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Hindi News बिहार नीतीश के बयान से लेकर आरक्षण तक; जानें बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में क्या-क्या हुआ

नीतीश के बयान से लेकर आरक्षण तक; जानें बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में क्या-क्या हुआ

बिहार विधानसभा का ये शीतकालीन सत्र बेहद जोरदार और शोरदार रहा। इस सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं पर ऐसा बयान दे दिया कि पूरी देश की राजनीति में विवाद छिड़ गया। इसके अलावा आरक्षण संशोधन बिल 2023 भी इस सत्र में पारित किया गया।

nitish kumar - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO बिहार विधानसभा में बोलते सीएम नीतीश कुमार

पटना: बिहार विधानमंडल का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस सत्र में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने का ऐतिहासिक विधेयक पारित किया गया। बिहार विधानमंडल का इस शीतकालीन सत्र में जनसंख्या को नियंत्रित करने में महिलाओं के बीच शिक्षा के महत्व पर दोनों सदनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर विवाद भी खूब हुआ। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर नीतीश के बेहद तीखे हमले भी सबने देख। इसके अलावा और भी कई मुद्दों के कारण ये सत्र खासी चर्चा में रहा। 

आरक्षण संशोधन बिल 2023 पर रहा फोकस 

हालांकि, मुख्यमंत्री ने बुधवार को महिलाओं पर एक दिन पहले की गई टिप्पणियों के लिए बिहार विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह माफी मांगी। लेकिन मुख्यमंत्री के माफी मांगने के बाद भी विपक्षी सदस्यों ने उनकी टिप्पणी को लेकर दोनों सदनों में हंगामा किया। बिहार विधानमंडल के इस सत्र के दौरान दोनों सदनों में पेश किए गए बिहार पदों और सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) (संशोधन) विधेयक 2023 और बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में) आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 शामिल रहे। इन विधेयक में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में जाति आधारित कोटा बढ़ाकर 65 प्रतिशत किए जाने का प्रावधान किया गया है। 

आरक्षण की कुल सीमा अब 75 प्रतिशत

सरकार द्वारा आयोजित राज्य के जाति आधारित सर्वेक्षण में पता चला है कि सामान्य श्रेणियों की तुलना में हाशिए पर रहने वाली जातियों की स्थिति आर्थिक और सामाजिक रूप से काफी खराब है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत कोटा के पहले से मौजूद प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए, राज्य में नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की कुल सीमा अब 75 प्रतिशत होगी। ये दोनों विधेयक, जिसे विधानमंडल के दोनों सदनों में से पारित किए गए अब राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को उनकी सहमति के लिए भेजे जाएंगे। 

सत्र में ये विधेयक भी किए गए पारित

बिहार विधानमंडल के इस सत्र के दौरान ध्वनि मत से पारित किए गए अन्य प्रमुख विधेयकों में बिहार विनियोग (संख्या-4) विधेयक 2023, बिहार सचिवालय सेवा (संशोधन) विधेयक 2023, बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2023 तथा बिहार पंचायत राज (संशोधन) विधेयक 2023 शामिल हैं। 

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