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Hindi News एजुकेशन एक ऐसी जगह, जहां लड़की की जगह लड़के होते हैं विदा; जानें कहां की है परंपरा

एक ऐसी जगह, जहां लड़की की जगह लड़के होते हैं विदा; जानें कहां की है परंपरा

शादी के बाद लड़कियों को अपना घर छोड़ कर जाना पड़ता है, ये बात तो सभी जानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है कि शादी के बाद कोई लड़का अपनी घर छोड़कर लड़की के घर जाता हो? अगर नहीं सुना है तो कई ज्यादा अचंभित मत होइए, आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताएंगे जहां पर ये ही रिवाज है।

एक जगह ऐसी भी, जहां शादी के बाद लड़कियां नहीं लड़के होते हैं विदा- India TV Hindi एक जगह ऐसी भी, जहां शादी के बाद लड़कियां नहीं लड़के होते हैं विदा

A place where boys leave their home after marriage: हमारे देश में विभिन्न समुदाय के अलग-अलग लोग रहते हैं। जिनकी संस्कृति से लेकर पहनावा तक कई मायनों में बिलकुल एक दूसरे से बिलकुल अलग होता है। इसीलिए भारत को विविधताओं का देश बोला जाता है। लेकिन देश हो या विदेश, हर जगह हर घर्म में शादी के बाद लड़कियों को अपना घर छोड़ कर जाना पड़ता है, ऐसा ज्यादातर देखा जाता है। अब, आप सब ये सोच रहे होंगे कि ये बात तो हमको भी पता है कि शादी के बाद लड़कियां अपना घर छोड़कर अपने पति के घर यानी ससुराल जाती हैं। लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है कि शादी के बाद कोई लड़का अपनी घर छोड़कर लड़की के घर जाता हो? अगर नहीं सुना है तो कई ज्यादा अचंभित मत होइए, आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताएंगे जहां पर ये ही रिवाज है। 

कहां फॉलो होती है ये परंपरा?
ऐसा हो सकता है कि आप लोगों में से कुछ को इस जगह के बारे में पता हो, पर ज्यादातर लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं। काफी लोगों को इस बात को जानकर काफी हैरानी भी होगी कि ऐसा भी कोई स्थान है जहां शादी के बाद लड़की की जगह लड़का घर छोड़ता है। दरअसल, ये अनूठी परंपरा भारत के मेघालय राज्य में एक विशेष समुदाय द्वारा फॉलो की जाती है। मेघालय के चेरापुंजी इलाके में खासी जनजाति के लोगों में यही रिवाज है। चेरापुंजी इलाके में रहने वाली इस खासी जनजाति में शादी होने के बाद लड़की की बजाय लड़का घर छोड़कर लड़की के यहां रहने जाता है। हालांकि, कुछ दिन बाद वह अपना घर बदल लेते हैं। 

कौन होता है मुखिया, पुरुष या महिला?
इस जनजाती की एक और पुरानी परंपरा है, इस परंपरा के मुताबिक सबसे छोटी बेटी मां-बाप के साथ रहेगी और उनकी सेवा करेगी। हालांकि, उससे बड़ी लड़कियां अपना घर छोड़कर अलग हो सकती हैं। लेकिन वो भी एक निश्चित समय के बाद ऐसा कर सकती हैं। खासी जनजाति में एक खास बात ये भी है कि यहां घर में महिलाएं ही मुखिया होती हैं। इसके अलावा एक बात और है कि जब प्रॉपर्टी का बंटवारी होता है तो लड़को को कम व लड़कियों को ज्यादा हिस्सा मिलता है। इसमें भी सबसे ज्यादा हिस्सा मां-बाप के साथ रहने वाली छोटी लड़की को मिलता है। 

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