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Hindi News एजुकेशन सरकारी नौकरी पूर्व-अग्निवीरों के लिए गृह मंत्रालय का बड़ा ऐलान, BSF के बाद अब CISF में भी मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

पूर्व-अग्निवीरों के लिए गृह मंत्रालय का बड़ा ऐलान, BSF के बाद अब CISF में भी मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

करीब एक हफ्ते पहले ही गृह मंत्रालय ने ‘अग्निपथ’ योजना को बढ़ावा देने के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) में रिक्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट के साथ ही 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी। अब यही फैसला CISF के लिए भी किया गया है।

CISF में भी पूर्व-अग्निवीरों के लिए आरक्षण - India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE CISF में भी पूर्व-अग्निवीरों के लिए आरक्षण

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में रिक्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है। बता दें कि मंत्रालय ने एक सप्ताह पहले सीमा सुरक्षा बल (BSF) में भी पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का घोषणा की थी। इतना ही नहीं मंत्रालय ने अधिकतम आयु सीमा में छूट देने की भी अधिसूचना जारी की है जो इस पर निर्भर करेगी कि वह अग्निवीर के पहले बैच के हैं या बाद वाले बैच के हैं। इस अधिसूचना में कहा गया है कि पूर्व अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी छूट दी जाएगी। 

BSF में भी पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण
गौरतलब है कि करीब एक हफ्ते पहले ही गृह मंत्रालय ने ‘अग्निपथ’ योजना को बढ़ावा देने के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) में रिक्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट के साथ ही 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है। सीमा सुरक्षा बल, जनरल ड्यूटी कैडर (अराजपत्रित) भर्ती नियम, 2015 में संशोधन के बाद यह घोषणा एक अधिसूचना के जरिये की गई और यह 9 मार्च 2023 से प्रभावी होगी। इस अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘दस प्रतिशत रिक्तियां पूर्व-अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगी।’’ मंत्रालय ने कहा कि हालांकि पूर्व अग्निवीरों के पहले बैच के उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा में पांच साल तक की छूट होगी, अन्य बैच के उम्मीदवारों के लिए यह सीमा तीन साल तक की छूट होगी। अधिसूचना में कहा गया है कि पूर्व अग्निवीरों को भी शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट मिलेगी। 

क्या है केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल 14 जून को दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए, थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ नामक योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। योजना के तहत भर्ती होने वालों को ‘अग्निवीरों’ के नाम से जाना जाएगा। चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद योजना में नियमित सेवा के लिए हर बैच से 25 प्रतिशत सैनिकों को बरकरार रखने का प्रावधान किया गया। गृह मंत्रालय ने घोषणा की थी कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियां 75 प्रतिशत अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगी।

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