Hindi News इलेक्‍शन लोकसभा चुनाव 2019 अरविंद केजरीवाल ने कहा, राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों में AAP के साथ गठबंधन से इनकार किया

अरविंद केजरीवाल ने कहा, राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों में AAP के साथ गठबंधन से इनकार किया

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली में लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन की संभावनाओं पर विराम लग गया है।

Rahul Gandhi refused to forge alliance with AAP for LS polls, says Arvind Kejriwal- India TV Hindi Rahul Gandhi refused to forge alliance with AAP for LS polls, says Arvind Kejriwal

नई दिल्ली: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली में लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन की संभावनाओं पर विराम लग गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी दी है कि राहुल गांधी गठबंधन के लिए तैयार नहीं हुए। एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने हाल ही में राहुल से मुलाकात की थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘AAP के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।’ दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित के उनसे संपर्क ना करने के बयान पर केजरीवाल ने कहा, ‘हमने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। दीक्षित इतनी महत्वपूर्ण नेता नहीं हैं।’ केजरीवाल लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए लगातार कांग्रेस से गठबंधन करने की अपील कर रहे हैं।

आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों से ऐसी चर्चा चल रही थी कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो सकता है। पार्टी के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने हाल ही में कहा था कि दिल्ली के दीर्घकालिक परिणामों पर ध्यान देते हुए गठबंधन की संभावना कम है। सूत्र ने कहा, ‘बड़ा सवाल यह है कि गठबंधन के बाद AAP 2020 चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला कैसे करेगी। साथ ही, पार्टी को राजनीतिक रूप से ज्यादा फायदा नहीं होगा क्योंकि केजरीवाल द्वारा केवल 2-3 सीटों की पेशकश की जा रही है।’ इसके साथ ही अब साफ हो गया है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में अब दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा।

पार्टी सूत्रों ने कहा था कि गठबंधन के मुद्दे पर दिल्ली कांग्रेस बंटी हुई है। दीक्षित और उनके तीन कार्यकारी अध्यक्ष गठबंधन का विरोध कर रहे हैं।  कांग्रेस में इस गठबंधन को लेकर कई दिनों तक मंथन चला था, लेकिन अंतत: पार्टी ने फैसला लिया कि इन चुनावों में अकेले ही उतरना ठीक होगा। कई दौर की बैठकों के बाद भी जब दिल्ली के नेताओं में इस मामले पर आम सहमति नहीं बन पाई तो अंतिम फैसला राहुल के ऊपर छोड़ दिया गया था। (PTI से इनपुट्स के साथ)