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Hindi News भारत राष्ट्रीय लॉ कमिशन ने खेलों में सट्टेबाजी को वैध करने और इसे टैक्स के दायरे में लाने की सिफारिश की

लॉ कमिशन ने खेलों में सट्टेबाजी को वैध करने और इसे टैक्स के दायरे में लाने की सिफारिश की

लॉ कमिशन की सिफारिश को यदि मान लिया जाता है, तो जल्द ही भारत में खेल में सट्टेबाजी और जुए को कानूनी तौर पर मान्यता दी जा सकती है...

Representational Image | Pixabay- India TV Hindi Representational Image | Pixabay

नई दिल्ली: लॉ कमिशन की सिफारिश को यदि मान लिया जाता है, तो जल्द ही भारत में खेल में सट्टेबाजी और जुए को कानूनी तौर पर मान्यता दी जा सकती है। विधि आयोग या लॉ कमिशन ने गुरुवार को सिफारिश की है कि क्रिकेट समेत अन्य खेलों पर सट्टे को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स सिस्टम के तहत रेग्युलेटेड गतिविधियों के रूप में अनुमति दी जाए। कमिशन ने यह भी सुझाव दिया है कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) आकर्षित करने के लिए स्रोत के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाए।

आयोग की रिपोर्ट ‘लीगल फ्रेमवर्क: गैंबलिंग ऐंड स्पोर्ट्स बेटिंग इनक्लूडिंग क्रिकेट इन इंडिया’ में सट्टेबाजी के नियमन के लिए और इससे टैक्स रेवेन्यू अर्जित करने के लिए कानून में कुछ संशोधनों की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘संसद सट्टेबाजी के नियमन के लिए एक आदर्श कानून बना सकती है और राज्य इसे अपना सकते हैं या वैकल्पिक रूप में संसद संविधान के अनुच्छेद 249 या 252 के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए विधेयक बना सकती है। यदि अनुच्छेद 252 के तहत विधेयक पारित किया जाता है तो सहमति वाले राज्यों के अलावा अन्य राज्य इसे अपनाने के लिए स्वतंत्र होंगे।’

आयोग ने सट्टेबाजी या जुए में शामिल किसी व्यक्ति का आधार या पैन कार्ड भी लिंक करने की और काले धन का इस्तेमाल रोकने के लिए नकदी रहित लेन-देन करने की भी सिफारिश की। गौरतलब है कि देश में अभी खेलों में सट्टेबाजी वैध नहीं है, फिर भी गैर-कानूनी ढंग से इसमें कई लाख करोड़ रुपये का कारोबार होता है। यही नहीं, मोबाइल और इंटरनेट के जरिए बेटिंग का कारोबार तेजी से फैल भी रहा है। आपको बता दें कि कई देशों में सट्टेबाजी को कानूनी मान्याता प्राप्त है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने लॉ कमिशन से कहा था कि वह इसे वैध बनाने की संभावनाओं पर पर विचार करे।

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