International Yoga Day 2021: खुद को सेहतमंद रखने के लिए करें ये 12 योगासन, हर बीमारी से रहेंगे कोसों दूर

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      कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए हर कोई खुद के स्वास्थ्य का खास ख्याल रख रहा है। ऐसे में योग काफी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। जो इम्यूनिटी मजबूत करने के साथ कई बीमारियों से निजात दिला रहा है। विश्व योग दिवस के मौके पर जानिए ऐसे ही 12 योगासनों के बारे में जिन्हें करके आप हमेशा रहेंगे निरोग।

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    इस आसन को करने से शरीर में तेजी से रक्त प्रवाह होता है। जिससे आपकी लंबाई बढ़ने के साथ साथ दिमाग तेज होता है। तनाव, चिंता से छुटकारा मिलता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन मुद्रा में बैठे जाएं। इसके बाद नॉर्मल सांस लेते हुए सिर को घुटनों के सामने फर्श पर रखें।  अंगुलियों को सिर के पीछे से पकड़ें और हाथों से सिर के पिछले भाग को सहारा दें। अब धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं और एकदम सीधे रखें। पैरों को ऊपर उठाने के लिए आप शुरुआत में दीवार का सहारा ले सकते हैं। इस दौरान आपका पूरा शरीर बिल्कुल सीधा होना चाहिए। शरीर का संतुलन अच्छी तरह से बनाए रखें। इस मुद्रा में आने के बाद 15- 20 सेकंड तक गहरी सांस लें और जितनी देर हो सकते इसी मुद्रा में रहें। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और और पैरों धीरे-धीरे नीचे जमीन पर वापस लाएं।

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    अगर आप शीर्षासन नहीं कर पा रहे हैं तो सर्वांगासन कर सकते हैं। इससे भी लंबाई बढ़ने के साथ वजन कम करने में मदद मिलती है।  इस आसन को करने के लिए सबे पहले पहले पीठ के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को शरीर से सटाकर सीधा कर लें। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए पैरों, कूल्हों और कमर को ऊपर उठाने की कोशिश करें। कमर को हाथों का देते हुए कोहनियों को जमीन से सटा लें। इस दौरान आपके शरीर का भार कंधों, कोहनियों और सिर पर होगा। इसलिए जल्दबाजी करने से बचें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें के बाद धीरे-धीरे पैर नीचे करें और अपनी  प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

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    इस आसन में पूरे 12 योगासन होते है। जिसमें प्रणामासन, पादहस्तासन, हस्त पादासन, अश्व संचालनासन, पर्वतासन ,  साष्टांगासन,  भुजंगासन, अधोमुख शवासन,  वामअश्व संचालन, पादहस्तासन,  हस्तउत्तनासन और चतुरंग दंडासन  शामिल है। इस आसन को नियमित रूप से करने से पूरा शरीर हेल्दी रहेगा।

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    इस आसन में पीठ के बल सीधे ले जाए। इसके बाद अपने दोनों पैरों को उठाकर घुटनों से मोड़ते हुए पेट के ऊपर लाकर रख लें। इसके बाद दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर से ले जाते हुए एक दूसरे से कस लें। 

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    मंडूक का अर्थ है मेंढक अर्थात इस आसन को करते वक्त मेंढक के आकार जैसी स्थिति प्रतीत होती इसीलिए इसे मंडूकासन कहते हैं।  इस आसन के लिए व्रजासन या पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथ के उंगलियों को मोड़कर मुट्ठी बनाएं। अब दोनों हाथ की मुट्ठी को नाभि के दोनों तरफ रखें और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकेंगे। इस आसन में थोड़ी देर रहने के बाद फिर आराम से  सांस छोड़ते हुए सीधे हो जाए।  इस आसन को करने से पैंक्रियाज पर दवाब पड़ता है। जिससे आपका  इंसुलिन कंट्रोल होगा। इस आसन को करने से डायबिटीज के साथ -साथ कोलाइटिस से निजात दिलाता है। इसके अलावा अगर कमर में दर्द हैं तो ज्यादा झुकने से बचें।  इस आसन को 3 से 5 बार करें। 

