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Hindi News Explainers हिट एंड रन कानून के खिलाफ चक्का जाम, क्यों हो रहा कानून का विरोध, क्या है ड्राइवरों की मांग, जानें सबकुछ

हिट एंड रन कानून के खिलाफ चक्का जाम, क्यों हो रहा कानून का विरोध, क्या है ड्राइवरों की मांग, जानें सबकुछ

बीते कई दिनों से बस और ट्रक ड्राइवर देश के विभिन्न राज्यों में प्रदर्शन कर रहे हैं। हड़ताल के कारण कई क्षेत्रों में सप्लाई, स्कूलों, पेट्रोल पंप आदि पर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आइए जानते हैं इस मामले के बारे में पूरी जानकारी।

हिट एंड रन कानून के...- India TV Hindi Image Source : PTI हिट एंड रन कानून के खिलाफ आक्रोश।

बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र और पंजाब तक बस और ट्रक के ड्राइवरों ने हिट एंड रन कानून के खिलाफ हड़ताल का ऐलान कर रखा है। इस कारण कहीं स्कूल बंद कर दिए गए हैं तो कहीं सामान की सप्लाई में रुकावट पैदा हो गई है। हालात ऐसे हैं कि पेट्रोल पंप पर लंबी कतारें देखी जा रही हैं और लोग ज्यादा से ज्यादा पेट्रोल-डीजल लेकर घर जाना चाह रहे हैं। लेकिन ये नौबत आई क्यों? आखिर क्यों ड्राइवर इस कानून को विरोध में हैं और क्या हैं उनकी मांग? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब हमारे इस एक्सप्लेनर के माध्यम से।

Image Source : PTIहिट एंड रन कानून के खिलाफ आक्रोश।

पहले जानें क्या है हिट एंड रन कानून के नियम

कुछ ही दिनों पहले संसद ने भारतीय न्याय संहिता को पास किया था। इसमें हिट एंड रन के मामले को लेकर नए कानून बनाए हैं। इसमें मुख्यत: दो भाग हैं- पहला कि अगर कोई ड्राइवर लापरवाही के कारण किसी की मौत का कारण बनता है तो ये गैर इरादतन हत्या नहीं होगी। उसे 5 साल तक की सजा हो सकती है। वहीं, अगर कोई ट्रक या डंपर या वाहन चालक किसी व्यक्ति को कुचल कर अधिकारियों को बिना सूचना दिए भाग जाता है तो उसे अब 10 साल तक की जेल हो और 7 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। हालांकि, घायल को अस्पताल पहुंचाने पर सजा में कुछ रियायत का प्रावधान भी किया गया है।

पहले क्या थे कानून?

हिट एंड रन के लिए नए कानून बनने से पहले हादसा करने वाले ड्राइवरों के खिलाफ IPC की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाने), धारा 304ए  (लापरवाही से मौत) और धारा 338 (जान जोखिम में डालने ) के तहत केस दर्ज किया जाता था। इसमें  दो साल की सजा का प्रावधान था। कई बार ड्राइवर को आसानी से जमानत मिल जाती थी। हालांकि, अब नए कानून में अगर ड्राइवर किसी को कुचल कर फरार हो जाता है तो उसके खिलाफ धारा 104(2) के तहत केस दर्ज होगा और 10 साल की जेल और जुर्माना भरना पड़ेगा। 

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क्या हैं ड्राइवर्स की मांग?

बस और ट्रक ड्राइवरों की इस हड़ताल का नेतृत्व ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AITMC) कर रही है। AITMC का कहना है कि नए कानून में कई खामियां हैं जिनपर दोबारा सोचे जाने की जरूरत है। जानकारों की मानें तो ड्राइवर नए कानून के तहत आने वाले कड़े प्रावधानों यानी 10 साल की सजा और जुर्माने की रकम को लेकर चिंता में हैं। कुछ ने इसे काफी कठोर कानून बताया है। वाहन चालक पीएम मोदी से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 

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पेट्रोल पंप पर क्यों लग रही कतार?

ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल का कई राज्यों में बड़ा असर देखने को मिल रहा है। पेट्रोल पंप पर लंबी कतारें देखीं जा रही हैं। दरअसल इसका कारण है लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर पैनिक बायिंग यानी कि ज्यादा ईंधन की खरीद। ट्रक ड्राइवरों की इस हड़ताल के कारण ईंधन के पेट्रोल पंप तक पहुंचने में समस्या आ रही है। ऐसे में लोगों में पेट्रोल-डीजल की कमी का भय है। यही कारण है कि पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है। 

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