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Hindi News भारत राष्ट्रीय कोविड-19 प्रबंधन को लेकर राज्यसभा में भिड़े भाजपा-आप के सदस्य

कोविड-19 प्रबंधन को लेकर राज्यसभा में भिड़े भाजपा-आप के सदस्य

आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य राज्यसभा में कोविड-19 के प्रबंधन मुद्दे पर गुरुवार (17 सितंबर) को आपस में भिड़ गए। 

BJP, AAP clash over Covid-19 management during Rajya Sabha debate- India TV Hindi Image Source : PTI BJP, AAP clash over Covid-19 management during Rajya Sabha debate

नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य राज्यसभा में कोविड-19 के प्रबंधन मुद्दे पर गुरुवार (17 सितंबर) को आपस में भिड़ गए। आप ने ताली और थाली बजाने तथा दीप जलाने जैसे कार्यक्रमों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान का उपहास करते हुए इन्हें 'मूर्खतापूर्ण' कदम बताया वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के ही निर्णयों का परिणाम है कि भारत आज दृढ़ता से इस बीमारी का मुकाबला कर रहा है। 

कोविड-19 के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन द्वारा उच्च सदन में दिए गए एक बयान पर चर्चा में भाग लेते हुए आप नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में इस 'आपदा को अवसर' बनाते हुए घोटाले किए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि आक्सीमीटर और थर्मामीटर खरीदने तक में घोटाले हुए और भ्रष्टाचार के आरोप में ही भाजपा के एक प्रदेश अध्यक्ष को गिरफ्तार तक किया गया। सिंह ने ताली और थाली बजाने तथा दीप जलाने जैसे कार्यक्रमों का उपहास करते हुए इन्हें 'मूर्खतापूर्ण' कदम बताया और कहा कि इस कोरोना संकट के दौरान दिल्ली सरकार ने अनुकरणीय काम किया और दुनिया भर में दिल्ली मॉडल की चर्चा हो रही है। 

आप नेता पर पलटवार करते हुए भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ताली, थाली जैसे कार्यक्रमों का प्रधानमंत्री का आह्वान सांकेतिक था और इसके जरिए उन्होंने देश को सामाजिक रूप से एकजुट करने का प्रयास किया। उनका यह कदम ठीक वैसा ही था जैसा महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 'चरखा' को राष्ट्र को एकजुट करने के संकेत के रूप में चुना। कोरोना वायरस संक्रमण के भारत में फैलने के शुरुआती दिनों में प्रधानमंत्री ने ताली, थाली बजाने और दीपक जलाने जैसे कार्यक्रमों का आह्वान किया था। 

भाजपा नेताओं का कहना रहा है कि ऐसा करने के पीछे प्रधानमंत्री का उद्देश्य कोरोना योद्धाओं का सम्मान करना था जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे। संजय सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए त्रिवेदी ने कहा, 'दिया जलाना, थाली पीटना और ताली बजाना जैसे आह्वान कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उठाए गए सांकेतिक कदम थे, क्या चरखे के इस्तेमाल से अंग्रेज देश छोड़कर भाग जाते। चरखा सांकेतिक था जिसे महात्मा गांधी ने देश को अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट करने के लिए एक संकेत के रूप में उपयोग किया। ठीक उसी प्रकार प्रधानमंत्री मोदी ने दिया, थाली और ताली जैसे संकेतों के माध्यम से सभी भारतीयों को कोरोना के खिलाफ एकजुट करने का काम किया।' 

त्रिवेदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा और कहा कि कुछ नेता कह रहे हैं कि उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से बहुत पहले सरकार को चेताया था लेकिन वे खुद उस वक्त भारत में नहीं थे जब कांग्रेस अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध की मांग कर रही थी। उन्होंने उन आरोपों का भी खंडन किया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को गिराने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लागू करने में देरी की। भाजपा नेता ने कहा कि उस समय देश में कोरोना वायरस संक्रमण के केवल 29 मामले थे और मध्य प्रदेश में इसका एक भी मामला नहीं था।

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