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    इस आसन के लिए व्रजासन या पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथ के उंगलियों को मोड़कर मुट्ठी बनाएं। अब दोनों हाथ को आगे ले जाते हुए रखे दें और अपने माथे को धरती पर आराम से रख लें। इस आसन में थोड़ी देर रहने के बाद फिर आराम से  सांस छोड़ते हुए सीधे हो जाए।  इस आसन को करने से पैंक्रियाज पर दवाब पड़ता है। 

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      वक्रासन बैठ कर किए जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है। वक्रासन 'वक्र' शब्द से निकला है जिसका मतलब होता टेढ़ा। इस आसन में रीढ़ टेढ़ी या मुड़ी हुई होती है, इसीलिए इसका यह नाम वक्रासन रखा गया है। सबसे पहले आराम से बैठ जाएं। इसके बाद अपने पैरों को सामने की ओर फैला देंगे पैरों के बीच में कोई गैप नहीं रहेगा इसके बाद दाएं पैर को मोड़ते हुए बाएं पैर के घुटने के बगल ले आएंगे और दाएं हाथ को पीठ के पीछे  से ले जाते हुए जमीन को स्पर्श करेंगे। इसके बाद  बाएं हाथ से दाहिने पैर के बाईओर से हाथ डालते हुए दाहिने पैर के घुटने को छुएंगे। सांस की गति सामान्य रखें।

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      इस आसन के लिए अपने घुटने के सहारे बैठ जाएं और कुल्हे पर दोनों हाथों को रखें। घुटने कंधो के समानांतर हो तथा पैरों के तलवे आकाश की तरफ हो।  गर्दन पर बिना दबाव डालें तटस्थ बैठे रहें। इसी स्थिति में कुछ सांसे लेते रहे। सांस छोड़ते हुए अपने प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। हाथों को वापस अपनी कमर पर लाएं और सीधे हो जाएं।

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    इस आसन को दो तरह से किया जाता है। इस आसन के लिए योग मैट में आराम से पेट के बल ले जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को अपने मुंह के सामने लाकर एक दूसरे के पास रखकर पान का आकार दें। इसके बाद  लंबी-लंबी सांस लेते हुए कमर के ऊपरी हिस्से को धीमे-धीमे उठाएं और फिर मुंह से अपने हथेलियों को छुए और फिर ऊपर जाएं। इस प्रक्रिया को 50 से 100 बार करना चाहिए। 

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      मर्कटासन कई तरीके से किया जाता है। इसके लिए पीठ के बल आराम से लेट जाए। इसके बाद कंधों के बराबर अपने हाथों को फैलाएं। फिर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें। अब दोनों पैरों को मिलाकर पहले दाएं ओर करें। इसके साथ ही गर्दन को बाएं ओर मोड़े। फिर इस तरह दोबारा करें। 

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    उत्तान का अर्थ है ऊपर उठा हुआ और पाद का अर्थ है पांव। इस आसन में पीठ के बल लेटकर पांव ऊपर उठाए जाते हैं। इसे करने के लिए पीठ के बल आराम से लेट जाएं और पैर फैला लें। पैरों की बीच दूरी नहीं होनी चाहिए। हाथ शरीर के निकट रखे रहने दें। सांस लेते हुए पांवों को मोड़े बगैर धीरे-धीरे 30 डिग्री पर उठाएं। लम्बा सांस छोड़ते हुए दोनों पांव नीचे लाएं।  

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    इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को एक साथ जोड़ लें। दोनों हाथों को शरीर के साथ लगा लें। एक लंबी गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए हाथों को पैरों को ऊपर को ऊपर की ओर उठाए। पेट की मांसपेशियों के सिकुड़ने के कारण नाभि में हो रहे खिंचाव को महसूस करें। लंबी गहरी सांसे लेते रहे और आसन को बनाए रखें।