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Hindi News चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज 2023 में 9 राज्यों में होंगे विधानसभा चुनाव, मिलेगी 2024 के लोकसभा चुनावों की झलक, जानें डिटेल्स

2023 में 9 राज्यों में होंगे विधानसभा चुनाव, मिलेगी 2024 के लोकसभा चुनावों की झलक, जानें डिटेल्स

आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2023 में जिन 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें लोकसभा की116 सीटें आती हैं। यानी 116 सीटों पर जनमत की एक ऐसी तस्वीर उभर कर आएगी जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि 2024 का चुनाव परिणाम क्या हो सकता है।

चुनाव- India TV Hindi Image Source : पीटीआई/फाइल चुनाव

नई दिल्ली: देश की चुनावी राजनीति के लिए भी वर्ष 2023 अहम होने वाला है। क्योंकि इसके ठीक अगले साल केंद्र की मोदी सरकार के पांच साल पूरे हो जाएंगे और लोकसभा का चुनाव होना है। उससे पहले वर्ष 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होंगे जिनके परिणामों में वर्ष 2024 की सियासी तस्वीर की झलक छिपी हो सकती है। 

आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2023 में जिन 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें लोकसभा की116 सीटें आती हैं। यानी 116 सीटों पर जनमत की एक ऐसी तस्वीर उभर कर आएगी जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि 2024 का चुनाव परिणाम क्या हो सकता है।  इन 9 राज्यों में सबसे अहम मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ का चुनाव अहम है। इनमें मध्य प्रदेश और कर्नाटक में बीजेपी की सरकार है जबकि तेलंगाना में टीआरएस की सरकार है वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। इनके अलावा 2023 में मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड और मिजोरम विधानसभा के चुनाव भी संपन्न होंगे। सबसे पहले एक नजर डालते हैं कि किस राज्य में लोकसभा की कितनी सीटें हैं।

9 राज्यों में लोकसभा की कुल 116 सीटें

  1. छत्तीसगढ़-11
  2. मध्य प्रदेश-29
  3. कर्नाटक-28
  4. राजस्थान-25
  5. तेलंगाना17
  6. मेघालय-2
  7. त्रिपुरा-2
  8. नागालैंड-1
  9. मिजोरम-1

मध्य प्रदेश

2023 में जिन 9 राज्यों में चुनाव होंगे उनमें लोकसभा की सबसे ज्यादा 29 सीटों मध्य प्रदेश में पड़ती हैं। 2018 के विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी यहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन बहुमत पाने से चूक गई थी। विधानसभा की 230 सीटों में से उसे 113 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने निर्दलीय विधायकों की सहयोग से सरकार बनाई और कमलनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बने। 2020 के मार्च महीने में कमलनाथ न बहुमत खो दिया और प्रदेश में एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बन गई। हालांकि 2019 के लोकसभा 

कर्नाटक चुनाव

2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी लेकिन बहुमत के आंकड़े से 9 सीट दूर रह गई। तत्कालीन गवर्नर विजूभाई वाला ने बीजेपी नेता येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। 2021 में यहां मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया गया। येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। 2023 का विधानसभा चुनाव बसव राज बोम्मई के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। इसके साथ ही प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर जनमत के रुझान का अनुमान भी मिल सकेगा।

राजस्थान चुनाव

2018 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस ने 100 सीटें हासिल कर बहुमत प्राप्त किया था जबकि बीजेपी के खाते में महज 73 सीटें आई थीं। यहां हर 5 साल में सत्ता बदलने का रिवाज कायम रहा। कांग्रेस के अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एक बार फिर ऐसा अनुमान है कि जनता सत्ता बदलने के रिवाज को कायम रख सकती है और प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन सकती है। हालांकि विधानसभा में सत्ता परिवर्तन का असर 2019 के लोकसभा चुनावों पर नहीं दिखा और बीजेपी और उसके सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल ने लोकसभा की सभी 25 सीटें जीत ली थी।

तेलंगाना

तेलंगाना में विधानसभा में कुल 119 सीटें हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने बहुमत हासिल की थी और चंद्रशेखर राव की अगुवाई में सरकार बनी। यहां बीजेपी 100 से ज्यादा सीटों पर अपनी जमानत नहीं बचा पाई थी लेकिन ठीक एक साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 4 सीटें जीती थीं। 2023 में विधानसभा चुनाव का परिणाम निश्चित तौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव की एक झलक प्रस्तुत करेगा।

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा का चुनाव 2023 में होना है। पिछले विधानसभा चुनाव में लंबे अर्से से सत्ता में रही बीजेपी को बड़ा झटका लगा था और प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनी थी। कांग्रेस ने विधानसभा की 90 में से 68 सीटें जीत ली थी। हालांकि करीब एक साल बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल 11 लोकसभा सीटों में से 9 पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी।

पिछले चुनावों को देखते हुए कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि 2023 में होनेवाले विधानसभा चुनाव के परिणाम मतदाताओं के रुझान का संकेत तो दे सकते हैं लेकिन 2024 के चुनाव में ठीक वैसी ही तस्वीर सामने आए, इसका अनुमान लगा पाना मुश्किल होगा।