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Hindi News भारत राष्ट्रीय असम में नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन जारी, हिंसा की कोई खबर नहीं

असम में नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन जारी, हिंसा की कोई खबर नहीं

आसू के मुख्य सलाहकार ने आरोप लगाया कि सरकार ‘अशांति’ फैलाकर तथा प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करके लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है।

Assam News- India TV Hindi Image Source : PTI  All Assam Student Union members along with locals during their 'Satyagraha' rally against the Citizenship Amendment Act (CAA) at Tezpur.

गुवाहाटी। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ बृहस्पतिवार को पूरे असम में प्रदर्शन जारी रहे जहां कई सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने गुवाहाटी तथा राज्य के कई स्थानों पर धरने दिये। कहीं से हिंसा की कोई खबर नहीं है। गुवाहाटी उच्च न्यायालय बार संघ ने अदालत परिसर के अंदर ‘सत्याग्रह’ किया तथा ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) द्वारा आयोजित राज्यव्यापी आंदोलन में भाग लिया।

आसू के प्रमुख सलाहकार समुज्जल कुमार भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हमारा आंदोलन हिंदुओं, मुसलमानों या अन्य किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। यह केवल अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ है और कानून निरस्त होने तक जारी रहेगा।’’

कांग्रेस ने पूरे राज्य में ‘जन सत्याग्रह’ आयोजित किया। पार्टी सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने विभिन्न स्थानों पर धरने दिये। वाम लोकतांत्रिक मोर्चा ने भी यहां धरने दिये। मोर्चा में माकपा, भाकपा, भाकपा माले, आरसीपीआई, जनता दल (एस), राकांपा, एलडीपी, आप और असम संग्रामी मंच शामिल हैं।

आसू के मुख्य सलाहकार ने आरोप लगाया कि सरकार ‘अशांति’ फैलाकर तथा प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करके लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, ‘‘कानून स्पष्ट रूप से असम और पूर्वोत्तर की जनता की भावनाओं का अपमान करता है। यह राज्य और उसकी जनता का अपमान है।’’ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि पार्टी तब तक चुप नहीं रहेगी जब तक सरकार कानून को वापस नहीं लेती।

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