A
Hindi News चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: मंसा से 2017 में सिर्फ 524 वोटों से जीती थी कांग्रेस, इस बार भी दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: मंसा से 2017 में सिर्फ 524 वोटों से जीती थी कांग्रेस, इस बार भी दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद

Gujrat Vidhansabha Chunav 2022: गुजरात में विधानसभा चुनावों के लिए अब मतदान की तारीख धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। गुजरात की मंसा सीट पर 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि नतीजे 8 दिसंबर को आने हैं। ऐसे में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है।

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022- India TV Hindi Image Source : INDIA TV गुजरात विधानसभा चुनाव 2022

Gujrat Vidhansabha Chunav 2022: गुजरात में विधानसभा चुनावों के लिए अब मतदान की तारीख धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। गुजरात की मंसा सीट पर 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि नतीजे 8 दिसंबर को आने हैं। ऐसे में सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है। भाजपा और कांग्रेस जहां पारंपरिक प्रतिद्वंदी हैं तो वहीं इस बार आम आदमी पार्टी भी ताल ठोंक रही है। मगर मंसा सीट पर वर्ष 2012 से लगातार कांग्रेस का कब्जा है।  हालांकि वर्ष 2017 में भाजपा और कांग्रेस में इस सीट पर काफी नजदीकी और कड़ा मुकाबला हुआ था, जिसमें कांग्रेस को सिर्फ 524 मतों से जीत मिली थी। ऐसे में इस सीट पर 2022 विधानसभा चुनाव में भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।

इस विधानसभा सीट से अबकी बार भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने पुराने प्रत्याशियों को बदल दिया है। भाजपा ने जहां इस सीट से जयंतीभाई पटेल को प्रत्याशी बनाया है। तो वहीं कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक पटले सुरेश कुमार का टिकट काटकर बाबुभाई ठाकोर पर दांव खेल दिया है। जबकि आप की ओर से भास्कर पटेल किस्मत आजमा रहे हैं। वर्ष 2017 में कांग्रेस के पटेल सुरेश कुमार चतुर्दस ने भाजपा के अमितभाई हरिसिंह भाई चौधरी को 524 वोटों से हराया था। यह विधानसभा सीट महेसाणा संसदीय क्षेत्र में आती है। भाजपा के जयश्री पटेल यहां से लोकसभा सदस्य हैं। उन्होंने कांग्रेस के एजे पटेल को 2 लाख 81 हजार से अधिक मतों से हराया था।

दो बार से लगातार मंसा में कांग्रेस का है कब्जा
मंसा सीट पर कांग्रेस का 2012 से लगातार कब्जा बना हुआ है। वर्ष 2012 में यहां से अमितभाई हरिसिंह भाई चौधरी ने 8 हजार से अधिक मतों से भाजपा के डीडी पटेल को हराया था। वर्ष 2017 में वह भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े और कांग्रेस से 524 वोटों से हार गए। इस बार भाजपा ने चौधरी को टिकट नहीं दिया। कांग्रेस ने भी अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर नया प्रत्याशी मैदान में उतारा है। इसलिए यहां भाजपा और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला माना जा रहा है। हालांकि इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ रही है, जो किसी का भी खेल बिगाड़ सकती है।