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Hindi News भारत राष्ट्रीय भीमा कोरेगाव हिंसा केस: पुणे पुलिस ने आनंद तेलटुम्बड़े को किया गिरफ्तार, नक्‍सलियों से लिंक होने का शक

भीमा कोरेगाव हिंसा केस: पुणे पुलिस ने आनंद तेलटुम्बड़े को किया गिरफ्तार, नक्‍सलियों से लिंक होने का शक

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस ने आज लेखक आनंद तेलटुम्बड़े को गिरफ्तार किया है। तेलतुंबड़े को मुंबई से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को आनंद तेलतुबंड़े पर माओवादियों से संबंध रखने का शक है।

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पुणे पुलिस ने एल्गार-परिषद माओवादी संबंध मामले में दलित शिक्षाविद् आनंद तेलटुम्बड़े को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। ‘गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ के प्रोफेसर तेलटुम्बड़े को पुलिस ने शनिवार की तड़के मुम्बई हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। ​अधिकारी ने बताया कि मुम्बई पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और बाद में पुणे पुलिस के हवाले कर दिया। 

पुणे पुलिस के संयुक्त आयुक्त शिवाजी बोडखे ने कहा,‘‘ उन्हें पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें आज दिन में अदालत में पेश किया जाएगा।’’ पुलिस को आनंद तेलटुम्बड़े पर माओवादियों से संबंध रखने का शक है। इस मामले में कुछ महीने पहले पुणे पुलिस ने तेलटुम्बड़े के गोवा स्थित घर पर छापेमारी भी की थी। कल ही पुणे सेशन कोर्ट ने तेलटुम्बड़े की अग्रिम जमानत रद्द की थी। 

इस मामले में पुणे पुलिस पी वरवरा राव,सुधा भारद्वाज,अरुण फरेरा,गौतम नबलखा और वेरनोन गोंजाल्विज जैसे कुछ वामपंथी विचारकों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। शुक्रवार को तेलतुंबड़े की जमानत को रद्द करते हुए अतिरिक्‍त सत्र न्‍यायाधीश किशोर वडाने ने कहा था कि जांच अधिकारियों के पास तेलटुम्बड़े  के खिलाफ पर्याप्‍त सबूत हैं। 

मामले की जांच कर रहे सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार ने कहा, ‘‘पुणे की एक अदालत के शुक्रवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद हमने आज उन्हें गिरफ्तार करने का निर्णय लिया।’’ तेलटुम्बड़े के वकील रोहन नाहर ने गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें 11 फरवरी तक गिरफ्तारी से छूट दे रखी है। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी गिरफ्तारी उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना है और हम इसके खिलाफ याचिका दायर करेंगे।’’ 
 
वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने भी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए ट्वीट किया, ‘‘डॉक्टर आनंद तेलटुम्बड़े को मुम्बई हवाई अड्डे से पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया, जो कि उच्चतम न्यायालय के उस आदेश का बड़ा उल्लंघन है जिसमें उन्हें गिरफ्तारी से 11 फरवरी तक छूट दी गई है। यह उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। डॉ. आनंद तेलटुम्बड़े को तुरंत रिहा किया जाए।’’ 
 
गौरतलब है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किशोर वडाने ने शुक्रवार को पाया था कि जांच अधिकारी ने अपराध में आरोपी (तेलटुम्बड़े) की संलिप्तता दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री एकत्रित की है। अभियोजन पक्ष ने बृहस्पतिवार को ‘‘साक्ष्यों’’ वाला एक लिफाफा सौंपा था और दावा किया था कि यह माओवादी गतिविधियों में तेलटुम्बड़े की संलिप्तता को साबित करता है। उन्होंने पुणे अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने एल्गार परिषद मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज की थी।
 
पुलिस के अनुसार माओवादियों ने पुणे में 31 दिसम्बर 2017 को एल्गार-परिषद सम्मेलन का समर्थन किया था और यहां दिए गए भड़काऊ भाषण के बाद अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा भड़क गई थी।

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