A
Hindi News चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव 2019 पहली प्राथमिकता तो राजगढ़ सीट, लेकिन पार्टी जहां से चुनाव लड़ाएगी लड़ लूंगा: दिग्विजय सिंह

पहली प्राथमिकता तो राजगढ़ सीट, लेकिन पार्टी जहां से चुनाव लड़ाएगी लड़ लूंगा: दिग्विजय सिंह

कमलनाथ द्वारा दिग्विजय सिंह के भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान करने के कुछ ही घंटे बाद दिग्विजय ने कहा कि वैसे तो मेरी पहली प्राथमिकता राजगढ़ लोकसभा सीट है, लेकिन उसके बावजूद पार्टी जहां से भी लड़ाना चाहेगी मैं वहां से चुनाव लडूंगा।

<p>Digvijay Singh</p>- India TV Hindi Digvijay Singh

इंदौर (मध्यप्रदेश): मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान करने के कुछ ही घंटे बाद दिग्विजय ने शनिवार को कहा कि वैसे तो मेरी पहली प्राथमिकता राजगढ़ लोकसभा सीट है, लेकिन उसके बावजूद पार्टी जहां से भी लड़ाना चाहेगी मैं वहां से चुनाव लडूंगा।

राज्यसभा सांसद एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘वैसे तो 2020 तक मेरा राज्यसभा का टाइम है, लेकिन फिर भी पार्टी चाहती है कि मैं लोकसभा में जाऊं। वैसे तो मेरी पहली प्राथमिकता राजगढ़ संसदीय सीट सही है, जहां का मैं वोटर भी हूं। लेकिन उसके बावजूद मैंने पार्टी अध्यक्ष (राहुल गांधी) व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा है कि जहां से पार्टी लड़ाना चाहेगी, मैं वहां से चुनाव लड़ लूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां से कांग्रेस अध्यक्ष कहेंगे वहां से (लोकसभा चुनाव) लड़ लूंगा। लेकिन लडूंगा जरूर।’’

दिग्विजय ने कहा कि मैंने जीवन में हमेशा चुनौतियों को स्वीकार किया है और चुनौतियों को स्वीकार करना मेरी आदत में शुमार है। इसलिए मुझे कोई दिक्कत नहीं है। बालाकोट में हुए हवाई हमले पर उनके द्वारा कथित रूप से सबूत मांगने को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा था। मैंने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में यह प्रश्न चिन्ह लग रहा है। इसलिए केंद्र सरकार को इस मामले में उनके पास जो भी प्रमाण है सामने रखना चाहिए।’’

दिग्विजय ने कहा, ‘‘आप यह क्यों भूल जाते हैं कि पुलवामा में 44 लोग शहीद हुए। आईजी कश्मीर ने इस हमले के 6 दिन पहले 8 फरवरी को कश्मीर के सीआरपीएफ, पुलिस, सेना, सबको सूचना दी थी कि कोई भी घटना हो सकती है और यह सीआरपीएफ का 2500 लोगों का काफिला जा रहा है। रोड को सेंसिटाइज किया जाना चाहिए था, क्योंकि जैश-ए-मोहम्मद ने पहले ही चेतावनी दी थी। उसके बावजूद यह घटना कैसे हो गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘रांग साइड से आकर उसने (आतंकवादी ने) यह हमला कर दिया, जिसमें 44 लोग शहीद हुए। यह ‘ग्रॉस इंटेलिजेंस फेलियर’ है। इस पर आज तक न मीडिया चर्चा करती है, न प्रधानमंत्री ने कोई बयान दिया, न राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस पर जवाब दिया। इन प्रश्नों के जवाब कौन देगा।’’