटर, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक समान का नुकसान हुआ है। डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों ने भाग कर जान बचाई। कई घंटे मरीजों की सेवा बाधित रही। इस कारण एक बच्चे की न्यूरो सर्जरी हुई थी, उसकी मौत हो गई। कई अन्य मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। 

अस्पताल के खिलाफ जुलूस

पीड़ित परिजनों के साथ शहर के हजारों लोगों ने उर्दू लाइब्रेरी से गांधी चौक मशाल जुलूस निकाला। जुलूस के दौरान प्रशासन से मामले में जांच की मांग की गई। नगर निगम के उपमेयर समेत कई पार्षद भी मशाल जुलूस में शामिल हुए।

(मोतिहारी से अरविन्द कुमार की रिपोर्ट)

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