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Hindi News भारत राष्ट्रीय अन्ना हजारे का अनशन जारी रहेगा, सरकारी मसौदे को बताया बेकार, भीड़ बढ़ी

अन्ना हजारे का अनशन जारी रहेगा, सरकारी मसौदे को बताया बेकार, भीड़ बढ़ी

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार द्वारा उनकी मांगों को लेकर भेजे गए मसौदे को निर्थक बताते हुए अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को जारी रखने का फैसला किया है।

Anna Hazare Hunger strike, Ramleela maidan- India TV Hindi Image Source : PTI Anna Hazare Hunger strike

नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार द्वारा उनकी मांगों को लेकर भेजे गए मसौदे को निर्थक बताते हुए अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को जारी रखने का फैसला किया है। टीम अन्ना की कोर कमेटी के एक सदस्य सुशील भट्ट ने कहा, "हमें सरकार का मसौदा मिला लेकिन अन्ना जी ने कहा कि इसमें पुराने वादे किए गए हैं और इसमें कुछ भी नया नहीं है इसलिए यह निर्थक है। यह सामान्य दस्तावेज है। कम से कम एक मंत्री को उनसे मिलना चाहिए।"

हजारे ने शुक्रवार को कहा था कि वे आंदोलन के समय सरकार से चर्चा करेंगे लेकिन अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का उनका सत्याग्रह तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार किसी ठोस योजना पर नहीं पहुंचती। आंदोलन के दूसरे दिन रामलीला मैदान में आंदोलनकारियों की भीड़ बढ़ती रही जिनमें ज्यादातर किसान थे जबकि साल 2011 के आंदोलन में सर्वाधिक आक्रोशित रहा मध्यवर्ग कुछ हद तक कम रहा।

शनिवार को आंदोलन में ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के लोग शामिल रहे तथा कुछ लोग महाराष्ट्र और राजस्थान से भी आए। भट्ट ने कहा कि आंदोलन में रविवार को वास्तव में संख्या बढ़ेगी। इस साल जनवरी में सचिवालय के बाहर जहर खाकर जान देने वाले महाराष्ट्र के किसान धर्म पाटिल के बेटे नरेंद्र पाटिल भी इस आंदोलन में भाग लेने आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके पिता की मृत्यु के बाद भी लंबे समय से लंबित मुआवजा नहीं दिया है।

पाटिल ने कहा, "लिखित में आश्वासन देने के बाद भी महाराष्ट्र सरकार ने मेरे पिता की मृत्यु के बाद किए वादे पूरे नहीं किए। यह धोखेबाजी है। वर्तमान में किसान विरोधी व्यवस्था में मैंने किसानों की आवाज ऊंची उठाने के लिए इस आंदोलन का हिस्सा बनने का फैसला किया है।" हजारे भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्र और राज्यों में लोकायुक्त नियुक्त करने, चुनाव तंत्र में सुधार और देश में कृषि संकट के हल के लिए एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के राय बरेली से आए शिव प्रसाद राजपूत ने कहा, "कीमतों में कमी होने के कारण हम भयानक वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं और हमारे पास घरों पर न तो राशन है और न ही पैसा। हम अन्ना जी से उम्मीद लगाए बैठे हैं। मात्र मांगे स्वीकार होने की स्थिति में ही हम अपने घर लौटेंगे।"

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