A
Hindi News भारत राष्ट्रीय गरीब वर्ग को दस फीसदी आरक्षण संविधान के मूल ढांचे की अवहेलना नहीं है : जेटली

गरीब वर्ग को दस फीसदी आरक्षण संविधान के मूल ढांचे की अवहेलना नहीं है : जेटली

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक रूप से पिछड़े तबके के लोगों को दस फीसदी आरक्षण देना संविधान के मूल ढांचे के विपरीत नहीं है।

Arun Jatiley- India TV Hindi Image Source : PTI Arun Jatiley

नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक रूप से पिछड़े तबके के लोगों को दस फीसदी आरक्षण देना संविधान के मूल ढांचे के विपरीत नहीं है। उन्होंने इस पहल को सामान्य वर्ग के गरीबों को सबसे बड़ी मान्यता देने वाला कदम बताया है। 

उन्होंने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह केवल खोखली बात कर रही है और उसने इस हफ्ते संसद में पारित संविधान संशोधन विधेयक का बेमन से समर्थन किया। 

उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि भारत में जाति को सामाजिक या ऐतिहासिक दमन का मुख्य कारक माना जाता है जैसा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मामले में होता है अथवा उसे सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ेपन में कारक माना जाता है जैसा कि अन्य पिछड़ा वर्ग मामले में होता है। 

उन्होंने कहा कि गरीबी एक धर्मनिरपेक्ष मापदंड है और यह किसी भी समुदाय या धर्म के व्यक्ति हो सकता है। गरीबी के आधार पर आरक्षण दिया जाना किसी भी तरह से संविधान के मूल ढांचे के विपरीत नहीं है। 

उन्होंने कहा कि गरीबी आधारित आरक्षण देने का प्रधानमंत्री का निर्णय सामान्य वर्ग के गरीबों को ‘‘सबसे बड़ी मान्यता या उनके प्रति सरोकार को दर्शाता’ है और गरीबी उन्मूलन की आवश्यकता पर जोर देना है। 

अरुण जेटली ने कहा, ‘‘मुख्य विपक्षी दल ने केवल जुबानी सहानुभूति दिखाई और उसने अनिच्छा से इसका समर्थन किया। साथ ही इसमें कई खामियां निकालीं’’ उन्होंने सरकार के अन्य कदम, जैसे हर गरीब ग्रामीण को घर देना, स्वास्थ्य योजना - आयुष्मान भारत और ब्याज में सब्सिडी देने जैसे उपायों की भी चर्चा की। 

Latest India News