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Hindi News चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव 2019 'सुनो नीतीश, लालटेन अंधेरा हटाने वाला जबकि तीर हिंसा फैलाने का प्रतीक'

'सुनो नीतीश, लालटेन अंधेरा हटाने वाला जबकि तीर हिंसा फैलाने का प्रतीक'

इस पत्र को लालू ने ट्विटर पर भी पोस्ट किया है। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद इन दिनों चारा घोटाले के कई मामलों में रांची की एक जेल में सजा काट रहे हैं। स्वास्थ्य कारणों से वे रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं। 

'सुनो नीतीश, लालटेन अंधेरा हटाने वाला जबकि तीर हिंसा फैलाने का प्रतीक'- India TV Hindi 'सुनो नीतीश, लालटेन अंधेरा हटाने वाला जबकि तीर हिंसा फैलाने का प्रतीक'

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने लोकसभा चुनाव 2019 में आखिरी चरण के चुनाव से पहले फेसबुक पोस्ट के जरिए बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल-युनाइटेड (जद-यू) प्रमुख नीतीश कुमार पर हमला बोला है। चारा घोटाले में जेल में बंद लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार के नाम से एक फेसबुक पोस्ट लिखा है और उसमें उन्हें जनता की पीठ में छुरा घोंपने वाला बताया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष ने नीतीश कुमार को संबोधित, मीडिया को जारी इस पत्र में राजद के चुनाव चिह्न 'लालटेन' को अंधेरा हटाने वाला जबकि जद-यू के 'तीर' को हिंसा का पर्याय बताया। 

लालू प्रसाद ने पत्र में नीतिश को छोटा भाई बताते हुए लिखा, "सुनो छोटे भाई नीतीश, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तुम्हें आजकल उजालों से कुछ ज्यादा ही नफरत हो गई है। दिनभर लालू और उसकी लौ लालटेन-लालटेन का जाप करते रहते हो। तुम्हें पता है कि नहीं, लालटेन प्रकाश और रोशनी का पर्याय है। मोहब्बत और भाईचारे का प्रतीक है। गरीबों के जीवन से तिमिर (अंधेरा) हटाने का उपकरण है। हमने लालटेन के प्रकाश से गैरबराबरी, नफरत, अत्याचार और अन्याय का अंधेरा दूर भगाया है और भगाते रहेंगे। तुम्हारा चिह्न 'तीर' तो हिंसा फैलाने वाला हथियार है। मार-काट व हिंसा का पर्याय और प्रतीक है।" 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा, "जनता को लालटेन की जरूरत हर परिस्थिति में होती है। प्रकाश तो दिए का भी होता है। लालटेन का भी होता है, और बल्ब का भी होता है। बल्ब की रोशनी से तुम बेरोजगारी, उत्पीड़न, घृणा, अत्याचार, अन्याय और असमानता का अंधेरा नहीं हटा सकते। इसके लिए मोहब्बत के साथ खुले दिल और दिमाग से दिया जलाना होता है। समानता, शांति, प्रेम और न्याय दिलाने के लिए खुद को दिया और बाती बनाना पड़ता है।" 

उन्होंने कहा, "समझौतों को दरकिनार कर जातिवादी, मनुवादी और नफरती आंधियों से उलझते व जूझते हुए खुद को निरंतर जलाए रहना पड़ता है। तुम क्या जानो इन सब वैचारिक और सैद्घांतिक उसूलों को। डरकर शॉर्टकट ढूंढना और अवसर देख समझौते करना तुम्हारी बहुत पुरानी आदत रही है।"

लालू ने आगे लिखा, "यह जमाना मिसाइल का है, तीर का जमाना लद गया है। तीर अब संग्रहालय में दिखेगा। लालटेन हर जगह जलता दिखेगा। पहले से अधिक जलता हुआ मिलेगा क्योंकि 11 करोड़ गरीब जनता की पीठ में तुमने विश्वासघाती तीर ही ऐसे घोंपे हैं। बाकी तुम अब कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ, तुम्हारी मर्जी।" 

इस पत्र को लालू ने ट्विटर पर भी पोस्ट किया है। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद इन दिनों चारा घोटाले के कई मामलों में रांची की एक जेल में सजा काट रहे हैं। स्वास्थ्य कारणों से वे रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं। 

लालू प्रसाद के पुत्र और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद ने रविवार को बिहारवासियों को एक पत्र लिखकर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा था।