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Hindi News भारत राष्ट्रीय सरकारी स्कूल के एक कमरे में ठूस-ठूसकर बंद किए गए आवारा गौवंश, 17 गाय-बैलों की मौत

सरकारी स्कूल के एक कमरे में ठूस-ठूसकर बंद किए गए आवारा गौवंश, 17 गाय-बैलों की मौत

ग्वालियर जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर डबरा तहसील के समूदन गांव में आवारा घूम रहे गौवंशों को सरकारी स्कूल के एक छोटे से कमरे में कथित रूप से सात दिन तक बिना चारा-पानी के ठूस-ठूस कर बंद कर दिया गया, जिससे आठ गायों सहित 17 गौवंश की मौत हो गई।

<p>Representative Image</p>- India TV Hindi Image Source : PTI Representative Image

ग्वालियर (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश में गौ रक्षा और गौ सेवा के दावे और वादे के साथ सत्ता में आई कमलनाथ सरकार के राज में ग्वालियर जिले में 17 गायों को बंद करके रखने के चलते मौत हो जाने का मामला सामने आया है। मामला डबरा सिटी थाना अंतर्गत ग्राम समूदन का है, जहां पटवारी भवन के एक कमरे में 17  गोवंशों को पिछले कुछ दिनों से एक कमरे में भूखे-प्यासे रखकर मरने के लिए छोड़ दिया गया था। 

गौ पालन मंत्री लाखन यादव ने जहां इस मामले में जांच कर सभी आरोपियों को सजा दिलाने की बात कही है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए कमलनाथ सरकार को दोषी ठहराया है। मध्य प्रदेश की हर पंचायत में गौशाला खोलने का वादा कर सत्ता में आई कमलनाथ सरकार ग्वालियर जिले में हुई 17 गायों की मौतों के चलते विपक्ष के निशाने पर है। 

मामला ग्वालियर जिले के डबरा के ग्राम समूदन का है। जहां स्कूल परिसर में बुधवार सुबह से ही जेसीबी द्वारा खुदाई चल रही थी। जानकारी लेने पर पता चला कि यहां मरी हुई गायों को दफनाया जा रहा है, जो किन्हीं अज्ञात व्यक्तियों द्वारा स्कूल के ही एक कमरे में पिछले छह सात दिनों से बंद की गई थीं। मीडिया को जानकारी लगने के बाद मौके पर कुछ मीडिया कर्मियों के पहुँचने पर जेसीबी चालक भाग गया। 

लेकिन, पुलिस को खबर करने के बाद जेसीबी चालक को पकड़ लिया गया और जेसीबी जब्त की गई। वहीं, एसडीएम राघवेंद्र पांडेय के मुताबिक, फिलहाल गायों के शवों को गड्ढे से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया जाएगा और मामले की जाँच करने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, मध्य प्रदेश में छह लाख से ज्यादा गोवंश सड़कों पर हैं, जिसके चलते न केवल दुर्घटनाएं होती हैं बल्कि गोवंश गांव वालों की फसलों को भी नुकसान करते हैं।

हाल ही में दिग्विजय सिंह ने भी सड़कों पर मौजूद गायों को गौशाला में भेजने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा था कि आप सच्चे गोभक्त तभी कहलाएंगे जब गौ माता के लिए गौशाला खोलेंगे। यही वजह है कि 17 गायों की मौत की जानकारी लगते ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ को और हर पंचायत में गौशाला खोलने की उनकी योजना को कटघरे में खड़ा कर दिया। 

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘सरकार ने अब तक गौशाला क्यों नहीं बनाई। ये तो हर पंचायत में गौशाला खोलने की बात करते थे। अगर अब तक गौशाला खुल गई होतीं तो गायों की ये दुर्दशा नहीं होती। इसके लिए कमलनाथ सरकार की लेटलतीफी जिम्मेदार है।’

वहीं, कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल गौशाला खोलने की योजना पर काम कर रहे गोपालन मंत्री ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में कहा कि ‘मुझे कल जानकारी मिली थी कि एक सिरफिरे युवक ने गायों को एक कमरे में बंद कर दिया है। मुझे लगता है 7 दिन में भूख और पानी की वजह से डेथ हो गई है। बहुत दर्दनाक और दुखद है। जिस भी व्यक्ति ने यह कृत्य किया है, उसके खिलाफ जांच कराने के आदेश दे रहा हूं और जांच में दोषी पाए जाने पर उसके साथ सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे।’

मध्य प्रदेश में हर रोज होती गायों कि मौत बताती है कि सरकारों के लिए गौमाता सिर्फ वोट का सहारा है। चुनाव के वक्त गौ माता के नाम पर वोट मांगे जाते हैं लेकिन चुनाव के बाद यह गौ माता सड़कों पर खड़ी नजर आती हैं। ऐसे में ग्वालियर जिले में हुई गायों की मौतों ने कमलनाथ सरकार के हर पंचायत में गौशाला खोलने के वादे और दावे पर सवालिया निशान जरूर खड़े कर दिए हैं।

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